Categories
भारतीय संस्कृति

विष्णु के अवतार नहीं , स्वयं विष्णु हैं भगवान , क्यों ?

विष्णु के अवतार नहीं स्वयं विष्णु हैं राम विष्णु किसको कहते हैं ? विष्णु का स्वरूप किसमें कहा जा सकता है ? क्या विष्णु की सवारी गरुड़ है ? गरुड़ क्या है ? वह विशाल सा पक्षी या कुछ और होता है ? क्षीर सागर क्या तथा कहां है ? उसमें शेषनाग पर कौन लेट […]

Categories
भारतीय संस्कृति

ईश्वर और उनकी वाणी वेद ही अमृत है

हमको रूढ़िवाद , सांप्रदायिकता , जातिवाद और अज्ञान के अंधेरे को नष्ट करना होगा । क्योंकि यह मानव की अज्ञानता के द्योतक हैं और इनका भयंकर परिणाम आता है। जो समाज किसी भी प्रकार से इन्हें अपनाता है वह पतन के गर्त में समा जाता है। प्रगतिशील समाज की निशानी यही है कि वह अपने […]

Categories
भारतीय संस्कृति

जीव क्या लेकर आता है जग में और क्या लेकर जाता है ?

क्या जीव जग में कुछ भी लेकर नहीं आता ? और क्या जग से कुछ भी लेकर नहीं जाता ? क्या जीव बहुत कुछ लाता है जग में बहुत कुछ ले जाता है जग से ? उक्त शंका, भ्रांति अथवा प्रश्नों को समझने के लिए सर्वप्रथम ईश्वर , जीव और प्रकृति को जान लें। ईश्वर […]

Categories
भारतीय संस्कृति

सूर्यपुत्र न होकर कर्ण था एक महान ऋषि की संतान

अब मैं आपको एक अन्य विचित्र घटना से अवगत कराने जा रहा हूं। जो कुंती और कर्ण और श्वेत मुनि के संबंध में ही है। श्रंग ऋषि द्वारा दिनांक 15 मार्च 1986 को बरनावा लाक्षागृह में 51 वें पुष्प के रूप में हमको अर्पित की गई है। वह निम्न प्रकार है :- “इसी प्रकार’ अप्रतम […]

Categories
भारतीय संस्कृति

गंगा , गंगापुत्र भीष्म , मच्छोदरी के बारे में व्याप्त भ्रान्ति

विद्वत जनों! समाज में बहुत सारी भ्रांतियां फैली हुई हैं। हम इन भ्रांतियों को निवारण करते – करते अपना जीवन समाप्त कर लेंगे परंतु भ्रांतियां समाप्त नहीं होंगी। ऐसी भ्रांतियां समाज में बहुत गहरी जड़ जमा चुकी हैं ।हमारे द्वारा जो लिखा जा रहा है, कितने लोग इसको पढ़ते होंगे, और फिर कितने लोग उस […]

Categories
भारतीय संस्कृति

ईश्वर जन्म लेता है या नहीं ?

समाज में ईश्वर के अवतार रूप में जन्म लेने के लिए भ्रान्ति व्याप्त है । अब इसी पर विचार करते हैं कि क्या ईश्वर अवतार लेता है या नहीं ? इसी के साथ-साथ यह भी विचारणीय है कि क्या रामचंद्र जी महाराज व महाराज कृष्ण विष्णु के अवतार थे ? क्या ईश्वर को संसार में […]

Categories
भारतीय संस्कृति

क्या है समुद्र मंथन का सच ?

भ्रांति है कि विष्णु ने समुद्र का मंथन किया । देव और दैत्यों ने शेषनाग की नेति बनाई , एक महान गिरी की मछली बनाई और समुद्र का मंथन किया । जिसमें से 14 रत्न निकले। यदि इस विषय पर और चिंतन करें तो श्रृंग ऋषि महाराज की आत्मा ब्रह्म ऋषि कृष्ण दत्त ब्रह्मचारी के […]

Categories
भारतीय संस्कृति

कुछ भ्रांतियां और उनके निवारण

भ्रान्ति है कि महर्षि अगस्त्य ने तीन आचमनों में समुद्र का पान कर लिया था । ब्रहमचर्य की रक्षा करने वाले महर्षि अगस्त्य तीन आचमनों में समुद्र पार करने वाले बने। महर्षि सनत कुमार ने नारद मुनि को बताया कि ब्रहमचर्य वह होता है जो समुंद्र के समुंद्र को पान का लेता है। वह तीन […]

Categories
भारतीय संस्कृति

अंतिम संस्कार के बाद मृत्यु भोज का औचित्य

देह का अंत हो जाना ही देहांत है। और देह का अंत होना हम जानते हैं कि प्रकृति के जो तत्व थे , वह सब अपने – अपने मूल तत्वों में मिल जाते हैं। अविनाशी आत्मा शरीर से निकल जाती है। यजुर्वेद के 39 वें अध्याय में प्रथम मंत्र में अंत्येष्टि कर्म को नरमेध ,पुरुष […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास

अपने प्राचीन भारत का गौरवपूर्ण अतीत

आज एक बहुत ही अद्वितीय, अकल्पनीय एवं अद्भुत जानकारी आपके साथ सांझा करना चाहता हूं। अभी मैं ‘यौगिक प्रवचन माला , भाग – 1’ पढ़ रहा था। जो ब्रह्मर्षि कृष्णदत्त ब्रह्मचारी के प्रवचन के आधार पर पुस्तक बनाई गई है। कृष्ण दत्त ब्रह्मचारी के विषय में तो आप सभी परिचित होंगे । जो खुर्रम पुर […]

Exit mobile version