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प्रमुख समाचार/संपादकीय

मोटापा-आपकी अपनी नासमझी की बीमारी

डा. बिमला रानीअंधे को अंधा नही कहकर सूरदास कहो तो ज्यादा अच्छा। ठीक भी है भाषा में शिष्टाचार होना आवश्यक है परंतु माफ करना मेरे पास मोटापे को संबोधित करने के लिए सूरदास जैसा शब्द नही है। मैं यह भी जानता हूं कि मोटे लोग नही चाहते कि उनको मोटा कहा जाए और यह भी […]

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भारतीय संस्कृति

कलेक्टरी की परीक्षा में भारतीय भाषाएँ सौतेली?

सुशील झासिविल सेवाओं में अब अंग्रेज़ी अनिवार्य ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ी में बड़ा स्कोर फायदे का सौदा होगा। कलेक्टर बनने के लिए भारत की भाषाएँ जानना अब ज़रूरी नहीं हैं, पर अगर क्लिक करें आपको अंग्रेजी नहीं आती तो आप सिविल सेवा परीक्षा में नहीं बैठ सकते। संघ लोकसेवा आयोग के इन नए नियमों के […]

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महत्वपूर्ण लेख

इंकलाब जिंदाबाद

भगत सिंह एक ऐसा नाम है, जिनके बलिदान को देश का हर नौजवान सदैव याद करता रहेगा, जिनके जज्वे को देश हमेशा सलाम करता रहेगा और जिनके विचार सदा देशवासियों को देश के प्रति ईमानदार रहने, देश की सेवा करने की प्रेरणा देते रहेंगे। उनके जीवन के अनेक ऐेसे प्रसंग हैं, जो प्रेरणाप्रद हैं, लेकिन […]

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महत्वपूर्ण लेख

अच्छे से देखो, मैं सुभाष चंद्र बोस तो नहीं हूँ

फैजाबाद के गुमनामी बाबा या भगवनजी के बारे में लगभग 27 वर्ष से यही कयास लगते रहे हैं कि कहीं वह क्लिक करेंसुभाष चंद्र बोस तो नहीं थे।चलते हैं 16 सितंबर, 1985 के दिन। फैजाबाद के रामभवन के पिछवाड़े में रह रहे गुमनामी बाबा के दो प्रमुख भक्त और उनके नज़दीकी डॉक्टर आरपी मिश्रा और […]

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महत्वपूर्ण लेख

कुरान और हदीस की रोशनी में शाकाहार-2

मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे….अपने शोधपत्र में डा. मुनाफ लिखते हैं-पवित्र कुरान के अनुसार प्रगति के दो मार्ग हैं-अपनी खुशियों को बढ़ाकर अथवा अपने दुखों को कम कर के लेकिन इसके लिए पशुओं की हत्या करने के लिए नही कहा गया है। मनुष्य को जिनसे प्रेम और खुशियां मिली हैं उनमें महिला, बच्चे, सोने चांदी के […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गुमनामी बाबा, भगवनजी या फिर सुभाष चंद्र बोस?

गुमनामी बाबा अयोध्या के बीचोबीच स्थित लखनऊवा हाता में कुछ वर्ष रहे।इस कहानी की शुरुआत हुई थी साल 1985 में जब मैने घर में दादाजी को किसी बाबा की मृत्यु के बारे में बात करते सुना था। समय बीतता गया और यदा कदा इस बाबा के बारे में बात होती रही जिसे फैज़ाबाद शहर में […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

भाषा परिवर्तन कैसे आता है

वाक भेद के विकार को समझना भी आवश्यक है। तनिक निम्नलिखित शब्दों पर दृष्टिपात करें कि ये किस प्रकार वाक भेद के कारण विकार ग्रस्त हो गये हैं :-शुद्घ शब्द                          अशुद्घ शब्दविभीत्सा                       […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

वर्ष प्रतिपदा को आर्य समाज की स्थापना दिवस पर विशेष

तर्ज . आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं युगों युगों तक याद रखेंगे युगों युगों तक याद रखेंगे ॠषि दयानन्द तेरा यह काज।किया पुनर्जीवित हम सबको आर्य बनाया आर्य समाज।जय देव दयानन्द .21.सो थे गहरी निद्रा में अंधकार था बहुत घना।सत्य ध्वनि वेदों की सुनकर, भागा मिथ्या स्वप्न बना।पोप और पाखण्डी, मुल्ला, थर.2 काँपे सुन आवाज़।किया पुनर्जीवित […]

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महत्वपूर्ण लेख

हिंदू नव संवत्सर को अपनाएं, निज गौरव का मान बढ़ाएं

विनोद बंसलभारत व्रत पर्व व त्यौहारों का देश है। यूं तो काल गणना का प्रत्येक पल कोई न कोई महत्व रखता है किन्तु कुछ तिथियों का भारतीय काल गणना (कलैंडर) में विशेष महत्व है। भारतीय नव वर्ष (विक्रमी संवत्) का पहला दिन (यानि वर्ष-प्रतिपदा) अपने आप में अनूठा है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। […]

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राजनीति

भाजपा के अनेक मोर्चां के पदाधिकारियों की घोषणा

राजीव अग्रवालरेवाड़ी। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सतीश खोला ने पार्टी के संगठन मंत्री व विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों से विचार-विमर्श के उपरांत कई मोर्चों के जिला संयोजक व सह संयोजक की घोषणा कर दी है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि महेंद्र सिंह प्रजापत को पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का संयोजक व नरेश जांगिड़ को […]

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