भारत ने अन्य देशों में हिंदू धर्म को स्थापित करने अथवा उनकी जमीन हड़पने के उद्देश्य से कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है। परंतु, वर्ष 1947 में, लगभग 1000 वर्ष के लम्बे संघर्ष में बाद, भारत द्वारा परतंत्रता की बेढ़ियों को काटने में सफलता प्राप्त करने के पूर्व भारत की हिंदू सनातन […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
प्रह्लाद सबनानी जनजाति समाज आज भी भारतीय संस्कृति का वाहक माना जाता है क्योंकि यह समाज सनातन हिंदू संस्कृति का पूरे अनुशासन के साथ पालन करता पाया जाता है। जनजाति समाज आज भी आधुनिक चमक दमक से अपने आप को बचाए हुए है। भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। […]
जनजाति समाज बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए देश में दूर दराज इलाकों के सघन जंगलो के बीच वनों में रहता है। जनजाति समाज के सदस्य बहुत ही कठिन जीवन व्यतीत करते रहे हैं एवं देश के वनों की सुरक्षा में इस समाज का योगदान अतुलनीय रहा है। चूंकि यह समाज भारत के […]
आर्थिक क्षेत्र में भी राष्ट्रीयता का भाव होना आवश्यक श्री दत्तोपंत जी ठेंगड़ी का जन्म 10 नवम्बर, 1920 को, दीपावली के दिन, महाराष्ट्र के वर्धा जिले के आर्वी नामक ग्राम में हुआ था। श्री दत्तोपंत जी के पित्ताजी श्री बापूराव दाजीबा ठेंगड़ी, सुप्रसिद्ध अधिवक्ता थे, तथा माताजी, श्रीमती जानकी देवी, गंभीर आध्यात्मिक अभिरूची से सम्पन्न […]
अभी हाल ही में भारतीय मूल के राजनेता श्री ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इस समाचार से स्वाभाविक रूप से भारतीय समाज में भी खुशी की लहर दौड़ गई। परंतु, ब्रिटेन के अलावा विश्व के अन्य 7 देशों में भी भारतीय मूल के राजनेताओं ने प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति का […]
भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का विशेष महत्व है एवं भारतीय नागरिक इन त्यौहारों को बहुत ही श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाते है। गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, होली, ओणम, रामनवमी, महाशिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, आदि त्यौहारों को भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में गिना जाता है। कुछ त्यौहारों, जैसे दीपावली, के तो एक दो माह […]
प्रह्लाद सबनानी पयर्टन क्षेत्र के तेजी से उबरते ही बढ़ने लग गये हैं रोजगार के अवसर अभी हाल ही में जारी की गई सीधी नियुक्ति मंच हायरेक्ट की ‘जॉब इंडेक्स रिपोर्ट’ के अनुसार, जून 2022 से अगस्त 2022 के तीन महीनों के दौरान टूर एंड ट्रेवल उद्योग में नए रोजगार के अवसरों में जोरदार तेजी […]
26 सितम्बर 2022 – श्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी के जन्म दिन पर विशेष लेख श्री ईश्वरचंद्र बंद्योपाध्याय “विद्यासागर” का जन्म दिनांक 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल (बंगाल प्रेसीडेंसी) के जिला मेदिनीपुर के ग्राम बिरसिंह में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री हकुरदास बंद्योपाध्याय और आपकी माता का नाम श्रीमती भगवती देवी था। आप […]
25 सितम्बर 2022 – पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय के जन्म दिन पर विशेष लेख पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय का जन्म दिनांक 25 सितम्बर 1916 को नगला चंद्रभान गांव उत्तर प्रदेश में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री भगवतीप्रसाद जी उपाध्याय एवं माता का नाम श्रीमती रामप्यारी उपाध्याय था। बचपन के साथ-साथ आपका पूर्ण जीवन […]
किसी भी देश में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए “स्व” आधारित सामूहिक दृष्टिकोण होना आवश्यक है। भारत के संदर्भ में “स्व” का मूल हिंदुत्व में ही निहित है, और भारत में “स्व” आधारित इतिहास मिलता है। इस दृष्टि से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम भी एक आध्यात्मिक एवं नैतिक कार्य था, क्योंकि यह भारत में पुनः सनातन […]