सार वीर सावरकर ने मौलवी अहमदुल्लाह शाह के लिए अपनी किताब ‘1857 स्वातंत्र्य समर’ में पूरा एक अध्याय रखा है, और वो अध्याय रानी लक्ष्मीबाई के अध्याय से पहले लिखा है। ये किताब उस समय की घटनाओं का सजीव चित्रण करती है। इस पुस्तक में केवल मौलवी अहमदुल्लाह ही नहीं अजीमुल्लाह खान, खान बहादुर खान […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पर विशेष * संजय पंकज मनुष्य,प्रकृति,सृष्टि और परमात्मा के बीच एक निरंतरता का जो अटूट संबंध है उस संबंध को संवेदनशीलता के साथ जानने समझने और अनुभूत करने के लिए योग सबसे बड़ा माध्यम है। योग केवल कर्म का कौशल ही नहीं धर्म का यथार्थ बोध और मर्म का साक्षात्कार […]
〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ प्राचीनकाल में जब मंदिर बनाए जाते थे तो वास्तु और खगोल विज्ञान का ध्यान रखा जाता था। इसके अलावा राजा-महाराजा अपना खजाना छुपाकर इसके ऊपर मंदिर बना देते थे और खजाने तक पहुंचने के लिए अलग से रास्ते बनाते थे। इसके अलावा भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जिनका संबंध न तो […]
अशोक मधुप आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 2005 में आपदा प्रबधंन प्राधिकरण बनाया। प्रदेशों में इसकी शाखाएं विकसित की गईं। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंध के लिए अलग से पूरा तंत्र बनाना था। कुछ प्रदेशों में जनपद में इसके कार्यालय खोलकर वालंटियर बनाने का काम किया गया। हाल ही में देश को दो […]
विनोद गौतम आरंभिक अध्ययनों में यह बात जरूर सामने आई है कि यह वेरिएंट कोरोना के इलाज के लिए भारत में हाल ही में स्वीकृत मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज थेरैपी रोधी है। यानी डेल्टा प्लस वायरस पर कासिरिविमैब और इम्डिविमैब दवाओं के कॉकटेल को बेअसर माना जा रहा है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से देश अभी […]
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 १८ जून/इतिहास-स्मृति १८जून,१५७६ को सूर्य प्रतिदिन की भाँति उदित हुआ; पर वह उस दिन कुछ अधिक लाल दिखायी दे रहा था। चूँकि उस दिन हल्दीघाटी में खून की होली खेली जाने वाली थी।एक ओर लोसिंग में अपने प्रिय चेतक पर सवार हिन्दुआ सूर्य महाराणा प्रताप देश की स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए डटे […]
-प्रियांशु सेठ (18 जून, महारानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से प्रकाशित) स्वराज्य की रक्षा में अपना सर्वस्व निछावर कर देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन की स्मृतियों का स्मरण कर प्रत्येक देशप्रेमियों का मन पुलकित हो उठता है। उनकी जीवनी से हम इस बात की प्रेरणा ग्रहण करते हैं कि यदि स्वराज्य […]
स्वदेश कुमार करीब तीन दशक पूर्व तक जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में थी, तब उसके अधिकांश मुख्यमंत्री और बड़े चेहरे ब्राह्मण ही हुआ करते थे। इसके बाद मंडल और कमंडल की राजनीति में सामाजिक समीकरणों ने पिछड़ा नेतृत्व की उर्वरा जमीन तैयार की। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने और विरोधियों पर बढ़त बनाने […]
नरेंद्र नाथ हाल के दिनों में सोशल मीडिया कंपनियों का सरकार से टकराव बढ़ा है। खासकर मोदी सरकार के दूसरे टर्म में कई मसलों पर इन कंपनियों के सरकार से मतभेद हुए। कुछ मामले तो अदालत तक पहुंच गए। वॉट्सऐप से जुड़ा मसला कोर्ट में है। उधर, ट्विटर और सरकार के बीच विवाद भी दिनो-दिन […]
विजय गोखले नदी के पार चमकता शहर, जिसकी स्काईलाइन रात में रोशनी से नहाई हो और जिसका जोश देखते बनता हो। यह पढ़कर आपमें से कुछ लोगों को इस शहर के न्यूयॉर्क होने का भरम हो सकता है, लेकिन मेरा इशारा शंघाई की ओर है। इसी शहर में जुलाई, 1921 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी […]