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महत्वपूर्ण लेख

नीतीश कुमार की कलाबाजियों को देखकर शायद गिरगिट भी लजा गई होगी

निर्मल रानी नितीश कुमार बिहार की राजनीति के लिये कितना ही प्रासंगिक क्यों न रहे हों परन्तु उनके राजनैतिक जीवन का हासिल यही है कि उन्हें मीडिया ने ‘पलटी मार’ या ‘पल्टूराम’ का ख़िताब दे डाला है। नौ बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नितीश कुमार अलग अलग अवसरों पर कभी यू […]

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विविधा

आम आदमी की पहुंच से दूर होती भारतीय रेल

राकेश अचल – विभूति फीचर्स आज एक -एक दिन में देश में एक-दो, दस नहीं बल्कि 400 रेलों को रद्द किया जा रहा है। आपातकाल के अनुशासन पर्व में देश में रेलें घड़ी की सुई का कांटा मिलाकर चलती थीं लेकिन बाद में ट्रेनों के देरी से चलने का रिवाज ही बन गया। दरअसल आज […]

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विविधा

₹ 50/- प्रति किलो की लागत आती है देसी घी बनाने में!

₹ 50/- प्रति किलो की लागत आती है देसी घी बनाने में! चमड़ा सिटी के नाम से प्रसिद्ध कानपुर में जाजमऊ से गंगा जी के किनारे किनारे 10 -12 कि.मी. के दायरे में आप घूमने जाओ तो आपको नाक बंद करनी पड़ेगी! यहाँ सैंकड़ों की तादात में गंगा किनारे भट्टियां धधक रही होती हैं! इन […]

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विविधा

लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ ग्रामीण समाज

सीमा कुमारी गया, बिहार “दीदी, हमको भी पढ़ने का बहुत मन करता है. लेकिन मम्मी-पापा स्कूल जाने नहीं देते हैं, कहते हैं पढ़ कर का करेगी. चूल्हा-चौका सीख लेगी तो ससुराल में काम आएगा. घर का काम नहीं सीखेगी तो ससुराल वाले हमें बुरा कहेंगे. आप बताइए दीदी, क्या हम लड़कियों का जन्म खाली (केवल) […]

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महत्वपूर्ण लेख

ईसाई मिशनरियों पर क्या कहती है नियोगी रिपोर्ट ?

इसाई मिशनरियों की गतिविधियों पर नियोगी आयोग की रपट  मध्य प्रदेश सरकार ने सन् १९५६ में प्रकाशित की। यह रपट तीन-तीन भागों वाले दो वॉलुम में है। इस आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति भवानीशंकर नियोगी थे जो नागपुर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायधीश थे। आयोग ने धर्मान्तरण पर कानूनी रूप से रोक लगाने की सिफारिस की थी जिसे लागू नहीं किया गया। ओडिशा के कंधमाल जिले […]

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इतिहास के पन्नों से

आर्यों के आक्रमण पर डॉ आंबेडकर के विचार

आर्य आक्रमण सिद्धांत पर डॉ. अम्बेडकर डॉ. बी.आर.अम्बेडकर ने आर्यन आक्रमण सिद्धांत (एआईटी) को खारिज कर दिया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला: “ब्राह्मण और अछूत एक ही जाति के हैं।” हमारे महान राजनीतिक नेताओं में से केवल एक ने ही आर्य सिद्धांत के खोखलेपन को देखा। उन्होंने अपनी पुस्तक शूद्र कौन थे? 1946 में भारतीय संविधान पर […]

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इतिहास के पन्नों से

मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी और असम के वीर योद्धाओं का इतिहास

असम के इतिहास से सबक 13वीं शताब्दी में असम के शासक ब्रह्मपुत्र और खूबसूरत जंगलों के राज्य असम पर सदियों तक हिंदू राजाओं का शासन रहा। 13वीं शताब्दी में ही बख्तियार खिलजी ने असम पर आक्रमण किया था। उनकी विजय में एक परिवर्तित हिंदू ने मदद की थी। उन्होंने टेस्टा नदी के पत्थर के पुल […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारतीय संस्कृति को बदनाम और बर्बाद करने पर तुले ये नाटककार

जहर के व्यापारी- 2 फरवरी को पुणे की यूनिवर्सिटी में एक नाटक का मंचन किया गया जिसमें माता सीता को सिगरेट पीते हुए और गाली देते हुए दिखाया गया। यह सब अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किया गया है। सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी ( Savitribai Phule Pune University) के ललित कला केंद्र के प्रमुख […]

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इतिहास के पन्नों से

अकबर को जब वीर हिन्दू रमणी किरण देवी ने सबक सिखाया था

#डॉविवेकआर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” लगवाता था। उसमें […]

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इतिहास के पन्नों से

Maharishi Dayananda and Christianity

Sita Ram Goel Dayananda was deeply pained by the humiliations suffered by his people which were caused by the military government’s repression and debased Christian harangues against Hinduism. His first priority was to restore his people’s pride in their country and their cultural heritage. Centuries of foreign invasions had sunk Hindu society into poverty, sloth […]

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