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इतिहास के पन्नों से

राममंदिर विध्वंस एवं तुलसीदास

-अरुण लवानिया आपको कुछ मुसलमान और कम्युनिस्ट यह चिल्लाते दिखेंगे कि अगर बाबर ने हिन्दू मंदिर तोडा होता तो तुलसीदास ने लिखा होता। मगर इसका कोई प्रमाण रामचरितमानस में नहीं मिलता। सत्य यह है कि तुलसीदास जी ने बाबर के हाथों राममंदिर विध्वंस का वर्णन लिखा था। यह वर्णन रामचरितमानस में नहीं अपितु दोहा शतक […]

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आज का चिंतन

पितर, श्राद्ध और तर्पण के सत्य वैदिक स्वरूप*

पितर, श्राद्ध और तर्पण के सत्य वैदिक स्वरूप महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के अनुसार, “श्रत्सत्यं दधाति यया क्रियया सा श्रद्धा, श्रध्दया यत्क्रियते तच्छ्राध्दम् |” अर्थात जिससे सत्य को ग्रहण किया जाये उसको ‘श्रद्धा’ और जो-जो श्रद्धा से सेवारूप कर्म किये जाए उनका नाम श्राद्ध है । “तृप्यन्ति तर्पयन्ति येन पितृन् तत्तर्पणम् |” अर्थात जिस-जिस कर्म […]

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मुद्दा

क्या कांग्रेस सचमुच अपने आप में बदलाव करने को तैयार है ?

जगदीश रत्तनाणी कांग्रेस ही है जिसने देश को सोवियत संघ के तरीके वाली पंचवर्षीय योजनाएं, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को सम्मानजनक ऊंचाइयां दीं और गरीबी की समस्या से निपटना शुरू किया। यह कांग्रेस ही थी जिसने तिजोरी खाली होते हुए भी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 1991 में ‘नव उदारवादी नीतियों’ पर चलने का मार्ग […]

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उगता भारत न्यूज़

*जाहिलों की जमात में भेड़िए बने नमाज़ी, गिद्ध बने हकीम और लोमड़ी बनी काज़ी*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अक्टूबर 2021 को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एक किसान संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि “जब तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी गई है, तो किसान संगठन किसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” […]

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आर्थिकी/व्यापार

पैंडोरा-पेपर्सः काले पन्नों के सफेद दागी

प्रमोद भार्गव टैक्स हैवन यानी कर के स्वर्ग माने जाने वाले देशों में गुप्त संपंत्ति बनाने की पड़ताल से जुड़े दस्तावेजों में 300 प्रतिष्ठित भारतीयों के नाम हैं। इनमें प्रसिद्ध व्यवसायी अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, समीर थापर, अजीत केरकर, सतीश शर्मा, किरण मजूमदार शॉ, पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी, […]

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अन्य

‘सिटिज़न जर्नलिज़्म’ की संभावना व भूमिका

डॉ. पवन सिंह मलिक हम नागरिक पत्रकार क्यों बने ? इस एक प्रश्न के सही चिंतन व विश्लेषण से ही सार्थक नागरिक पत्रकार बनने की दिशा तय होती है। तभी नागरिक पत्रकार किसी मीडिया संस्थान से न जुड़े होने के बावजूद भी निष्पक्ष भाव से समाचार सामग्री का सृजन कर पायेगा। सिटिज़न जर्नलिज़्म शब्द जिसे […]

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विविधा

भारतीय महिलाओं का सबसे पसंदीदा परिधान साड़ी

मधुप आज समय बदल रहा है। जींस पैंट शर्ट, पंजाबी सलवार−सूट ज्यादा पहने जाने लगे। साड़ी को पहनने की परेशानी से बचने के लिए महिलाओं और युवतियों ने टॉप−जीन्स, सलवार−सूट स्वीकार कर लिया। भारतीय महिलाओं का सबसे पसंदीदा परिधान साड़ी अब समारोह में पहनी जाने लगी। हाल ही में दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में एक […]

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इतिहास के पन्नों से

“हिंदुस्तान ही खालिस्तान है” और “सारा खालिस्तान ही हिंदुस्तान है”

अशोक मधुप तो ऐसा करने वालों को ये जरूर सोचना चाहिए कि वो “दशम पातशाह” की शिक्षाओं का अनुकरण कर रहे हैं या उसके विपरीत जा रहे हैं? उन्हें ये जरूर सोचना चाहिए कि उनके आचरण से पवित्र “खालसा” शब्द शोभित हो रहा है अथवा इस पवित्र शब्द दुरूपयोग हो रहा है? हाल ही में […]

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उगता भारत न्यूज़

लखीमपुर खीरी में गिद्धों की जमात : लाशों को नोचने में लगे हैं*

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” लखीमपुर खीरी में गिद्धों की जमात एकत्रित हो रही है। लाल, नीले, सफेद कपड़े पहने कई जवान और बूढ़े गिद्ध वहां मंडरा रहे हैं, लाशों को नोचने को तैयार हैं। उन गिद्धों में होड़ सी मची है कौन ज़्यादा नोचकर ले जाएगा। यह मांसाहार नहीं सत्ताधारी गिद्ध […]

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कविता

ताक में बैठे गिद्व

ताक में बैठे गिद्ध ताक में बैठे गिद्व ये सारे, देख अचानक झपट पड़े… लखीमपुर की लाशों पर, करने से सियासत उमड़ पड़े ! बंगाल में हुई चुनावी हिंसा, अंगार अभी तक सुलग रहे… लेकिन गिद्धों ने आंखें मूंद ली, कोई भी वहां नहीं गए! पालघर में हुई नृशंस हत्याओं, पर भी वे खामोश रहे… […]

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