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भारत का भूगोल: उत्तरी भारत का मैदान और दक्षिण का पठार

हिमालय के दक्षिण में एक विस्तृत समतल मैदान है जो लगभग सारे उत्तर भारत में फैला हुआ है। यह गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा सिंधु और उनकी सहायक नदियों द्वारा बना है। यह मैदान गंगा सिंधु के मैदान के नाम से जाना जाता है। इसका अधिकतर भाग गंगा, नदी के क्षेत्र में पड़ता है। सिंधु और उसकी […]

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जानने योग्य इतिहास के कुछ रोचक तथ्य

स्वामी सांख्यानंदसूर्यवंशीय आर्य क्षत्रिय रघुकुल के महापुरूष पुरूषोत्तम श्रीराम के पुत्र कुश के वंशज बलामी का राजा नागादित्यार्जुन का पुत्र महाप्रतापी योद्घा महाराजा गुहयादित्यासिंह जी ने मेवाड़ साम्राज्य की स्थापना की थी।मेवाड़ साम्राज्य का अंतिम महाराजा उदयसिंह जी की चौदहवीं पत्नी जयवंतीबाई राठौड़ जी का पुत्र चित्तौड़ नरेश महाराजा प्रताप सिंह जी थे।उनकी पत्नी अजय […]

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मिशन मंगल- बड़ी प्रौद्योगिक उपलब्धि या फ़िज़ूलखर्ची

अश्वनी कुमारअगर विकास कि बात करें तो कागज़ी तौर पर भारत निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। और हाल ही में भारत ने विकास के नए आयाम को छू लिया, मिशन मंगल (मंगलयान) के प्रक्षेपण के साथ ही मंगल लॉन्च करने के मामले में भारत का अंतरिक्ष संगठन दुनिया का चौथा संगठन बन गया। इसे […]

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जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस (14-11-2013)

-आपने कहा था शिक्षा से वे अंग्रेज हैं-सभ्यता से मुस्लिम हैं और मात्र संयोग ही है कि वे हिंदू मां की कोख से जन्मे हैं।-आपने अपनी महत्वपूर्ण पुस्तक भारत की खोज में लिखा है कि देश में जातियों की संख्याा दो है एक मुस्लिम और दूसरी अमुस्लिम।-आपने खंडित/स्वतंत्र भारत का संविधान अपनी सोच और मानसिकता […]

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इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र-2

गतांक से आगे….गुरू को फांसी उसके परिवार के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा थी, जिसमें और लोग भी शामिल हो गये थे जो गुरू के उत्तराधिकार के विरूद्घ थे। किंतु यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब गुरू तेगबहादुर से इसलिए नाराज था, क्योंकि उसने कुछ मुसलमानों को सिख बना लि या था।पाठ्य पुस्तकों […]

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क्या हिंदुत्व साम्प्रदायिकता है?

महंत दिग्विजयनाथआज के अधिकांश नागरिक और संसार के प्रमुख व्यक्ति, जो हिंदुत्व से अनभिज्ञ है हिंदुत्व का अर्थ साम्प्रदायिकता और हिंदू का अर्थ साम्प्रदायिक समझते हैं। यह आज का एक प्रचलित नारा हो गया है और यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि इसके सदृश भ्रमपूर्ण और अनर्गल नारा दूसरा हो भी […]

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स्वराज्य के प्रथम सन्देशवाहक: महर्षि दयानंद

स्वामी दयानन्द सरस्वती को सामान्यत: केवल आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक के रूप में ही जाना जाता है। राष्ट्रीय स्वतन्त्रता के लिए किये गए प्रयत्नों में उनकी उल्लेखनीय भूमिका की जानकारी बहुत कम लोगों को है। वस्तुस्थिति यह है कि पराधीन आर्यावर्त (भारत) में यह कहने का साहस सम्भवत: सर्वप्रथम स्वामी दयानन्द सरस्वती ने […]

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दीपावली : दीप जला कर संकल्प लेने का दिवस

– विनोद बंसल दीपावली का नाम स्मरण करने मात्र से अनेक प्रकार के विचार मन में दौड लगाने लगते हैं। बच्चों को जहां नए-नए कपडे, मिठाई, खिलोने व पटाखे याद आते हैं तो बडों को समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की आराधना कर कुछ पाने की आकांक्षा रहती है। महिलाएं इसकी तैयारियों के विषय में […]

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इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र

शिव कुमार गोयलकांग्रेस सरकार ने देश के स्वाधीन होने के बाद से ही सेकुलरिज्म के नाम पर भारत के स्वर्णिम इतिहास के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं अपनी पुस्तक ‘भारत की खोज’ में महाराणा प्रताप की अपेक्षा अकबर को महान सिद्घ करने का प्रयास किया था।स्वाधीनता संग्राम के […]

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प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा

जुगल किशोर सोमाणीसृष्टि निर्माण कर्ता ने इस धरा पर सभी सजीव वस्तुओं का सृजन बड़े विलक्षण ढंग से व्यवस्थित किया था। यदि बारीकी से वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाय तो पायेंगे कि प्रत्येक जीव ( वनस्पति सहित ) एक दूसरे के पूरक ( उपयोगी ) हैं। उन्नति का गुमान करने वाले हम लोग वास्तव में पतन […]

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