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महत्वपूर्ण लेख

लड़कियों की शिक्षा के लिए उचित परिवेश की ज़रूरत

देवेन्द्रराज सुथार जालोर, राजस्थान बालिका शिक्षा में निवेश से न केवल समुदाय बल्कि देश और पूरी दुनिया का नक्शा बदल सकता है. इससे बाल विवाह की संभावना कम और स्वस्थ जीवन जीने की संभावना अधिक हो जाती है. वे उच्च आय अर्जित करती हैं एवं उन निर्णयों में भाग लेती हैं जो उन्हें सबसे अधिक […]

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मुद्दा

भविष्य की आपदा है आज की मुफ्तखोरी

डॉ. दीपक आचार्य आजकल देश में सर्वाधिक चर्चा इसी बात की है कि कल्याणकारी राज किसे कहा जाए। सामाजिक सरोकारों के निर्वहन के नाम पर लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए मुफ्त में सब कुछ बाँटते चले जाएं और इसका लाभ पाते हुए लोकप्रियता की आईसक्रीम का स्वाद लेते हुए सत्ता पर काबिज होकर […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत में जब एक शूद्र भी ब्राह्मण बन सकता था

रवि शंकर मनुस्मृति में वर्ण की ही चर्चा है, जाति की नहीं। परंतु मनु में जन्मना जाति का निषेध अवश्य पाया जाता है। उदाहरण के लिए कहा गया है कि अपने गोत्र या कुल की दुहाई देकर भोजन करने वाले को स्वयं का उगलकर खाने वाला माना जाए (मनु 3/109)। इसका सीधा तात्पर्य है कि […]

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इसलाम और शाकाहार

हूरों के आगे गिलमा क्यों भूल गए ?

हूरों के आगे गिलमा क्यों भूल गए ? आजकल सभी टीवी चैनलों पर जन्नत की 72 हूरों के बारे में बहस हो रही क्योंकि इसके बारे में एक फिल्म भी तैयार हो चुकी है लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि जन्नत में जिहादियों को 72 हूरों के साथ 8 गिलमा भी दिए […]

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इतिहास के पन्नों से

बहुत पुराना नहीं है भारत में जातीय विद्वेष

उगता भारत ब्यूरो केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के विरुद्ध संसद में लाए गए अनुसूचित जाति/जनजाति विधेयक के बाद देश में भूचाल जैसा आ गया है। सही बात तो यह है कि जातीय घृणा और विद्वेष का भाव भारतीय, वैदिक अथवा सनातनी भाव नहीं है। जातीय घृणा और भेदभाव का इतिहास हमारे […]

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विविधा

बिपरजॉय के कहर से निपटने की चुनौती

बहुत तबाही मचा सकता है बिपरजॉय चक्रवाती तूफान, बिपरजॉय के कहर से निपटने की चुनौती योगेश कुमार गोयल वैसे भारी तबाही मचाने वाले ऐसे तूफान अपने नामों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। चूंकि यह तूफान बांग्लादेश से उठा है, इसलिए बांग्लादेश ने ही इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया है। बंगाली में ‘बिपरजॉय’ […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्य समाज के महान लेखक-पंडित चमूपति

(15 जून को महाकवि पंडित चमूपति का स्वर्गवास हुआ था) पं॰चमूपति ने प्रथम विश्वयुद्ध के आरम्भ में आर्यसमाज में प्रवेश पाया। अधिक उपयुक्त तो यह होगा कि हम यह कहें कि आर्यसमाज उनमेँ प्रविष्ट हुआ। बहुत छोटी आयु में ही काव्य कला उनमेँ प्रस्फुटित हो गई। 22-24 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते वे देश के […]

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आतंकवाद

क्या यह युद्ध होगा?

मृत्युंजय राय कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दुनिया में फिर से शीत युद्ध शुरू हो गया है तो कुछ का कहना है कि यह शुरू होने वाला है। अगर इस बहस में ना भी पड़ें तो यूक्रेन युद्ध से इतना तो तय हो चुका है कि एक खेमा अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ज्यादातर यूरोपीय […]

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समाज

मूलभूत सुविधाओं की कमी पहाड़ों से पलायन का कारण है

बीना बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड अक्सर पर्वतीय समुदायों की मूलभूत सुविधाओं पर समाचार पत्रों में लेख और चर्चाएं होती रहती हैं. लेकिन धरातल पर इसके लिए किस प्रकार कार्य किया जाएगा इसका जबाब किसी के पास नहीं होता है. वर्ष 2011 की जनगणना के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 10086292 है. इसमें से […]

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राजनीति

विपक्ष का महागठबंधन : बिल्ली के गले में घण्टी बांधेगा कौन?✍️

🙏🌹सत्यमेव जयते🌹🙏 🙉🙊🙈 👉विपक्ष का महागठबंधन : बिल्ली के गले में घण्टी बांधेगा कौन?✍️ 2024 लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट अब सुनाई देने लगी है। राजनीतिक गलियारों में विपक्षी पार्टियों के “महागठबंधन” को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। और उत्तरप्रदेश के राजनीतिक पंडितों में भी यह विषय चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है। बचपन में […]

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