(लेखक: शंकर शरण) बादशाह अकबर के समय मुहावरा शुरू हुआ: ‘हिन्दू हाथों में इस्लाम की तलवार’। तब जब अकबर ने राजपूतों से समझौता कर अपने साम्राज्य के बड़े पदों पर रखना शुरू किया। जिन राजपूतों ने चाहे-अनचाहे पद लिए, उन्हें अकबर की ओर से हिन्दू राजाओं के विरुद्ध भी लड़ने जाना ही होता था। सो, […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अक्सर आरक्षण समर्थक यह कहते हैं कि हजारों साल शोषण किया गया, इसलिए आरक्षण हमारा हक़ है।चलिए हजारो साल पुराना इतिहास पढ़ते हैं। सम्राट शांतनु ने विवाह किया एक मछवारे की पुत्री सत्यवती से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की। सत्यवती के बेटे बाद में […]
जो नारे लगाते थे… सिर तन से जुदा… सिर तन से जुदा… उनके अंग अंग काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों में जुदा हो गए -काबुल एयरपोर्ट के चारों तरफ एक नाला है… उस नाले में सीवेज का पानी रहता है…. उस गंदे पानी में अफगानिस्तान का मुसलमान कई दिनों से खड़ा है… कि हमको […]
🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” “मोदीराज” से बस कुछ समय पूर्व भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। यह उस समय की बात है जब भारत में “बापूभक्तों” का राज था और मन को मोहने वाले श्री मनमौनजी सिंह “बादशाह” आधुनिक भाषा में प्रधानमंत्री हुआ करते थे। यह उन दिनों की बात है […]
नीरज कौशल देश में आरक्षण और जातिवार जनगणना को लेकर बहस नए सिरे से तेज हो रही है। ऐसे में जो असल में पिछड़ी जातियां हैं, उन्हें चौकन्ना हो जाना चाहिए क्योंकि जो कथित बड़ी जातियां हैं, वे केंद्र और राज्य सरकारों की OBC लिस्ट में घुस आई हैं। वे उस आरक्षण का लाभ ले […]
ईसाइयों के लिए मई का महिना मडोना की उपासना का महिना होता है। अगर मडोना नाम अलग लगे, कम सुना हुआ हो तो ऐसे समझ लीजिये कि वो जो चर्च में मदर मैरी की गोद में बच्चा लिए तस्वीरें-मूर्तियाँ दिखती हैं, उसे मडोना कहते हैं। कभी कभी उसे गोद में बच्चे के बिना भी दर्शाया […]
संतोष पाठक 1990 के बाद बिहार में एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ जिसे लाने वालों ने इसे सामाजिक न्याय का नाम दे दिया। यह दावा किया गया कि बिहार में सदियों से जो सामाजिक स्तर पर भेदभाव किया गया , उसे बदलने का अब सही वक्त आ गया है। देश के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक […]
अरुण नैथानी अब जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और देश में अराजकता का दौर है, एक बुलंद आवाज तालिबान के खिलाफ उठी है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के पलायन के बाद अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया। वे तालिबानी निरंकुशता के खिलाफ […]
(पत्रिका) (लेखक नीति अनुसंधान एवं पैरवी संस्था ‘कट्स’ के महामंत्री हैं ) प्रधानमंत्री ने करगिल दिवस पर ‘भारत जोड़ो अभियान’ Connect India Campaign का आह्वान किया था। इस आह्वान के दो अर्थ समझ में आते हैं , पहला, सबके बीच विश्वास पैदा करना और दूसरा देश में सबके साथ मिलजुल कर काम करना। हम अपने […]
राजेन्द्र शर्मा सवाल तो यह है कि क्या ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ की नरेंद्र मोदी की कल्पना, इस भयानक त्रासदी को याद रखने के अब तक के प्रयासों की मुख्यधारा के काम में कुछ जोड़ती है, उसे आगे बढ़ाती है? शायद नहीं। बेशक, यह दिन विभाजन की विभीषिका के स्मरण के लिए है। लेकिन, ऐसी […]