अभिरंजन कुमार अमेरिका और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों को हम जितना गलिया लें, लेकिन उनके विज़न की दाद देनी पड़ेगी। वे बीस साल, पचास साल, सौ साल आगे की सोचकर काम करते हैं। हम लोग चार दिन आगे नहीं सोच पाते हैं। भारत जैसे मुल्क आज भी उनके हाथों के खिलौने भर हैं। हम सब […]
श्रेणी: विविधा
पुण्य प्रसून वाजपेयी बीते ४५ बरस की शिवसेना की राजनीति कल स्वाहा हो जायेगी। जिन सपनों को मुंबई की सड़क से लेकर समूचे महाराष्ट्र में राज करने का सपना शिवसेना ने देखा कल उसे बीजेपी हड़प लेगी। पहले अन्ना, उसके बाद भाई और फिर उत्तर भारतीयों से टकराते ठाकरे परिवार ने जो सपना मराठी मानुष […]
अखण्ड भारत मोर्चा के अध्यक्ष श्री संदीप आहूजा ने खेद व्यक्त करते हुऐ कहा कि त्रिलोकपुरी के दंगों मे दिल्ली पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। चूंकी स्थानीय पुलिस वहां के अवैध मांस व्यापारीयों एवं सरकारी जमीन पर कब्जा करके कबाड़ का काम करने वालों से मिली हुई है। माता की चैंकी पर […]
कुत्तो ने सोंचा , जंगल केराजा को दहला देंगे ,गागर ने सोचा सागर को पीकर मनबहला लेंगे !.गीदड़ो ने साजिश कि गजराज को आँखदिखाने कि ,अंगारो ने कोशिश कि सूरज को आगलगानेकि !.किन्तु ये क्या जाने , लोटे में यानना चलते है ,चूहो कि आवाजाही से पहाड़कभी ना हिलतेहै !.देश द्रोहियो का सारा अरमानधरा रहजाएगा […]
गायत्री मंत्र का वर्ण ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् गायत्री मंत्र संक्षेप में गायत्री मंत्र (वेद ग्रंथ की माता) को हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है. यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है. इस मंत्र का मतलब है – हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी बुद्धि को […]
भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक परम्परा को आगे बढ़ाने में अहिंसा और अनेकांत के सिद्धांत उपयोगी: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नई दिल्ली, 26 नवंबर। राष्ट्रपति भवन ऑडिटोरियम में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी एवं जैन तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम आचार्य श्री महाश्रवण के सानिध्य में अणुव्रत आन्दोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी के जन्मशताब्दी वर्ष पर […]
दुनिया में प्रकाश भी है और अंधकार भी, पहाड़ भी हैं और घाटियां भी, गुण भी हैं और अवगुण भी। सर्वत्र सभी प्रकार की मन-बुद्धि वाले लोग और संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उचित उपयोग सकारात्मक माहौल का सृजन कर आनंद देता है और दुरुपयोग नकारात्मक वातावरण का सृजन कर दुःख, पीड़ाओं और विषाद का प्रसार […]
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने लखनऊ में क्या पते की बात कही है। वे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ‘जब तक समाज साथ में खड़ा नहीं होता, नेता, नारा, पार्टी, सरकार और चमत्कार से समाज का भला नहीं हो सकता।’ इस कथन का अभिप्राय […]
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को गुस्सा क्यों आया? इसीलिए न कि सर्वोच्च न्यायालय के सामने भारत सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकारी महाअधिवक्ता ने कह दिया कि सरकार उन लोगों के नाम उजागर नहीं कर सकती, जिन्होंने विदेशी बैंकों में अपना काला धन छिपा रखा है। यही बात तो मनमोहन सिंह सरकार कह दिया करती […]
प्रेरक ‘हिन्दी प्रदीप (प्रयाग) ने स्वामी दयानंद जी महाराज के देहांत पर अपने श्रद्घा सुमन निम्न प्रकार अर्पित किये थे-”हा! आज भारतोन्नति कमलिनी का सूर्य अस्त हो गया। हा! वेद का खेद मिटाने वाला सद्घैद्य गुप्त हो गया। हा! दयानंद सरस्वती आर्यों की सरस्वती जहाज का पतवारी बिना दूसरों को सौंपे तुम क्यों अंतर्धान हो […]