आज मौत कितनी सस्ती हो गयी है कि ऐसे कई गिरोह सक्रिय है जो सिर्फ चन्द रुपयो के लिए किसी की भी हत्या कर देते है फिर चाहे जिसकी हत्या करानी है वह कोई भी क्यों न हो वे यह भी नही सोचते कि उस व्यक्ति कि हत्या से कितने बच्चे अनाथ हो जायेंगें उसके […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
आज गणतंत्र दिवस है। वह दिन जो गण के नाम समर्पित है। जो गण का अपना, अपने लिए और अपने द्वारा संचालित है। आम गण का अपना ही जब सब कुछ है फिर गण का कोई वजूद कहीं क्यों नहीं दिख रहा है? गण के नाम पर जो कुछ हो रहा है, हुआ है और होने वाला है […]
विनोद बंसलइतिहास इस बात का साक्षी है कि मुगलों के अत्याचारों से हिन्दू समाज को न सिफऱ् बचा कर बल्कि उसके संस्कार, संस्कृति व स्वाभिमान की रक्षा करने में गुरू गोविन्द सिंह जी का योगदान अविस्मरणीय है। वे शायद दुनिया के एक मात्र ऐसे महा पुरुष हैं जिनकी तीन पीढिय़ों ने देश व धर्म की […]
पारस्परिक आदान-प्रदान कूटनीति का पहला सिद्धांत है, किंतु भारत के लिए नहीं। पड़ोसियों से दोस्ती की खातिर भारत हदें लांघता रहा है, फिर भी आज वह समस्या खड़ी करने वाले पड़ोसियों से घिरा हुआ है। भूमि के मुद्दे पर भारत की उदारता की काफी चर्चा हुई है। भारत 1954 में तिब्बत पर ब्रिटिश वंशागत अपरदेशीय […]
राकेश कुमार आर्यप्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धाराएं नही हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों का समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए कालिदास जैसे महाकवि ने अपनी वैज्ञानिक […]
वीणा सेठीयह बात हमेशा कही जाती है कि जहां पर नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। नारी की भारत के घर घर में किस तरह से पूजा और कैसा सम्मान किया जा रहा है, यह सर्वविदित है। जन्म से लेकर मृत्यु तक उसे सदैव ही पुरूष के संरक्षण की आवश्यकता का […]
आशीष वशिष्ठबढ़ते कीटनाशको के उपयोग ने पक्षियों के जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाया है. किसानों के मित्र समझे जाने वाले पक्षियों की प्रजातियों में दिन-प्रतिदिन भारी कमी होती जा रही है. हालात ये हैं कि कुछ समय से तो कुछेक प्रजातियों के पक्षी नजर ही नहीं आ रहे हैं. विशेष बात तो यह है कि […]
सोशल वेबवाइट FB यानी facebook चलाने वालों मे एक फीसदी लोगों को भी यह पता नहीं होगा कि इसके फाउंडर मार्क जुकरबर्ग नहीं बल्कि अप्रवासी भारतीय दिव्य नरेंद्र है। दिव्य नरेंद्र हिंदुस्तानियों के लिए ज्यादा जाना-पहचाना नाम नहीं है। महज 29 साल के दिव्य नरेंद्र अमरीका में रहने वाले अप्रावासी भारतीय हैं। उनके माता-पिता काफी […]
डाक्टर इन्द्रा देवीकिसी भी सामाजिक परिवेश से जब हम मानव जीवन की व्याख्या करने बैठते है तो नारी-जीवन की व्याख्या सबसे पहले हो जाती है। भोला मानव मॉ की गोद में ही अपने विवेक की आँखें खोलता है,तत्पश्चात् वह सामाजिक सम्बन्घों से आवश्यकता अनुसार परिचित होने लगता है। सामाजिक जीवन में पूर्णत: प्रविष्ट हो जाने […]
सुशील भाटीब्रिटिशराज के दौरान भारत में बहुत से लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों और शोषण के खिलाफ संघर्ष किया और अपने प्राणों तक की आहूति दे दी। इनमें से बहुत से बलिदानियों को तो इतिहास में जगह मिल गयी परंतु कुछ के तो हम नाम भी नही जानते। ब्रिटिश साम्राज्य के विरूद्घ आम आदमी […]