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आज का चिंतन हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महान् संन्यासी स्वामी सर्वानन्द सरस्वती जी द्वारा लिखित संस्मरण- “महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ के व्यक्तित्व विषयक कुछ संस्मरण”

ओ३म् ============ महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ (जन्म 18-1-1912 मृत्यु 20-1-1989) वैदिक धर्म, ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज के निष्ठावान अनुयायी एवं वेद, यज्ञ एवं साधना के प्रचारक थे। उनका जीवन धर्म, संस्कृति के प्रचार एवं यज्ञ-योग-साधना को समर्पित था। उन्होंने वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के द्वारा देश के विभिन्न भागों में जाकर यज्ञ एवं योग आदि […]

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धर्म-अध्यात्म

“वेदों का काव्यार्थ कर रहे ऋषिभक्त विद्वान श्री वीरेन्द्र राजपूत जी को पं. हरिशरण सिद्धान्तालंकार कृत ऋग्वेद भाष्य भेंट”

ओ३म् ========== श्री वीरेन्द्र कुमार राजपूत जी आर्यसमाज के एक ऐसे प्रथम विद्वान हैं जिन्होंने चारों वेदों के प्रत्येक मन्त्र पर काव्यार्थ लिखने का कार्य आरम्भ किया है। वह यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद के लगभग दस सहस्र मन्त्रों का काव्यार्थ कर चुके हैं जो उनके प्रयत्नों एवं सहयोगी प्रकाशकों से समय समय पर अनेक खण्डों में […]

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आज का चिंतन

“आर्यत्व का धारण मनुष्य को श्रेष्ठ व सफल मनुष्य बनाता है”

ओ३म् ========= हम अपने पूर्वजन्मों के अच्छे कर्मों के कारण इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। दो मनुष्यों व इनकी आत्माओं के कर्म समान नहीं होते। अतः सभी मनुष्यों के परिवेश व इनकी सामाजिक परिस्थितियां भिन्न-भिन्न देखने को मिलती हैं। वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त के अनुसार मनुष्य योनि (कर्म करने व फल भोगने […]

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आज का चिंतन

यजुर्वेद और यज्ञों का महत्व

मनमोहन कुमार आर्य चार वेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद, ईश्वरीय ज्ञान है जिसे सर्वव्यापक, सर्वज्ञ व सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता ईश्वर ने सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा को दिया था। ईश्वर प्रदत्त यह ज्ञान सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद सभी मनुष्यों के लिए यज्ञ करने का विधान करते […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

“सामवदेभाष्यकार आचार्य रामनाथ वेदालंकार का महान व्यक्तित्व”

ओ३म् ========= दिनांक 8 अप्रैल, 2022 को सामवेद के संस्कृत और हिन्दी भाषा के प्रामाणिक भाष्यकार आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी की 8 वी पुण्य तिथि थी। 8 वर्ष पूर्व उन्होंने अपने पंचभौतिक शरीर का त्याग किया था। उन्होंने जीवन भर एक आचार्य, शिक्षक एवं वैदिक साहित्य के प्रणेता सहित उच्च कोटि के ग्रन्थकार के […]

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पुस्तक समीक्षा

महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ पाणिनीयव्याकरणे यज्ञीयमीमांसा”

ओ३म् ============= हमारे गुरुकुलों में बालक बालिकाओं को प्राचीन आर्ष संस्कृत व्याकरण अष्टाध्यायी-महाभाष्य पद्धति का ऋषि दयानन्द निर्दिष्ट पद्धति से अध्ययन कराया जाता है। अध्ययन करने के बाद कुछ प्रतिभाशाली विद्यार्थी शोध उपाधि पी.एच-डी. प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं। उनका प्रिय विषय वेद, दर्शन, उपनिषद, वैदिक साहित्य सहित व्याकरण आदि हुआ करते हैं। आर्यसमाज […]

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पुस्तक समीक्षा

ओ३म् “महत्वपूर्ण लघु पुस्तक क्रियात्मक योगाभ्यास”

========= योग एवं साधना विषयक साहित्य में एक लघु ग्रन्थ ‘‘क्रियात्मक योगाभ्यास” भी है। इस पुस्तक के लेखक है कीर्तिशेष आचार्य ज्ञानेश्वर आर्य, दर्शनाचार्य जी और इसका प्रकाशन वानप्रस्थ साधक आश्रम, आर्यवन, रोजड़, गुजरात से सन् 2016 में हुआ है। पुस्तक का मूल्य मात्र 15 रुपये है तथा इसकी पृष्ठ संख्या 64 है। पुस्तक की […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “जनज्ञान मासिक पत्रिका का नया अंक – वाल्मीकि रामायण (संक्षिप्त)”

========= आर्यसमाज में साप्ताहिक, पाक्षिक तथा मासिक रूप से अनेक पत्र पत्रिकायें प्रकाशित होती है जिनमें स्वाध्याय की महत्वपूर्ण सामग्री का प्रकाशन किया जाता है। जनज्ञान भी एक ऐसी ही मासिक पत्रिका है जिसका प्रकाशन विगत 57 वर्षों से हो रहा है। इस पत्रिका का अगला अंक 58वे वर्ष का प्रथम अंक होगा। जनज्ञान मासिक […]

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पुस्तक समीक्षा

“आचार्य सत्यानन्द वेदवागीश जी की पुस्तक दयानन्द-दृष्टान्त-निधि” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

ओ३म् हम वर्ष 2018 के परोपकारिणी सभा के उत्सव ऋषि मेले में देहरादून निवासी वैदिक विद्वान डा. कृष्णकान्त वैदिक जी के साथ गये थे। वहां हमने अनेक विद्वानों सहित आचार्य सत्यानन्द वेदवागीश जी के भी दर्शन किये थे। वहां एक दिन आचार्य जी की पुस्तक ‘दयानन्द-दृष्टान्त-निधिः’ निःशुल्क वितरित की गई थी। इसकी एक प्रति हमारे […]

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व्यक्तित्व

“योगसाधक एवं यज्ञनिष्ठ ऋषिभक्त विद्वान स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी”

ओ३म् =========== स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ईश्वर एवं वेद भक्त, ऋषिभक्त, आदर्श साधक, यज्ञ एवं सद्धर्म प्रचार के लिए समर्पित, निष्ठावान व प्रेरणादायक व्यक्तित्व के धनी पावन जीवन के धनी विद्वान संन्यासी हैं। आपका जीवन सतत् साधना एवं तप का जीवन्त उदाहरण है। आप तन, मन व धन से वैदिक धर्म एवं आर्यसमाज के लिए […]

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