डा.राज सक्सेनाभगवान राम के अस्तित्व पर बेझिझक अंगुली उठा ने वालों से एक प्रश्न किया जा सकता है कि वे क्या प्रभुपुत्र ईसा मसीह की सही जन्मतिथि बता सकते हैं । अभी दो हजार वर्ष से कुछ अधिक समय ही बीता है । विश्व का एक सबसे बड़ा समुदाय जो संसार में सबसे अधिक मतावलम्बी […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
अरूण कुमार सिंहअपने तीस्ता जावेद सीतलवाड का नाम जरूर आपने सुना होगा। वही तीस्ता, जिन्होंने एक हल्ला, एक ढोंग और गुजरात के दंगा पीड़ितों की ओट में एक मायाजाल रचा था। लेकिन छद्म सेकूलरवाद का वह गढ़ दरकने लगा है। तीस्ता का झूठ बाहर आने लगा है। न्यायालय से उन्हें डांट भी पड़ी है।तीस्ता ने […]
विकास कुमार गुप्ता 70 के दशक में क्रिकेट भारत के सुदूर गांवों में उतरने लगा, तब मैदान में एक ओर गिल्ली डंडे चलते थे तो दूसरी ओर कुछ बच्चे सामूहिक रूप से तीन डंडियों के आगे खड़े होकर क्रिकेट के चैके-छक्के लगाना सीख रहे थे। तब उनके पास न तो बाजार से लाये उन्नत किस्म […]
लोकतन्त्र प्रणाली में जनता के वोटों की संख्या के आधार पर सरकार का गठन किया जाता है। जिससे वोट एक शक्तिशाली हथियार बन गया है। इस वोट रूपी हथियार का मुस्लिम समाज भरपूर उपयोग करके अधिक से अधिक लाभ उठाने का सतत् प्रयास करता आ रहा है। अनेकों जातिगत मतभेद होने के उपरान्त भी मुस्लिम […]
– अनिता महेचाराजा राम मोहनराय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हुगली जिले के राधानगर गांव में एक रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम रमाकान्त रॉय तथा माता का नाम फुल ठकुरानी था। राम मोहन की शिक्षा का प्रार भ गांव के एक स्कूल में हुआ। एक मौलवी से उन्होंने […]
मुनिश्री तरूणसागर तुम परिवार के किसी सदस्य को नही बदल सकते। तुम अपने को बदल सकते हो, यह तुम्हारा जन्म सिद्घ अधिकार है। पूरी दुनिया को चमड़े से ढकना तुम्हारे बस की बात नही है। अपने पैरों में जूते पहन लो और निकल पड़ो फिर पूरी दुनिया तुम्हारे लिए चमड़े से ढकी जैसी है। मंदिर […]
क्रांति के प्रारंभ में, दिल्ली के स्वाधीन होते ही, सम्राट बहादुर शाह की ओर से एक ऐलान सारे भारत में प्रकाशित किया गया, जिसके कुछ वाक्य इस प्रकार थे-ऐ हिंदोस्तान के फरजंदो! अगर हम इरादा कर लें, तो बात की बात में दुश्मन का खात्मा कर सकते हैं हम दुश्मन का नाश कर डालेंगे और […]
1857 की क्रांति में भाग लेने में जहां तक जनपद बुलंदशहर (वर्तमान जनपद गौतमबुद्घ नगर व गाजियाबाद सहित) का सवाल है तो क्रांति में इसकी भूमिका अतीव महत्वपूर्ण थी। बुलंदशहर में कोई बड़ी छावनी नही थी। यहां क्रांति का उभार तीन दिन बाद ही उस समय देखने को मिला जब दिल्ली से मेरठ सैनिकों से […]
अनुराग मिश्र‘ये कहाँ आ गए है हम’ लता जी की मीठी आवाज़ में गाया ये गाना आज भारतीय सिनेमा के 100 साल की यात्रा पर बिल्कुल फिट बैठता है क्योंकि अपने उदगम से लेकर आज तक भारतीय सिनेमा में इतने ज्यादा बदलाव आये हैं कि कोई भी अब ये नहीं कह सकता कि आज की […]
तनवीर जाफ़रीपाकिस्तान की जेल में लगभग 22 वर्ष बिताने वाले भारतीय कैदी सरबजीत की गत् 26 अप्रैल को जेल में किए गए एक जानलेवा हमले के कारण आख़िरकार मौत हो ही गई। गौरतलब है कि सरबजीत को 1990 में लाहौर व फैसलाबाद में हुए बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन धमाकों […]