भारतीय मूल के नागरिकों का अमेरिका में आगमन विभिन स्तरों पर हुआ है। वर्ष 1890 तक भारतीय मूल के कुछ नागरिकों का कृषि श्रमिकों के रूप में अमेरिका में आगमन हुआ था। लगभग इसी खंडकाल में विशेष रूप से पंजाब से कुछ सिक्ख लोगों के जत्थे भी कनाडा एवं अमेरिका की ओर रवाना हुए थे। […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
विश्व के कई देशों में मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वहां के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में लगातार वृद्धि की जा रही है। विशेष रूप से अमेरिका में ब्याज दरों में की जा रही वृद्धि का असर अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है क्योंकि अमेरिकी डॉलर वैश्विक स्तर […]
भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]
भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी भूख मिटाने एवं अपने को सुरक्षित रखने के […]
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में वस्तुओं के आयात के मामले में एक बार पुनः भारत की निर्भरता चीन पर बढ़ी है। हालांकि पिछले 3 साल के दौरान भारत के चीन से आयात लगातार कम हो रहे थे परंतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में चीन […]
अभी हाल ही में अमेरिका के निवेश के सम्बंध में सलाह देने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान मोर्गन स्टैनली ने अपने एक अनुसंधान प्रतिवेदन में यह बताया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की दृष्टि से अगला दशक भारत का होने जा रहा है। इस सम्बंध में उक्त प्रतिवेदन में कई कारण गिनाए गए हैं। […]
अभी हाल ही में अमेरिका के निवेश के सम्बंध में सलाह देने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान मोर्गन स्टैनली ने अपने एक अनुसंधान प्रतिवेदन में यह बताया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास की दृष्टि से अगला दशक भारत का होने जा रहा है। इस सम्बंध में उक्त प्रतिवेदन में कई कारण गिनाए गए हैं। […]
आज विश्व के लगभग सभी विकसित एवं विकासशील देश आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। इन समस्त अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर एक चमकते सितारे के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार तेज गति से हो रहे सुधार के चलते आज भारत का नाम पूरे विश्व में […]
भारत ने अन्य देशों में हिंदू धर्म को स्थापित करने अथवा उनकी जमीन हड़पने के उद्देश्य से कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है। परंतु, वर्ष 1947 में, लगभग 1000 वर्ष के लम्बे संघर्ष में बाद, भारत द्वारा परतंत्रता की बेढ़ियों को काटने में सफलता प्राप्त करने के पूर्व भारत की हिंदू सनातन […]
प्रह्लाद सबनानी जनजाति समाज आज भी भारतीय संस्कृति का वाहक माना जाता है क्योंकि यह समाज सनातन हिंदू संस्कृति का पूरे अनुशासन के साथ पालन करता पाया जाता है। जनजाति समाज आज भी आधुनिक चमक दमक से अपने आप को बचाए हुए है। भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। […]