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अच्छी−अच्छी बातोंवाले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ बताते हुए देशवासियों को आश्वस्त किया कि वे उन पर भरोसा रखें। उनका यह ‘प्रधानसेवक’ देश के गरीबों का एक−एक पैसा वापस लाएगा। वह काले धन की वापसी में कोई कसर उठा नहीं रखेगा। मोदी को यह क्यों कहना पड़ा? इसीलिए कि उनके वित्तमंत्री अरुण जेटली के बयान […]

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श्वान वृत्ति के होते हैं अधीर और उतावले

जिधर देखो उधर अनावश्यक उतावलापन हावी है। आदमी हर काम जल्दी से जल्दी कराना और होते देखना चाहता है। धैर्य और गांभीर्य मनुष्य का गुण है जबकि उतावलापन और अधीरता वह नकारात्मक पक्ष है जो अधिकांश लोगों में देखने को मिलता है। अपने या किसी भी प्रकार के अच्छे कामों को शीघ्रता से पूर्ण कर […]

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सब जगह मुँह न मारें मौलिक दक्षता निखारें

जीवन में सफलता पाने का सीधा सा अर्थ यही है कि उन विधाओं में उच्चतम स्तर की दक्षता प्राप्त करें जिनमें हमारी मौलिक अभिरुचि और दिलचस्पी हो। हर इंसान में दो-चार मौलिक प्रवृत्तियाँ ऎसी होती ही हैं कि जिन्हें आत्मीयता से अंगीकार कर उस दिशा में आगे बढ़ा जाए तो जीवन का लक्ष्य पाने में […]

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नैनो में तू गोद दे, नंदनंदन की सूरत प्यारी

एक समय की बात है, जब किशोरी जी को यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगा उन्होंने कृष्ण को चोरी छोड़ देने का बहुत आग्रह किया पर जब ठाकुर अपनी माँ की नहीं सुनते तो अपनी प्रियतमा की कहा से सुनते। उन्होंने माखन चोरी की […]

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पटेल और इंदिरा: मोदी के अटपटे बोल

कैसा विचित्र संयोग है? देश के दो महान नेताओं के बड़े दिन एक ही तिथि पर पड़ते हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म-दिन और इंदिरा गांधी की पुण्य-तिथि, दोनों 31 अक्तूबर को आते हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल का जन्म-दिन बड़ी धूमधाम से मनाने की कोशिश की। उन्होंने बहुत अच्छा […]

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इमाम बुखारी का बुखार

जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी को इतना बुखार क्यों चढ़ आया? वे अपनी निजी कार्यक्रम में किसे बुलाते हैं और किसे नहीं, इसकी पूर्ण स्वतंत्रता उनको है लेकिन उनका यह कहना कि प्रधानमंत्री मोदी भारत के मुसलमानों को भारत का नागरिक नहीं समझते, यह दिमागी बुखार नहीं तो क्या है? नरेंद्र मोदी तो क्या, […]

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बाबुओं को शाह नहीं, सेवक कैसे बनाएं?

केंद्र सरकार ने अपने खर्च में से 10 प्रतिशत की कटौती करने की जो घोषणा की है, उसका तो खुले दिल से स्वागत किया जाना चाहिए लेकिन हम लगे हाथ यह प्रश्न भी पूछ लें तो किसी को बुरा नहीं लगना चाहिए कि सरकार में फिजूलखर्ची क्या सिर्फ 10 प्रतिशत ही होती है? ‘अधिकाधिक सुशासन […]

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हैरान क्यों हैं शैतान कहने पर?

विष्‍णु गुप्‍त किया की विपरीत प्रतिक्रिया होती है। हिंसा के विरोध में प्रतिहिंसा भी होती है। दुनिया में कोई सर्वशक्तिमान नहीं होता है? सर्वशक्तिमान समझने वाली शक्ति को भी चुनौती मिलती है। अराजक और अनियत्रित शक्ति, समूह और व्यवस्था की मानसिकता का दमन होता है, पतन भी होता है। यह सब हम बार-बार देखते हैं। […]

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….अब प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार

 पुण्‍य प्रसून वाजपेयी ४८ मौत, ५०० बीमार, राष्ट्रपति का इंकार और अब प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार संसद सदस्य बनने के बाद ऱाष्ट्रकवि दिनकर ने लिखा था, “हो गया एक नेता मैं भी !तो बंधु सुनो, / मैं भारत के रेशमी नगर में रहता हूं, /  जनता तो चट्टानों का बोझ सहा करती, / मैं चादंनियों […]

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जेहाद

बहुत पुरानी बात है। हिंदुओं का एक काफ़िला अपने धर्म की रक्षा के लिए पश्चिमोत्तर के पर्वत-प्रदेश से भागा चला आ रहा था। मुद्दतों से उस प्रांत में हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रहते चले आये थे। धार्मिक द्वेष का नाम न था। पठानों के जिरगे हमेशा लड़ते रहते थे। उनकी तलवारों पर कभी जंग न […]

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