मनुष्य जो कुछ भी करता है सोच समझकर कर करता है, वह मंदिर जाता है, चोरी करता हो या किसी अनैतिक कार्य को करता हो वह सोच समझकर ही करता है। मंदिर जाने के पहले वह मंदिर आने का विचार करता है, तब मंदिर जाता है। अनैतिक कार्य करने के पहले भी वह विचार करता […]
Category: समाज
हमारे पूर्वजों ने बहुत ही परिश्रम से आजादी से पहले ही शिक्षा के प्रति सजग हो गए थे, परंतु पूरे देश में सत्ता से टकराने के कारण गुर्जर समाज की आर्थिक रीढ़ टूट चुकी थी, हमारे पूर्वजों ने बहुत हीं परिश्रम से जैसे तैसे करके सम्मान के साथ अपने-अपने परिवारों को संभाला और आजादी के […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज की स्थापना वेदों के महान विद्वान ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में की थी। ऋषि दयानन्द के माध्यम से ही देश के अधिकांश लोगों को इस तथ्य का ज्ञान हुआ कि वेदों का ज्ञान सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर से प्राप्त हुआ। वेदों में मनुष्य जीवन को […]
पर्यावरण संरक्षण में पंचायतों की भूमिका
डॉ संजीव कुमारी गुर्जर भारत गांव का देश है । गांव में ग्राम पंचायतों का राज है। पंचो को गांव में परमेश्वर माना जाता है। पंचायतें पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जिससे हम अपनी धरती मां को प्रदूषण से बचा सकते हैं। पंचायतें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव जिंदगी आज दो पाटों के बीच पीस रही है। चारो तरफ हाहाकार मची है। गांव से लेकर शहर तक सभी लोग अपने घरों, झोपड़ियों में कैदी की जिंदगी जी रहे हैं। अगर इसे हाई प्रोफाइल तरीके से देखी जाए तो पूरा देश ‘बिग बॉस’ के घर जैसा बनकर रह गया है। […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज का एक प्रसिद्ध गुरुकुल है गुरुकुल कुरुक्षेत्र। इस गुरुकुल की स्थापना आर्यसमाज के महान नेता एवं गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के पुरस्कर्ता स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती जी महाराज ने सन् 1913 में की थी। गुरुकुल से जुड़े हमारे एक मित्र श्री भोपाल सिंह आर्य जी ने आज फोन पर हमें बताया कि यह गुरुकुल […]
नई दिल्ली ( विशेष संवाददाता ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा नंद किशोर मिश्र ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ भयमुक्त वातावरण बनाना समय की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक कोरोना प्रभावित देशों में भारतीय फंसे हैं, सरकार ने फिर एक बार ईरान और अन्य देशों में […]
यह बहुत ही कष्ट का विषय है कि आज के बच्चे अपने माता-पिता के प्रति सेवाभावी नहीं हो पा रहे हैं । जब माता-पिता के प्रति सेवाभावी या कहना मानने वाले नहीं है तो वह समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं , सेवा भाव का तो प्रश्न ही समाप्त हो जाता है। […]
दिलाना होगा तलाक को ही तलाक
मोदी सरकार की अब तक की उपलब्धियों में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में तीन तलाक पर लाया गया कानून देखा जा रहा है । वास्तव में मुस्लिम समाज में नारियों के साथ पिछली कई शताब्दियों के काल में जो कुछ होता रहा उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता । यह […]
बाल मजदूरी की फैलती जा रही हैं जड़ें
देवेंद्र जोशी भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह […]