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अनुच्छेद 370 के प्रयोग की त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया

अनुच्छेद ३७० संघीय संविधान में एक अस्थायी और संक्रमणकालीन व्यवस्था थी । राज्य की संविधान सभा द्वारा जम्मू कश्मीर रियासत के भारत में अधिमिलन की पुष्टि कर दिये जाने के पश्चात् इस की उपयोगिता स्वत समाप्त हो गई थी । काल प्रवाह में जम्मू कश्मीर में संक्रमण काल भी समाप्त हो गया । इससे इस […]

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३७० का सच

भारत के संघीय संविधान के अनुच्छेद 370 को लेकर बहस कभी समाप्त नहीं होती । बहस के मोटे तौर पर दो मुद्दे रहते हैं । १. जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह द्वारा २७ अक्तूबर १९४७ को अधिमिलन पत्र पर हस्ताक्षर करने के कारण जम्मू कश्मीर रियासत भारत में शामिल हुई । २. भारत के […]

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अब अनुच्छेद ३७० को लेकर छिड़ी नई बहस

  जम्मू कश्मीर में जब भी चुनाव होते हैं तो संघीय संविधान के अनुच्छेद ३७० का प्रश्न सदा प्रमुख रहता है । चुनाव चाहे लोक सभा के हों या विधान सभा के,अनुच्छेद ३७० का मुद्दा कभी ग़ायब नहीं होता । जम्मू और लद्दाख के लोगों ने तो इस अनुच्छेद को हटाने के लिये १९४८ से […]

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अनुच्छेद ३७० पर बहस तो होनी ही चाहिए

सिद्धार्थ शंकर गौतम मोदी सरकार के गठन के ठीक अगले ही दिन प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री और उधमपुर से भाजपा सांसद जितेंद्र सिंह ने भाजपा के घोषणा-पत्र के अनुरूप जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद ३७० के औचित्य पर बयान देकर सियासत को गरमा दिया है| दरअसल उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद ३७० को निरस्त करने के लिए […]

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