🙏बुरा मानो या भला🙏 ——–मनोज चतुर्वेदी बिहार के बांका के नवटोलिया में नूरी मस्ज़िद इस्लामपुर के परिसर में स्थित मदरसे में धमाके से मौलाना अब्दुल सत्तार मोकिन के चिथड़े उड़ गए। इस धमाके से मदरसे की पूरी इमारत ध्वस्त हो गई और आसपास के मकानों में भी दरार आ गई। धमाके के पश्चात गांव […]
श्रेणी: मुद्दा
योगेश कुमार गोयल जूही चावला की याचिका में कहा गया था कि यदि टेलीकम्युनिकेशंस इंडस्ट्री की 5जी योजना सफल हो गई तो कोई भी व्यक्ति, जानवर, चिड़िया और यहां तक कि कोई पत्ता तक हर पल रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन से बच नहीं सकेगा। 4 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री जूही चावला […]
डॉ. कौशल कांत मिश्रा कोरोना की दूसरी वेव में हमने देश के स्वास्थ्य ढांचे को पूरी तरह से चरमराते हुए देखा। बेड, ऑक्सिजन और दवाओं की कमी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खोया। कोरोना का कहर जिस तरह बरपा, उससे हमें यह बात तो समझ आ गई है कि जीडीपी के 2 […]
हर्षदेव मरीजों के इलाज, दवा और अस्पतालों के प्रबंधन तथा संक्रमण की जांच के साथ ही हर दिन हज़ारों टन ज़हरीले मेडिकल कचरे के निपटारे की चुनौती से भी शासन-प्रशासन को जूझना पड़ रहा है। हमारी धरती तो पहले ही भयंकर प्रदूषण के बोझ से कराह रही थी कि कोरोना की बीमारी का उगला हुआ […]
दिसंबर 2013 में प्रकाशित लेख जो आज भी हमें बहुत कुछ सीखने समझने की प्रेरणा देता है यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी दो संसद सत्र इसके लिए काफी महत्वपूर्ण और विवादित रहे हैं. विवादों के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इनके केंद्र में चुनाव और इसी चुनावी धुरी पर घूमते विधेयक को […]
अशोक मधुप दस रुपये की शराब पर लाइसैंस शुल्क और टैक्स लगभग 58−60 के आसपास पड़ता है। दस रुपये की शराब 80 रुपये में खरीदने वाला ग्राहक समझता है कि उसे सही शराब मिल रही है। ऐसे में ठेके से जहरीली शराब मिल रही है तो प्रदेश की मशीनरी जिम्मेदार ,है। अलीगढ़ में जहरीली शराब […]
प्रो. संजय द्विवेदी कोरोना काल के सवा साल के इस गहरे संकट की व्याख्या करने पर पता चलता है कि प्रिंट मीडिया के लिए आगे की राहें आसान नहीं है। विज्ञापन राजस्व तेजी से टीवी और डिजीटल माध्यमों पर जा रहा है, क्योंकि लाकडाउन के दिनों में यही प्रमुख मीडिया बन गए हैं। भारत में […]
रमेश सर्राफ धमोरा सरकारों को आगे अपना पूरा ध्यान चिकित्सा तंत्र को मजबूत करने पर लगाना चाहिये। बड़े शहरों, महानगरों से लेकर एक छोटे गांव ढाणी के उप स्वास्थ्य केंद्र तक को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए ताकि फिर कभी लोगों को चिकित्सा के अभाव में जान नहीं गंवानी पड़े। भारत में […]
डॉ आनंद कुमार कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं तथा उनकी राज्य सरकारों की भूमिका भी कोरोनावायरस नियंत्रण में नकारात्मक रही है। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार, जहां कांग्रेस प्रमुख भूमिका में है, शासन व्यवस्था के नाम पर लूटपाट में लगी हुई है। जब उन्हें लूटपाट से ही फुर्सत नहीं तो मरीजों की व्यवस्था कौन देखें! यही कारण […]
कोरोना से मौतों के गुनहगार आनंद कुमार वर्तमान में हमारा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। प्रतिदिन तीन हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं तथा लगभग तीन लाख नए संक्रमण के प्रकरण सामने आ रहे हैं। जिस प्रकार इस महामारी के दौरान आम लोगों को कष्ट उठाना पड़ा है उसका […]