नोट -यह लेख 4 अक्टूबर 2010 को भारतीय देशप्रेमी मुस्लिमों के लिए बनाया था ,इसमें दिए गए कुरान के हवाले मदरसों में पढ़ने के योग्य हैं क्योंकि मौलवी यह आयतें लोगों को नहीं बताते है यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि आजतक देश के मुसलमान अपने असली दुश्मनों को नही पहिचान सके हैं.क्या […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री आजकल TMC के कुछ नेताओं ने दिल्ली में जांच एजेंसियों के ख़िलाफ़ धरना दे रखा है। इससे पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने रामलीला मैदान में मोर्चा खोला था। परन्तु यहां गौरतलब है कि उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC मुखिया ममता बनर्जी ने भाग नहीं लिया था। लेकिन अब […]
इस पुस्तक में विभाजन के समय के 350 भुक्त- भोगियों के साक्षात्कार हैं, जिन्होंने विभाजन को प्रत्यक्ष देखा और भुगता है। उनकी आपबीती की कहानियां उनकी ही जबानी। इन कहानियों में आपको मिलेगा घरों में क्या हुआ? दफ्तरों में क्या हुआ? दुकानों पर क्या हुआ? स्कूलों और कॉलेजों में क्या हुआ? गलियों में क्या हुआ? […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” आंखे आदमी के लिए वह नियमाक है जो, न रहे तो सारा संसार अंधकार में डूब जाता है। आंखे हमारे लिए सबसे अधिक मुल्यवान और महत्वपूर्ण अंग है। जरा सी अज्ञानता की वजह से हम इस बहुमूल्य अंग को खो देते हैं! और फिर सामना करते हैं, जिंदगी भर के […]
सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है? अपने से बड़ों की शक्तियों को कैसे प्राप्त करें? अर्चादिवेबृहते शूष्यं१ वचः स्वक्षत्रं यस्य धृषतो धृषन्मनः। बृहछ्वाअसुरोबर्हणाकृतः पुरोहरिभ्यां वृषभोरथोहि षः।। ऋग्वेदमन्त्र 1.54.3 (अर्चा) अर्चना, पूजा (दिवे) प्रकाशवान् के लिए (बृहते) सबसे बड़ा (शूष्यम्) शक्ति, बल (वचः) वाणियाँ (महिमा […]
मनुष्यो में धार्मिक मान्यताओं के आधार पर वर्तमान में तीन प्रमुख समूह बने हुए है हिंदू मुस्लिम ईसाई | मुस्लिम एवं ईसाई दोनो ही अपने संप्रदाय की संख्या वृद्धि के लिये नैतिक/अनैतिक प्रयास करते है और मुस्लिम तो अपनी संख्या वृद्धि के साथ दूसरे समुदाय के लोगो को मार काट करके उनकी संख्या कम करने […]
अमूल पवार अहमदाबाद, गुजरात “मैं और मेरा परिवार पिछले 15 सालों से गन्ना कटाई का काम कर रहे हैं. लेकिन हमारी इतनी कम आमदनी है कि मेरे द्वारा लिया गया कर्ज भी हम मुकद्दम (ठेकेदार) को चुका नहीं पाते हैं. इसलिए फिर सालों साल इसी काम में फंसे रहते हैं, क्योंकि हमें उसे पेशगी का […]
विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव । यद् भद्रं तन्न आ सुव ॥१॥ मंत्रार्थ – हे सब सुखों के दाता ज्ञान के प्रकाशक सकलजगत के उत्पत्तिकर्ता एवं समग्र ऐश्वर्ययुक्त परमेश्वर! आप हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों, दुर्व्यसनों और दुखों को दूरकर दीजिए, और जो कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव, सुख और पदार्थ हैं,उसको हमें भलीभांति प्राप्त कराइये। हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य […]
डॉ. वन्दना सेन अंगे्रजी नव वर्ष के बढ़ते प्रभाव के बीच राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर भारतीय नागरिकों को सचेत करते हुए लिखते हैं कि ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं, है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं। इन पंक्तियों का आशय पूरी तरह से स्पष्ट […]
आर्य-जीवन (7 April विश्व स्वास्थ्य दिवस “World Health Day” पर विशेष रूप से प्रकाशित) लेखक- पं० राजाराम प्रोफेसर प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ उठने का समय और पहला कर्तव्य नाम नाम्ना जोहवीति पुरा सूर्यात् पुरोषस:। यदज: प्रथमं संबभृव स ह तत् स्वराज्य मियाय यस्मान्नन्यत् परमस्ति भृतम्।। -अथर्व० १०/७/३१ सूर्य से पहले और उषा से पहले नाम नाम […]