ओ३म् ========== मनुष्य के जीवन में सुख व दुःख की दो अवस्थायें होती हैं। सभी को सुख प्रिय तथा दुःख अप्रिय होता है। मुख्यतः हम जीवन भर वही कार्य करते हैं जिससे हमें सुखों की प्राप्ति तथा दुःखों की निवृत्ति होती हैं। जो प्रत्यक्ष दुःख होते हैं उनके निवारण के लिये तो सभी प्रयत्न करते […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
ओ३म् =========== मनुष्य का कर्तव्य होता है कि वह जिससे अपना कोई प्रयोजन सिद्ध करे, उसके उपकारों के बदले में उसके प्रति कृतज्ञता की भावना व्यक्त करे। कृतज्ञ होना मनुष्य का एक श्रेष्ठ गुण होता है। कृतज्ञ न होना अमानवीय होना एवं निन्दित कर्म होता है। यदि दूसरे मनुष्य व ईश्वर हम पर उपकार व […]
ओ३म् ============= चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है। यह ज्ञान सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने अपने अन्तर्यामीस्वरूप से आदि चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को दिया था। सृष्टि के आदि काल में सब ऋषियों व विद्वानों को इसका पूरा ज्ञान था। परम्परा तथा शपपथ ब्राह्मण ग्रन्थ के […]
ओ३म् ========= मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान कराता भी नहीं है। मनुष्य जीवनभर संसार के कार्यों में उलझा रहता है, अतः अधिकांश मनुष्यों को तो कभी इस विषय में विचार करने का अवसर तक नही मिलता। यदि कोई इन विषयों पर […]
ओ३म् =========== हम संसार में प्रतिदिन मनुष्यों का जन्म होते हुए देखते हैं। प्रतिदिन देश विदेश में हजारों लोग मृत्यु के ग्रास बनते हैं। ऐसा सृष्टि के आरम्भ से होता आ रहा है। हम सभी ऐसा ही अनुमान व विश्वास भी करते हैं। इस सबको समझने के बाद भी मनुष्य इस विषय को जानने का […]
ओ३म् ============= हम संसार में रहते हैं और इस सृष्टि का साक्षात् व प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। हम जानते व मानते हैं कि इस सृष्टि का अस्तित्व सत्य एवं यथार्थ है। हमारी सभी ज्ञान इन्द्रियां हमारे सृष्टि के प्रत्यक्ष एवं यथार्थ होने की पुष्टि करती हैं। हम आंखों से इस सृष्टि को देखते हैं, कानों […]
ओ३म् =============== वेद संसार के सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। वेदों के बारे में हमें यह सत्य नहीं बताया जाता कि वेदों की उत्पत्ति मनुष्यों से न होकर इस संसार के रचयिता परमात्मा से हुई है और वेदों की सभी शिक्षायें व मान्यतायें सर्वथा सत्य हैं एवं सृष्टि क्रम सहित विज्ञान की मान्यताओं के भी अनुकूल […]
ओ३म् ========= पंडित सत्यपाल पथिक जी का गुरुवार 22 अक्टूबर, 2020 को कोरोना रोग से अस्वस्थ होने के कारण अमृतसर के एक अस्पताल में प्रातः 9.15 बजे निधन हो गया। पं. सत्यपाल पथिक जी का संसार से जाना आर्यसमाज सहित वैदिकधर्म तथा देश एवं समाज की ऐसी बड़ी क्षति है जो कभी पूरी नहीं की […]
ओ३म् ============= संसार में अनेक मत व सम्प्रदाय हैं जो ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करते हैं परन्तु सब मतों की ईश्वर विषयक मान्यतायें, जो कि परस्पर समान होनी चाहियें, नहीं हैं। एक वस्तु व द्रव्य परस्पर भिन्न गुणों व स्वरूप वाला कदापि नहीं हो सकता। अतः मत-मतान्तरों की मान्यताओं में कहीं न कहीं न्यूनतायें […]
ओ३म् ============== मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं, पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर माता-पिता व […]