– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” कार्तिक अमावस्या के दिन सुख समृद्धि का पर्व दीपावली मनाया जाता है। इसकी तैयारी एक पखवाड़े पूर्व से शुरू हो जाती है। दीपावली पूरे पांच दिन चलती है जो धनतेरस से प्रारंभ होती है और भाई दूज के साथ समाप्त होती है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है इसको अब […]
श्रेणी: पर्व – त्यौहार
* डॉ डी के गर्ग कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ये पर्व मनाया जाता है। ऋषि धन्वंतरि के जन्म उपलक्ष में मनाये जाने वाले इस पर्व का नाम बिगड़कर ‘‘धनतेरस‘पड़ा। आयुर्वेद का प्रारंभिक ज्ञान अथर्ववेद से मिला लेकिन इस ज्ञान को शोध करके विस्तार करने का श्रेय ऋषि धन्वंतरि […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। महर्षि दयानंद सरस्वती ने पंचमहायज्ञ विधि नामक अमूल्य लघु ग्रंथ में ग्रहस्थ आश्रम में किए जाने वाले पांचो यज्ञों पर प्रकाश डाला है। महर्षि दयानंद जी की अपनी मान्यताओ के प्रस्तुतिकरण की( उल्लेखनीय होगा महर्षि की अपनी कोई निज मान्यता नहीं थी वेद की ही मान्यता महर्षि दयानंद की […]
दशहरा’ ‘दशहरा’ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “दस को हरने वाली [तिथि]”। “दश हरति इति दशहरा”। ‘दश’ कर्म उपपद होने पर ‘हृञ् हरणे’ धातु से “हरतेरनुद्यमनेऽच्” (३.२.९) सूत्र से ‘अच्’ प्रत्यय होकर ‘दश + हृ + अच्’ हुआ, अनुबन्धलोप होकर ‘दश + हृ + अ’, “सार्वधातुकार्धधातुकयोः” (७.३.८४) से गुण और ‘उरण् रपरः’ (१.१.५१) […]
* आप सभी साथियों को महर्षि धनवंतरी के जन्मदिवस अर्थात धनतेरस की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं! धनतेरस के दिन दिवोदास , सुश्रुत जैसे आदि शल्य चिकित्सकों के गुरु महर्षि धनवंतरी का जन्म हुआ था| जिन्होंने आयुर्वेद की ज्ञान परंपरा को समृद्ध व गौरवान्वित किया था |महाभारत काल के पश्चात इनका जन्म हुआ था | हमारी संस्कृति […]
देखने में आता है कुछ लोग दिवाली से पहले घर का कूड़ा जिसमें टूटी हुई गणेश-लक्ष्मी आदि देवों की मूर्ति फटे हुए कलेंडर पूजा से बचे हुये फूल, अगरबत्ती की डंडी, पुराने दीपक, राख, जो कूड़े के रूप में होती है उस कूड़े को देव वृक्ष पीपल में डाल देते हो। कूड़ा नहीं होता तो […]
डॉ डी के गर्ग कृपया अपने विचार बताये और शेयर करे पौराणिक मान्यता:-मनाने का तरीका: करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं देर रात्रि तक यानि चांद के दिखने तक निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर के लिए या होने वाले पति के लिए निर्जला व्रत […]
(राकेश अचल -विनायक फीचर्स) भारतीय समाज में विजयादशमी पर रावण और उसके भाई-बंधुओं का पुतला दहन भी अब एक मनोरंजक कार्यक्रम से ज्यादा कुछ नहीं है क्योंकि इस मौके पर दिए जाने वाले सन्देश और संकल्प खोखले साबित हो रहे हैं। हम हर साल रावण के रूप में बुराइयों को जलाकर अच्छाइयों की जीत का […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार संदर्भ: श्रीकृष्ण जन्मभूमि – श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जितनी प्रासंगिक परस्पर बधाई है, उतनी ही प्रासंगिक और सामयिक श्री कृष्ण जन्मभूमि की चर्चा भी है. हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहाद्र, सद्भाव के कथित चिंतकों और गंगा-जमुनी संस्कृति का फटा ढोल पीटने वालो के लिए तो यह अति […]
अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी राष्ट्र की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिक सामाजिक, बौद्धिक व चारित्रिक स्तर पर कितने समृद्ध हैं. ज्ञान, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि के जरिए ही मानव ज्ञानी, विवेकी, सक्षम और चरित्रवान बनता है. मानव को अच्छा इंसान बनाने में औपचारिक व अनौपचारिक रूप से शिक्षा […]