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हमारे लोकतंत्र का पावन मंदिर : संसद भवन

सुभाष कश्यपभारत की राजनीतिक व्यस्था को, या सरकार जिस प्रकार बनती और चलती है, उसे संसदीय लोकतंत्र कहा जाता है। ग्राम-पंचायतें हमारे जन-जीवन का अभिन्न अंग रही है। पुराने समय में गांवो की पंचायत चुनाव से गठित की जाती थी। उसे न्याय और व्यवस्था, दोनों ही क्षेत्रों में खूब? अधिकार मिले हुए थे। पंचायतों के […]

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स्वतंत्रता दिवस की 66वीं वर्षगांठ (१५-८-२०१३)

देश में पुन: 1947 वाली दशा दिखाई दे रही है। मजबूत नेता न होने से समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। भ्रष्टाचार-बलात्कार-गैंगरेप जैसी घटनाओं में अभूतपूर्व वृद्घि हुई है जिससे सिर शर्म से झुक जाता है। खाने पीने की वस्तुओं में मिलावट-नकली मिठाईयां, सिंथैटिक दूध नकली देशी घी, विदेशी खादों के अधिक प्रयोग से सब्जियों […]

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पुलिस थाने के समान सरकारी संगठन

मनीराम शर्माप्राय: अखबारों की सुख़िर्यों में ख़बरें रहती हैं कि अमुक अपराध में पुलिस ने एफ़ आई आर नहीं लिखी और अपराधियों को बचाया है। पुलिस का कहना होता है कि लोग व्यक्तिगत रंजिशवश झूठी एफ़ आई आर लिखवाते हैं और इससे उनके इलाके में अपराध के आंकड़े अनावश्यक ही बढ़ जाते हैं जिससे उनकी […]

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दिग्गी जी! दिमागी दिवालियापन दूर करो

राकेश कुमार आर्यकांग्रेस ने विपक्षी दलों का उपहास उड़ाकर व्यंग्य पूर्ण किंतु अतार्किक भाषा में उनकी बातों का उत्तर देने के लिए अपने पास कोई न कोई स्तरहीन नेता अवश्य रखा है। वर्तमान में इस कांग्रेसी प्रवृत्ति का नेतृत्व दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। वह जो चाहे बोल जाते हैं, कांग्रेस की ‘राजमाता’ की चुप्पी […]

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प्रमाण बताते हैं कि वीरवर हनुमान बंदर नही मनुष्य थे

राज सक्सेनाआम मान्यता है और जगह.जगह मन्दिरों में स्थापित हनुमान जी की मूर्तियों को देख कर 99.99 प्रतिशत हिन्दू और शत प्रतिशत विधर्मी विश्वास करते हैं कि भगवान के रूप में प्रतिस्थापित हनुमान बानर बन्दर थे या हैं वस्तुत: यह एक भ्रान्त धारणा है इस भ्रान्त धारणा के स्थापन में तुलसी रामायण चरित.मानस के अर्थों […]

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गांधीजी मुस्लिमों को कोरा चेक मत दो

भाई परमानंदगतांक से आगे…..दुर्भाग्य से इन दिनों इंग्लैंड में मजदूर मंत्रिमंडल (लेबर गवर्नमेंट) टूट गया और उसका स्थान राष्टï्रीय सरकार ने ले लिया। भारत मंत्री अब सेसुअल होर बना। यह बड़ा पक्का रूढ़िवादी था।गांधी जी ने आगाखान से, जो उस समय मुस्लिम प्रतिनिधियों का नेता था, बातचीत आरंभ की। गांधी जी अपने दिमाग में एक […]

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कितना जरूरी है सोशल मीडिया पर अंकुश?

सलीम अख्तर सिद्दीकीइस एक लाइन के सवाल पर वैसे तो जनमत होना चाहिए। कोई एक व्यक्ति, दल या फिर खुद सरकार अपने से यह तय नहीं कर सकती कि सोशल मीडिया पर अंकुश लगाना चाहिए या नहीं। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में उभरते इस ताकतवर मीडिया माध्यम ने जितनी तेजी से अपना विस्तार किया है […]

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व्यक्तित्व

इन्द्रधनुषी व्यक्तित्व से झरता है आनंदसृजनधर्मी आनंद जगाणीडॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com किसी एक व्यक्तित्व में इन्द्रधनुषी रंगों और रसों से भरी बहुआयामी प्रतिभाओं का दर्शन करना हो तो उसके लिए एक ही नाम काफी है और वह हैं जैसलमेर की सरजमीं के रत्न श्री आनंद जगाणी।अपने भीतर व्यापक ऊर्जाओं और हुनरों को समेटे हुए श्री आनंद […]

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हरिद्वार डूब जाएगा

  मैंने वर्ष 1998 में अपने मासिक समाचार पत्र (मीडिया शक्ति) में फस्ट पेज पर एक खबर छापी थी ” हरिद्वार डूब जायेगा”. जिसमें मैंने आशंका व्यक्त की थी कि उतराखंड (उस समय उत्तर प्रदेश था ) टिहरी बांध खुद न खास्ता कभी टूट गया तो अगले चोबीस मिनट में ऋषिकेश तीन सो फुट पानी […]

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चीन, सिंगापुर, मलयेशिया का राष्ट्रवाद भारत के लिए प्रेरणादायी

पिछले दिनों में चीन, सिंगापुर और मलयेशिया की यात्रा करके लौटा हूं। मुझे कुछ चीजों ने इन देशों में इतना प्रभावित किया है कि उन्हें आपके लिए लिखा जाना अनिवार्य मान बैठा हूं। जैसे चीन में हर व्यक्ति अपनी राष्ट्र भाषा चीनी से असीम स्नेह करता है। वह हर विदेशी से अपेक्षा करता है कि […]

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