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आज का चिंतन

मृतक मनुष्य की बर्सी मनाने पर महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ जी का उपदेश”

ओ३म् ======== वर्तमान समय में हिन्दू समाज में किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु होने पर तेरहवीं व बर्सी आदि की अनेक प्रथायें प्रचलित हैं। परिवार के वृद्ध व युवा सदस्य की मृत्यु होने पर पूर्व निर्धारित विवाह आदि अनेक कार्यक्रमों को रोक दिया जाता है। ऐसी भी प्रथा है कि तेरहवीं वा मृतक की मृत्यु […]

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आज का चिंतन

वैदिक साधन आश्रम तपोवन ग्रीष्मोत्सव का दूसरा दिन- “बिना तप किये किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं होतीः साध्वी

ओ३म् ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के ग्रीष्मोत्सव के दूसरे दिन आज प्रातः 6.30 बजे अथर्ववेद पारायण यज्ञ हुआ। यज्ञ चार वेदियों में किया गया। सभी वेदियों में अनेक यजमानों ने उपस्थित होकर घृत एवं साकल्य की आहुतियां दीं। यज्ञ के ब्रह्मा ऋषि भक्त विद्वान स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी थे। व्याख्यान वेदी स्वामी चित्तेश्वरानन्द […]

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आज का चिंतन

-वैदिक साधन आश्रम तपोवन के शरदुत्सव का तीसरा दिन- “आर्य समाज एक अद्वितीय संस्था हैः आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ” =========

ओ३म् ========= वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के शरदुत्सव का आज तीसरा दिन था। प्रातः यज्ञशाला में चार यज्ञकुण्डों में आंशिक अथर्ववेद पारायण यज्ञ किया गया। यज्ञ में अथर्ववेद के मन्त्रों से घृत एवं हवन सामग्री की आहुतियां दी गईं। आहुतियां देते हुए सूक्त समाप्त होने पर दूसरे सूक्त का आरम्भ करने के बीच यज्ञ […]

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उगता भारत न्यूज़

वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून का ग्रीष्मोत्सव आरम्भ- “सात्विक मन मनुष्य को ऊंचाईयों की ओर ले जाता है और परमात्मा से भी मिलाता हैः उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ”

ओ३म् – ========== वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून का पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव आज दिनांक 11-5-2022 को सोल्लास आरम्भ हुआ। उत्सव में देश के अनेक भागों से अनेक साधक एवं ऋषिभक्त पधारे हुए हैं। आज प्रातः योग प्रशिक्षण के अन्तर्गत आसन, प्राणायाम एवं ध्यान का प्रशिक्षण दिया गया। प्रातः 6.30 बजे से 8.30 बजे तक सन्ध्या […]

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आज का चिंतन

“वैदिक धर्म की दृष्टि में सभी प्राणी समान हैं”

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज की शिरोमणि सभा सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के लगभग चार दशक पूर्व मंत्री रहे श्री ओम्प्रकाश पुरुषार्थी जी ने एक लघु पुस्तक ‘आर्यसमाज और अस्पर्शयता निवारण’ (कार्य प्रणाली और सफलतायें) लिखी है। इस पुस्तक के द्वितीय संस्करण का प्रकाशन सन् 1987 में हुआ था। पुस्तक की भूमिका सभा […]

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आज का चिंतन

“स्वाध्याय से लाभ और न करने से हानि होती है” =========

ओ३म् ========= मनुष्य शरीर में एकदेशी, अल्प परिमाण, सूक्ष्म व चेतन आत्मा का निवास होता है। चेतन पदार्थ का गुण-धर्म ज्ञान प्राप्ति व ज्ञानानुरूप कर्मों को करके अपनी उन्नति करना होता है। जीवात्मा व मनुष्य पर यह बात लागू होती है। संसार में जीवात्माओं से भिन्न एक परम सत्ता ईश्वर की भी है जो सत्य, […]

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आज का चिंतन

“स्वाध्याय से लाभ और न करने से हानि होती है” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य शरीर में एकदेशी, अल्प परिमाण, सूक्ष्म व चेतन आत्मा का निवास होता है। चेतन पदार्थ का गुण-धर्म ज्ञान प्राप्ति व ज्ञानानुरूप कर्मों को करके अपनी उन्नति करना होता है। जीवात्मा व मनुष्य पर यह बात लागू होती है। संसार में जीवात्माओं से भिन्न एक परम सत्ता ईश्वर की भी […]

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उगता भारत न्यूज़

“वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून का 5 दिवसीय ग्रीष्मोत्सव आगामी 11-15 मई, 2022 को”

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून आर्यजगत् की प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित संस्था है। इसकी स्थापना अमृतसर के बावा गुरमुख सिंह जी के सात्विक दान से सन् 1949 में हुई थी। बावा गुरमुख सिंह जी को आश्रम की स्थापना की प्रेरणा आर्यसमाज के एक महान संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी सरस्वती जी ने […]

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कविता भारतीय संस्कृति

“मौलिक रचना ऋग्वेद काव्यार्थ का प्रथम भाग प्रकाशित”

ओ३म् ========== ऋग्वेद और अन्य तीन यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद संसार का आदि ज्ञान एवं विश्व की प्राचीनतम पुस्तकें हैं। चारों वेद ईश्वर से प्रादुर्भूत हुए हैं। वेदों की भाषा संस्कृत है जिसके शब्द रूढ़ न होकर नित्य एवं यौगिक हैं। वेद के पदों का अर्थ अष्टाध्यायी महाभाष्य तथा निरुक्त पद्धति से किया जाता है। […]

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आज का चिंतन

“मनुष्य जीवन की उन्नति में पालन करने योग्य कुछ आवश्यक कर्तव्य”

ओ३म् ============ हम मनुष्य कहलाते हैं। इसका कारण यह है कि परमात्मा ने हमें सत्य व असत्य का विचार करने के लिए बुद्धि दी है। परमात्मा ने ही मनुष्येतर सभी प्राणियों को बनाया है परन्तु उनको मनुष्यों जैसी सत्यासत्य का विवेचन करने वाली बुद्धि नहीं दी है। वह सत्य व असत्य का विचार नहीं कर […]

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