कांग्रेसी समर्थक स्वारूपनंद सरस्वीती ने यदि साईं के बजाये पतित पावनी गंगा पर बयान दिया होता तो ज्यादा उचित और अनुकूल होता….मरहूम राजीव गांधी ने जनवरी 1985 को अपने पहले संबोधन में ही गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की पहल करी थी …गंगा प्रदूषण की प्रमुख वजह आज भी गाँव..कस्बो..और शहरों की गंदगी एवं सीवर […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
ऑस्ट्रेलियन प्राइम मिनिस्टर जूलिया गिलार्ड को दुनिया की रानी बना देना चाहिए !! इस महिला प्राइम मिनिस्टर ने जो कहा है , उस बात को कहने के लिए बड़ा साहस और आत्मविश्वास चाहिए ! पूरी दुनिया के सब देशों में ऐसे ही लीडर होने चाहिए !! वो कहती हैं :“मुस्लिम , जो इस्लामिक शरिया क़ानून […]
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक पहले हाफिज सईद से मेरी मुलाकात पर संसद में हंगामा हुआ और फिर कश्मीर पर मेरे विचारों को लेकर। मुझे दुख है कि हमारे नेताओं ने इन दोनों मुद्दों पर ठंडे दिमाग से क्यों नहीं सोचा? वे कुछ अनैतिक टीवी चैनलों के कुप्रचार के शिकार क्यों बन गए? आज तक दुनिया […]
ईरान से इंडोनेशिया तक सारा हिन्दुस्थानईरान – ईरान में आर्य संस्कृति का उद्भव 2000 ई. पू. उस वक्त हुआ जब ब्लूचिस्तान के मार्ग से आर्य ईरान पहुंचे और अपनी सभ्यता व संस्कृति का प्रचार वहां किया। उन्हीं के नाम पर इस देश का नाम आर्याना पड़ा। 644 ई. में अरबों ने ईरान पर आक्रमण कर […]
हमारे देश के नेतागण और बुद्धिजीवी अंदरूनी राजनीति की सनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों तक ले जाते हैं। तभी वे हमेशा फलस्तीन की फिक्र करते हैं और इजरायल को दैत्य जैसा दिखाने की फिराक में रहते हैं। वे बुनियादी बातों पर चुप रहते हैं कि कई मुस्लिम शासक, संगठन इजरायल का अस्तित्व ही मिटा देना चाहते हैं। […]
गत सप्ताह सीनियर पत्रकार वेदप्रताप वैदिक एपिसोड पर बवाल मचा रहा। भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष जंग कर रहे ‘देश के दुश्मन’ और पाकिस्तान के लाडले हाफिज सईद का उन्होंने इंटरव्यू किया, इस बात को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। वैदिक पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग हो रही है। इस मांग के राजनीतिक पहलुओं पर […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी लॉर्ड्स। जब पहली बार लॉर्ड्स के मैदान पर मैच खेला गया, उस वक्त दुनिया में इंग्लैंड की सत्ता में सूरज डूबता नहीं था। और भारत ही नहीं दुनिया के चालीस से ज्यादा देशो में लॉर्ड्स का मतलब इंग्लैंडके वह लॉर्ड्स ही थे जो ब्रिटिश सत्ता चलाते थे। और […]
भारत के संघीय संविधान के अनुच्छेद 370 को लेकर बहस कभी समाप्त नहीं होती । बहस के मोटे तौर पर दो मुद्दे रहते हैं । १. जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह द्वारा २७ अक्तूबर १९४७ को अधिमिलन पत्र पर हस्ताक्षर करने के कारण जम्मू कश्मीर रियासत भारत में शामिल हुई । २. भारत के […]
राजर्षि धर्मवीर ठाकुर जयपाल सिंह नयाल आज भारत जैसे निर्धन एवं पिछड़े हुए देश में, चिंता नही मूक पशुओं की चिकित्सा के विषय में बात होगी। किंतु विचार करके देखें तो बात ऐसे मनुष्यों का स्वास्थ्य निर्भर करता है। कुछ तो ऐसे हैं, जो पशुओं के स्वास्थ्य को उपेक्षा की दृष्टिसे देखते हैं, परंतु अधिकांश […]
गतांक से आगे…… आचार्य भद्रसेन महाराज कृष्ण गीता में कहा है- इंद्रियाणि प्रमाथीनि हरन्ति प्रसभं मन:। हे अर्जुन! इंद्रियां बड़ी बलवान हैं। ये जबरदस्ती मन को अपनी ओर खींच लेती हैं। अत: इंद्रियों के बलवान होने के साथ साथ उनका सन्मार्गगामी होना भी परमआवश्यक है। यह तभी होगा, जब उनके अंदर से राग द्वेष आदि […]