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उगता भारत न्यूज़

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की भूमि से अवैध अतिक्रमण हटवाया गया


दादरी।(अजय कुमार आर्य ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ग्राम चिटहरा परगना व तहसील दादरी जिला गौतम बुद्ध नगर के खसरा संख्या 157 में से 0.0430 हेक्टेयर और गाटा संख्या 156 में से 0.4572 हेक्टेयर भूमि का आयोजन हेतु गजट प्रकाशित किया गया था। जिसके अनुसार संबंधित भूस्वामी द्वारा भूमि का प्रतिकर प्राप्त कर लिया गया था। स्थल पर संयुक्त पैमाइश के दौरान पाया गया था कि गाटा संख्या 157 की उपरोक्त अधिग्रहित की गई भूमि के पश्चात भी मौके पर खाली पड़ी है और गाटा संख्या 156 का आंशिक भाग गजट में से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण विपरीत दिशा में बैठा कर कर दिया गया है । गजट में अंकित भूमि गाटा संख्या 157 एवं 156 की सजा में राष्ट्रीय राजमार्ग दर्शाई गई है, जिसका प्रतिकर भू-स्वामी द्वारा प्राप्त कर लिया गया है।


इस प्रकार की रिपोर्ट एसडीएम जनपद गौतम बुद्ध नगर द्वारा प्राप्त की गई और 18 जून 2019 को स्पष्ट किया गया कि नियमानुसार उपरोक्त भूमि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग की है। उपरोक्त भूमि के विषय मे उप जिलाधिकारी दादरी एवं तहसीलदार दादरी के संज्ञान में भी यह तथ्य भली प्रकार से रहा है कि यह भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग की है। इस भूमि पर ग्राम उपरोक्त के ही रहने वाले महेंद्र पुत्र नेहपाल के द्वारा पिछले 2 साल से भी अधिक समय से एनएचएआई को अनावश्यक परेशान किया जा रहा था। अब एसडीएम दादरी श्री आलोक कुमार गुप्ता ने प्रकरण में विशेष रूचि लेते हुए इस समस्या का समाधान कराने में सफलता प्राप्त की है। बताया गया है कि उप जिलाधिकारी दादरी की विशेष सक्रियता के चलते उक्त भूमि से अवैध अतिक्रमण कारी महेंद्र सिंह निवासी ग्राम चेहरा उपरोक्त का अवैध कब्जा हटवा दिया गया है।
ज्ञात रहे कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से अपनी सड़क के दोनों ओर हरियाली के लिए छोड़े गए क्षेत्रफल को उपरोक्त विपक्षी जबरन कब्जा किए हुए था। जिसके विरुद्ध कई बार शिकायतें की गई। शिकायतों में रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों की टीम ने पूर्व में यह आख्या भी उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी थी कि उक्त भूमि पर विपक्षी महेंद्र सिंह का अवैध कब्जा है। इतना ही नहीं महेंद्र सिंह के अवैध कब्जे की बाबत उसे सूचित भी कर दिया गया था और उसे बता दिया गया था कि यदि उसने अवैध कब्जा नहीं छोड़ा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी परंतु इसके उपरांत भी महेंद्र सिंह उक्त कब्जे को नहीं छोड़ रहा था जिससे उसकी मूठमर्दी स्पष्ट होती है।
अब प्रशासनिक सक्रियता के चलते उपरोक्त प्रकरण पूर्णतया शांत हो गया है।

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