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उगता भारत न्यूज़

ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले इंटरचेंज का *मुख्य सचिव करेंगे शिलान्यास*


-राजेश बैरागी-
केएमपी या ईस्टर्न पेरिफेरल रोड और यमुना एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए बहुप्रतीक्षित इंटरचेंज का कल शुक्रवार को शिलान्यास होगा।उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र द्वारा किए जाने वाले इस इंटरचेंज के शिलान्यास की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डेढ़ वर्ष के निर्धारित समय से पहले इस इंटरचेंज के बन जाने से दोनों महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करने वालों को तो सहूलियत होगी ही, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र के विकसित हो रहे सेक्टर वासियों को भी ईस्टर्न पेरिफेरल रोड की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
पिछले चार वर्षों से ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने में आ रही बाधाएं कल 15 दिसंबर को समाप्त हो जाएंगी जब उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा विधिवत नारियल फोड़कर इंटरचेंज का शिलान्यास किया जाएगा। मुख्य सचिव कल यहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की त्रैमासिक समीक्षा बैठक करने आ रहे हैं। यह बैठक एयरपोर्ट निर्माण स्थल पर ही होगी। तत्पश्चात इंटरचेंज का शिलान्यास किया जाएगा। इसके बाद मुख्य सचिव यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित हो रहे औद्योगिक सेक्टरों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इस दौरान उनका प्रिया गोल्ड कंपनी में भ्रमण का कार्यक्रम भी तय है।
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में केएमपी या ईस्टर्न पेरिफेरल रोड जगनपुर अफजलपुर गांव के निकट यमुना एक्सप्रेस-वे के ऊपर से गुजरता है। दोनों एक्सप्रेस-वे को इंटरचेंज के जरिए जोड़ने की योजना कई वर्ष पहले बनी थी। इसके लिए जगनपुर अफजलपुर गांव की भूमि को अधिग्रहण किया जाना था। चकबंदी विभाग के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी के चलते न केवल इस गांव की भूमि खुर्द-बुर्द हो गई बल्कि उसपर शासन से जांच के लिए एस आई टी गठित की गई। गांव के किसान अतिरिक्त मुआवजे के लिए हाईकोर्ट चले गए।यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने पहल करते हुए न केवल किसानों को मुकदमे वापस लेने के लिए राजी किया बल्कि उनकी भूमि के बदले सात प्रतिशत आवासीय भूखण्ड आदि सभी सुविधाएं भी उनके अनुसार उपलब्ध करा दीं। इस प्रक्रिया में मौजूदा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बताया गया है कि लगभग 15 हेक्टेयर भूमि इस हेतु अधिग्रहण की गई है। इंटरचेंज निर्माण की लागत सवा अरब आएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भी इस संबंध में सकारात्मक रुख अपनाया गया है।

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