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समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षक दिवस

डॉ. पवन सिंह मलिक “दुनिया सुनना नहीं, देखना पसंद करती है कि आप क्या कर सकते हैं”…. और अपने अंदर छिपी इसी असीम शक्ति की पहचान करवाना, मैं कौन हूँ ओर क्या कुछ कर सकता हूँ इस भाव को परिणाम में बदलने के लिए प्रेरित करने की प्रेरणा है शिक्षक। आज शिक्षक दिवस है और […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या ब्रिटिश-पूर्व भारत के मंदिर प्रधान शैक्षिक संस्थान थे?

सौजन्य : सुभाष काक / स्वराज्य पत्रिका प्राचीन भारतीय मंदिर मानव जाति की कुछ सबसे बड़ी कलात्मक उपलब्धियाँ हैं, जिन्हें दुनियाभर में माना जाता है, लेकिन उनके इतिहास को समझने के लिए पर्याप्त अनुसंधान नहीं किया गया है। वर्तमान की अनिश्चितता और भ्रम के माध्यम से खोज, अतीत का ज्ञान रोशनी प्रदान करता है, जिसके […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मैथिलीशरण गुप्त की अमर कृति “भारत भारती”

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी (1886-1964) की ‘भारत-भारती’ से कौन हिन्दीप्रेमी परिचित नहीं है? ‘भारत-भारती’, गुप्त जी की सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्यकृति है जो विक्रम संवत् 1969 (1912-13) में पहली बार प्रकाशित हुई थी और अब तक इसके पचासों संस्करण निकल चुके हैं। एक समय था जब ‘भारत-भारती’ के पद्य प्रत्येक हिन्दीभाषी की जिह्वा पर थे। भारतीय […]

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राजनीति

विपक्षी गठबंधन और तीन सवाल

डॉ. आशीष वशिष्ठ विपक्षी गठबंधन को तीन सवालों के जवाब जल्द से जल्द ढूँढ़ने होंगे विपक्षी गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक हाल ही देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले महानगर मुंबई में संपन्न हुई। विपक्षी गठबंधन की ये तीसरी बैठक थी। पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरु में […]

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इतिहास के पन्नों से

कश्मीर के कृष्णभक्त कवि: परमानंद

डा० शिबन कृष्ण रैणा {’सुदामा-चरित’ परमान्द की प्रसिद्ध रचना है और इस में वर्णित यह पद (पंक्तियाँ) आज तक मुझे याद हैं।श्रीकृष्ण जन्म-प्रसंग को कवि ने यों वर्णित किया है: “गटिमंज गाशाव चान्ये ज्यनय जय जय जय दीवकी नंदनय।” (तेरे जन्म लेने पर अंधकार प्रकाश में बदल गया। हे दवकी-नंदन! तेरी जय-जयकार हो।) परमानन्द की […]

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आज का चिंतन

*महर्षि दयानंद जी की मूर्तियां या स्टेच्यू*

• स्वामी दयानंद सरस्वती शरीरधारी थे, उनके जीवनकाल में लिए गए उनके कुछ फोटो भी उपलब्ध हैं; इसलिए उनके चित्र, मूर्ति, स्टेच्यू आदि का निर्माण करना संभव है. उन्होंने मुम्बई में आदेश दिया था कि – मेरी तस्वीर को आर्यसमाज में मत लगाना. उन्होंने ऐसा आदेश संभवत: इसलिए दिया होगा कि एक तो वे व्यक्तिपूजा […]

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आज का चिंतन

*बगलामुखी माता एक पाखंड*

लेखक > डा० डी० के० गर्ग की कलम से* … 🖊️ 🖋️ पौराणिक मान्यता : मध्य प्रदेश में एक मंदिर है जो बगलामुखी माता के नाम से है , कहते है की ये दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। ये माता नवयौवना हैं और पीले रंग की सा‌‌डी धारण […]

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इसलाम और शाकाहार

मुहम्मद ने अपना चित्र बनवाया था !

मुस्लिम इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे ,क्योंकि उनको यही बताया गया है कि इस्लाम में चित्र या तस्वीर बनाना हराम है , लेकिन मुस्लिम यह नहीं जानते कि इसके पीछे क्या कारण है , वास्तव में मुहम्मद का रंग एक नीग्रो की तरह काला था क्योंकि उसने एक हब्शी औरत हलीमा का दूध पिया […]

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इतिहास के पन्नों से

पंजाब के अमृतसर शहर के संस्थापक गुरु रामदास

अनन्या मिश्रा भारतीय संस्कृति में गुरुओं को हमेशा भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 1 सितंबर को अमृतसर शहर के संस्थापक और सिखों के चौथे गुरु, गुरु राम दास का निधन हो गया था। उन्होंने ही अमृतसर शहर की स्थापना की थी। आइए जानते हैं […]

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मुद्दा

इसरो के बड़े संघर्ष के बाद जाकर मिली है वर्तमान सम्मानजनक स्थिति

योगेंद्र योगी एक समय ऐसा भी था जब संसाधनों की कमी की वजह से रॉकेटों को बैलगाड़ी से भी ले जाया गया था। 1981 में इसरो को कम्युनिकेशन सैटेलाइट के लिए एक टेस्ट करना था और पेलोड ले जाने के लिए बैलगाड़ी की मदद लेनी पड़ी थी। चंद्रयान तीन की सफलता की गूंज पूरे विश्व […]

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