Categories
आज का चिंतन

क्या है इतिहास की सही परिभाषा

इतिहास की भारतीय विद्वानों के अनुसार परिभाषा कुछ इस प्रकार स्थापित की जा सकती है :— ” इतिहास धर्म का रक्षक है , संस्कृति का पोषक है , मानवता का उद्धारक है, समाज का मार्गदर्शक है , राष्ट्र का उन्नायक है और अतीत में हुई दुर्घटनाओं से शिक्षा लेकर मर्यादा पथ को प्रशस्त करने वाले […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र के स्वप्न द्रष्टा : बंदा वीर बैरागी —- अध्याय — 6

———————————————– लक्ष्मण देव से बने बैरागी माधोदास क्रांतिकारी नेताओं को जन्म देने में भारत भूमि प्राचीन काल से ही उर्वरा भूमि के रूप में जानी जाती रही है । यहां पर ऋषियों ने भी क्रांति की है । जिन्होंने अपने अद्भुत आविष्कारों से संसार को चमत्कृत किया और उसको नए – नए आविष्कारों का लाभ […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

फलित ज्योतिष का ज्ञान वेदविहित न होने से कल्पनिक और त्याज्य है

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम वर्षों से देख रहे हैं कि हमारे देश में फलित ज्योतिष की यत्र-तत्र चर्चा होती रहती है और बहुत से लोग फलित ज्योतिष की भविष्य-वाणियों में विश्वास भी रखते हैं। ऐसा होने के कारण ही हमारे देश में फलित ज्योतिष के ग्रन्थों का अध्ययन कर दूसरों का भाग्य बताने वालों […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

गांधी जी के अंतिम दिन रहे थे अत्यंत दर्दनाक : श्याम सुंदर पोद्दार

गॉधीजी ने भारत की एक राजनैतिक पार्टी कॉंग्रेस को अधिनायक की तरह २७ वर्ष तक चलाया। कॉंग्रेस के अध्यक्ष को एक रबर स्टाम्प का अध्यक्ष बना कर रख दिया। कॉंग्रेस अध्यक्ष हो या कॉंग्रेस कार्यकारिणी समिति का सदस्य हो ,उन सबको गॉधीजी ही तय करते थे। सिर्फ़ एक बार व्यतिक्रम टूटा,१९३९ में जब सुभाष चन्द्र […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत कभी गुलाम नहीं रहा : छल प्रपंचों की कथा

मुझे बड़ा अटपटा लगता है जब कोई व्यक्ति-ये कहता है कि भारत वर्ष 1300 वर्ष पराधीन रहा। कोई इस काल को एक हजार वर्ष कहता है, तो कोई नौ सौ या आठ सौ वर्ष कहता है। जब इसी बात को कोई नेता, कोई बुद्धिजीवी, प्रवचनकार या उपदेशक कहता है तो मेरी यह अटपटाहट छंटपटाहट में […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अच्छा होता कि गांधीजी तब ” भारत जोड़ो आंदोलन ” चलाते

भारत के प्रथम मंत्रिमंडल के सदस्य एन वी गाडगिल ने लिखा है :– ” 3 जून की घोषणा होते ही दिल्ली के समाचार पत्रों में अटकलें लगने लगीं । गपशप के अडडों पर भविष्यवाणी की जाने लगी कि स्वाधीन भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में कौन विराजमान होगा और कौन नहीं ? – प्रतिदिन गांधी जी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

हिंदू राष्ट्र स्वप्न दृष्टा : बंदा वीर बैरागी, अध्याय-4

गुरु गोविंद सिंह जी और उनके सुपुत्रों का बलिदान पंजाब में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के काल में ही हमारे चरितनायक बंदा वीर बैरागी जी का उद्भव हुआ । यही वह काल था जब परिस्थितियों ने एक संन्यासी को भी राष्ट्र के कार्य के लिए उठा लिया और उससे वह महान कार्य […]

Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

प्लास्टिक मुक्त भारत : सरकार की एक अच्छी पहल

आगामी 2 अक्टूबर से भारत सरकार देश में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के विरुद्ध एक जोरदार अभियान आरंभ करने जा रही है । इसके अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का आवाहन किया जा रहा है । वास्तव में सरकार का यह निर्णय बहुत ही सराहनीय है । भारत जैसे देश में प्रत्येक […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

हमें भारतीयों की दिग्विजयों से परिचित नहीं कराया जाता

भारतीय इतिहास को अत्यंत दुर्बल और कायर हिंदू जाति का इतिहास सिद्घ करने के लिए तथा यहां 1235 वर्ष तक चले स्वतंत्रता संघर्ष को उपेक्षित करने के लिए हमें भारतीय शासकों के विश्व विजयी अभियानों से अथवा उत्सवों से परिचित नही कराया जाता है। देश की महानता के मापदण्ड जब आप किसी जाति के इतिहास […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

बीबीसी की एक तर्कसंगत समीक्षा : भगत सिंह की फांसी को रुकवाने में गांधी कितने लापरवाह रहे ?

देश में कुछ लोग हैं जिनको गांधी की आलोचना पचाये नहीं पचती । ऐसे सज्जनों की जानकारी के लिए बीबीसी की ओर से जारी की गई एक समीक्षा को हम यहां प्रेषित कर रहे हैं । जिसमें बीबीसी ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि गांधीजी ने शहीदे आजम भगत सिंह और उनके […]

Exit mobile version