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आज का चिंतन

क्या आप हवन (अग्निहोत्र) करते हैं और उसमें हवनसामग्री इस्तेमाल करते हैं?

यदि इसका जवाब हां है तो आपको एक बात बहुत ध्यान से देखने की आवश्यकता है कि क्या आप के द्वारा इस्तेमाल होने वाली हवन सामग्री में सुगंधित पदार्थ डालकर ही तो उसे नहीं बनाया जा रहा है?

क्योंकि हम में से अधिकतर लोगों को केवल हवन सामग्री का मतलब उसकी सुगंध से ही होता है अर्थात केवल सुगंध से ही हम पता लगा लेते हैं कि वह कितनी महंगी या बढ़िया क्वालिटी की है, हवन सामग्री को नाक से लगाकर सूंघकर देखा की, बहुत अच्छी सुगंध आ रही है तो बहुत बढ़िया है परंतु ऐसा कभी भी नहीं है

अर्थात कि जब हम पैकेट वाली हवन सामग्री को लेते हैं तो हम उसके सुगंध से उसकी कीमत का पैमाना मान लेते हैं,
यह बात हवन सामग्री बनाने वाले को पता है इसलिए वह हवन सामग्री में केवल सुगंधित पदार्थ डालकर हवन सामग्री बनाकर आकर्षित करने की कोशिश करता है क्योंकि उसे मालूम है की सुगंध से ही आप उसकी कीमत का अंदाजा लगाने वाले हैं उसे आपकी सेहत से कोई मतलब नहीं होता है
हमारा कहने का तात्पर्य यहां पर यह है कि हवन सामग्री में जो जड़ी बूटियां या पदार्थ डालते हैं वह चार प्रकार के होने चाहिए उसमें सुगंधित, बल-वर्धक, पुष्टिवर्धक, रोग- नाशक, कीटाणु नाशक जड़ी बूटियां इन सभी पदार्थ का मिश्रण होना चाहिए
इन चारों पदार्थ के मिश्रण से हवन सामग्री वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आपके शरीर को लाभ देती है अर्थात आप दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि जिस मिश्रण में यह चारों प्रकार के पदार्थ हैं उसे ही हवन सामग्री बोला जाएगा
जब आप हवन करते हैं तो ईश्वर की स्तुति के साथ-साथ शरीर को भी हवन सामग्री के लाभ प्राप्त होते हैं क्योंकि उसमें यह चारों प्रकार की जड़ी बूटियां का मिश्रण होता है, इसलिए यज्ञ को देव यज्ञ कहा गया है क्योंकि इसमें ईश्वर स्तुति के साथ-साथ हमारे शरीर को भी लाभ प्राप्त होते हैं और यह अग्निहोत्र यज्ञ ईश्वर स्तुति का सर्वश्रेष्ठ तरीका है
अब क्योंकि आप लोग हवन सामग्री को केवल उसकी सुगंध से नापते हैं तो बनाने वाला उसके अंदर रोग नाशक जड़ी बूटियां या बल वर्धक, पुष्टिवर्धक, रोग- नाशक जड़ी बूटियां का मिश्रण नहीं डालते हैं क्योंकि ऐसी जड़ी बूटियां या तो महंगी है या फिर उसको डालने से उन्हें( बनाने वाले को) कोई लाभ नहीं है क्योंकि ऐसी जड़ी बूटियां सुगंध इत्यादि तो नहीं देती हैं और आप केवल हवन सामग्री को सुगंध के आधार पर ही उसकी कीमत को जानते हैं
जैसे कि एक उदाहरण के तौर पर समझा जा सकता है कि कोच का बीज, यह एक बल- वर्धक जड़ी बूटी है( यह प्रया चवनप्राश में इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटी है) परंतु इस जड़ी बूटी को हवन सामग्री में डालने पर या जलाने पर कोई सुगंध प्राप्त नहीं होती है परंतु यह शरीर में बल को बढ़ाती है इसीलिए बलवर्धक जड़ी बूटी के नाम पर इसको डाल जाना चाहिए परंतु बनाने वाले को पता है कि इसको डालकर सुगंध में कोई लाभ नहीं होगा इसलिए वह इस तरह की, किसी भी जड़ी बूटी को डालकर उसकी कीमत को नहीं बढ़ाएंगे और आपको केवल सुगंधित पदार्थ वाली चीज डालकर हवन सामग्री बनाकर बेच रहे हैं जिसमें की खासकर आजकल धूप अगरबत्ती में डालने वाला सामान को भी इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसा ही एक अन्य उदाहरण नीम का पत्ता है यह कीटाणु नाशक जड़ी बूटी है परंतु इसके डालने से ना ही खुशबू उत्पन्न होती है ना ही इसके जलाने से खुशबू उत्पन्न होती है परंतु इसको डालना हवन सामग्री में आवश्यक है
जो लोग धूप अगरबत्ती का बनाने का कार्य करते हैं वह अक्सर देखा जा रहा है कि इन सभी सामानों को अब हवन सामग्री में इस्तेमाल नहीं करते!
इससे बचने के लिए आपको पूरी तरह से हवन सामग्री में डालने जाने वाली जड़ी बूटियां को पहचानने की आदत डालनी होगी या फिर यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो आपको अपने मैन्युफैक्चरर से बात करनी होगी कि आपने इसमें क्या-क्या डाला है उसको एक लेटर हेड पर लिख कर दें ताकि वह एक रिटर्न प्रूफ हो जिसमें उनके हेर फेर करने की संभावना बहुत कम हो जाए या फिर उनको पकड़ने की गुंजाइश बनी रहे आपने अक्सर यह चीज दवाइयां में देखी होगी दवाइयां के डब्बे के बाहर क्या-क्या सामान किस-किस मात्रा में डाला है यह सब लिखा होता है
परंतु हवन सामग्री के केस में यह जरूरी नहीं है कि पैकेट के बाहर यह सब लिखा जाए अर्थात इसका भारत सरकार द्वारा कोई निर्देश साफ नहीं है कि आपने क्या-क्या सामान डाला है वह उसे पैकेट पर लिखना है यह जरूरी हो, इसी चीज का फायदा हवन सामग्री के बनाने वाले लेते हैं और उसमें सुगंधित पदार्थ डालकर आपको दे दिया जाता है परंतु इस प्रकार की हवन सामग्री केवल सुगंध पैदा करती है आपके शरीर को कोई लाभ नहीं देती है, अक्सर देखा गया है कि लोगों द्वारा वर्षों तक भी अग्निहोत्र यज्ञ करने के बाद भी लोगों को रोग नाशक क्षमता विकसित नहीं हो पा रही है या वह रोगों के शिकार हो रहे हैं जिसकी वजह हवन सामग्री में सुगंध के अलावा बाकी प्रकार की जड़ी बूटियां का ना होना भी है
इस प्रकार की हवन सामग्री को इस्तेमाल करने से कोई फायदा नहीं होता है यह केवल उसी प्रकार है जैसे कोई लोग धूप या अगरबत्ती का इस्तेमाल करके सुगंध पैदा कर ले या दूसरे भाषा में यह कहे तो यज्ञ में हवन सामग्री ना इस्तेमाल करके धूप अगरबत्ती का इस्तेमाल कर ले ताकि घर में सुगंध बनी रहे और आपको इतनी देर यज् करने का झंझट से भी मुक्ति मिल जाए क्योंकि अग्निहोत्र यज्ञ एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें हवन सामग्री में डाले जाने जड़ी-बुटियो का अपना एक महत्व है जो कि आपके शरीर के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है
हमारे हिसाब से आपको जिस हवन सामग्री में रोग नाशक, बलवर्धक,पुष्टिवर्धक, कीटाणु- नाशक, सुगंधित पदार्थ यह सभी जड़ी बूटियां मिली हुई हो, ऐसी हवन सामग्री से यज्ञ करना ही वास्तव में हवन सामग्री का सही इस्तेमाल है अब हम आपको तय करना है कि आपको धूप अगरबत्ती वाली सामग्री को इस्तेमाल करना हैं या फिर असली हवन सामग्री जो की चार प्रकार की जड़ी बूटियां से मिलकर बनी होती है वह इस्तेमाल करते हैं

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