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महत्वपूर्ण लेख

जल संकट से जुड़ी चुनौतियों की गंभीरता

 ललित गर्ग कहते हैं कि पानी की असल अहमियत वही शख्स समझता है, जो तपते रेगिस्तान में एक बूंद पानी की खोज के लिए मीलों भटका हो। वह शख्स पानी की कीमत क्या जाने, जो नदी के किनारे रहता है। भारत के कई राज्यों में पीने के पानी की भारी समस्या है और उसके […]

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आज का चिंतन

रामायण कालीन कुछ नारियां और उनके चरित्र

रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसने न केवल भारत वासियों को बल्कि संसार के अन्य देशों के निवासियों को भी एक सुव्यवस्थित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है । इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित अन्य अनेकों पात्रों की ऐसी गंभीर मर्यादानुकूल भूमिकाएं हैं कि उन्हें यदि आज का समाज स्वीकार कर ले तो संसार […]

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भारतीय संस्कृति

सामाजिक अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाली अप्रसिद्ध सी महिला हरदेवी

महर्षि दयानन्द ने अपने उद्बोधन, पत्रों तथा अन्यान्य लेखन में सर्वत्र महिला-उत्पीडऩ के विरुद्ध कार्य करने के निर्देश दिए हैं। यद्यपि महाभारत युद्ध के बाद समाज में अनेक दुर्गुणों का समावेश हो गया था और जहाँ राजधर्म विखण्डित हुआ वहीं समाज में विभिन्न प्रकार की दुर्नीतियाँ प्रचलित हो गईं। 8वीं शताब्दी के बाद इस्लामी आक्रमण […]

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महत्वपूर्ण लेख

नागरिकता संशोधन अधिनियम के पारित होने से 1947 का काम 2019 में हुआ पूरा

प्रवीण गुगनानी गाजियाबाद । ( ब्यूरो डेस्क ) तो अंततः देश विभाजन के तुरंत बाद किया जाने वाला बहू प्रतीक्षित व प्राकृतिक न्याय वाला कार्य अब पूर्ण हुआ और संसद ने नागरिकता संशोधन बिल पारित कर दिया। चाणक्य ने कहा था कि ऋण, शत्रु और रोग को समय रहते ही समाप्त कर देना चाहिए। जब […]

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महत्वपूर्ण लेख

महिलाओं के संवैधानिक अधिकार

भारत में संवैधानिक रूप से महिलाओं के कई प्रकार के वैधानिक अधिकारों की घोषणा की गई है । संविधान प्रदत्त अधिकारों की इस व्यवस्था के उपरांत भी महिलाओं पर अत्याचार होना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है । इसका अभिप्राय है कि या तो महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं या व्यवस्था ने संवैधानिक अधिकारों के […]

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पर्यावरण

यज्ञ द्वारा जीवन की सफलता शुद्ध सामग्री और व्यवहार से ही संभव

ओ३म् ========== वैदिक धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसके पास परमात्मा का सृष्टि के आरम्भ में दिया हुआ वेद ज्ञान उपलब्ध है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व तिब्बत में हुई थी। परमात्मा ने प्रथम बार अमैथुनी सृष्टि करके स्त्री व पुरुषों को युवावस्था में उत्पन्न किया था। यह मान्यता ऋषि दयानन्द […]

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आज का चिंतन

महान विदुषी महिला गार्गी का महर्षि याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ , भाग – 2

गार्गी ने चाहे जितने भी प्रश्न ऋषि याज्ञवल्क्य से पूछे , उन सबके पूछने के पीछे कारण यही था कि वह याज्ञवल्क्य ऋषि की सर्वोत्कृष्टता और सर्वश्रेष्ठता को सिद्ध कर देना चाहती थी । वह नहीं चाहती थी कि ऋषि याज्ञवल्क्य के बारे में कल को कोई यह कहे कि वह गायों के सींगों के […]

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इतिहास के पन्नों से

वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी क्यों मांगी ?

डॉ विवेक आर्य वीर सावरकर पर राहुल गाँधी द्वारा पुन: बयान दिया गया है। पूर्व में मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश […]

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व्यक्तित्व

सुप्रसिद्ध ऋषि भक्त भजनोपदेशक पंडित ब्रजपाल शर्मा कर्मठ स्मृति शेष हो गए

ओ३म् ============ संसार का नियम है कि सृष्टि बनती है और उसके बाद उसकी प्रलय आती है। सूर्योदय होता है और कुछ समय बाद अस्त हो जाता है तथा रात्रि के बाद पुनः सूर्याेदय होता है। इसी प्रकार से जीवात्माओं का मनुष्य आदि अनेक योनियों में जन्म होता है और बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा […]

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धर्म-अध्यात्म

बलशाली व संगठित मनुष्य एवं समुदाय ही सुरक्षित रह सकते हैं

ओ३म ========== परमात्मा ने जीवात्माओं को स्त्री या पुरुष में से एक प्राणी बनाया है। हम सामाजिक प्राणी हैं। हम अकेले नहीं रह सकते। परिवार में माता-पिता, दादी-दादा, भाई-बहिन, बच्चे व अन्य कुटुम्बी-जन होते हैं। परिवार समाज की एक इकाई होता है। परिवार प्रायः संगठित होता है। जो परिवार विचारों एवं भावनाओं की दृष्टि से […]

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