Categories
महत्वपूर्ण लेख

स्वामी डा. सत्य प्रकाश सरस्वती थे वेदधर्म के पालक

मनमोहन कुमार आर्य 10 मई सन् 1971 को विज्ञान परिषद्, प्रयाग के प्रांगण में स्वामी ब्रह्मानन्द दण्डी जी से आपने संन्यास की दीक्षा ली। आर्य जगत के लब्ध प्रतिष्ठित शोध विद्वान व हमारे प्रेरणास्रोत प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु सपरिवार इस संन्यास-संस्कार में सम्मिलित हुए थे। इस घटना के विषय में प्रा. जिज्ञासुजी ने लिखा है कि […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत एक हिंदू राष्ट्र है:स्वामी त्रिदण्डी

स्वामी त्रिदण्डी जी महाराज अखिल भारत हिंदू महासभा के मार्गदर्शक मंडल के महासचिव हैं। उनका भारत के धर्म, संस्कृति और महासभा की नीतियों के विषय में चिंतन बहुत स्पष्ट है। उनके साथ हमारी चलभाष पर बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस देश में हिंदू को आज भी […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

हिन्दी को लेकर उठते सवाल

हिन्दी दिवस एक बार आकर फिर दहलीज़ पर खड़ा है । सितम्बर की चौदह तारीख़ इसके आने के लिये सरकारी तौर पर निर्धारित है । इस कारण इसे आना ही पड़ेगा । सरकारी आदेश है । हुकुम अदूली कैसे की जा सकती है ? सरकारी दफ़्तरों में महीना भर मिसल गतिशील हो जाती है । […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

छत्तीसगढ़ों का राज्य-छत्तीसगढ़: तथ्यों के आईने में

छत्तीसगढ़ का अपना एक गौरवपूर्ण इतिहास है। प्राचीन काल में इसे ‘दक्षिण कोशल’  के नाम से जाना जाता था। यहां छठी शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक सरयूपरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी कलचुरि तथा नामवंशी शासकों का शासन रहा। चालुक्य शासक अनमदेव ने वर्ष 1320 ई. में बस्तर में अपने राजवंश की स्थापना की थी। 16वीं शताब्दी में […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

आंसुओं की एक अविरल धारा भी होता है पिता

पूज्य पिताश्री महाशय राजेन्द्र सिंह आर्य जी की पुण्यतिथि: 13 सितंबर पर विशेष पिता एक अहसास है-पिता हमारी बुलंदियों की नींव रखता है-‘‘अपने सपनों में, और उसे साक्षात करता है-अपने संघर्ष से, अपने पुरूषार्थ से, अपने उद्यम से, अपने त्याग से और अपनी तपस्या से। हम जब-जब अपने जीवन पथ पर कहीं बुलंदियों को छूते […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

विश्व हिन्दू परिषद के पचास वर्ष

दुनिया भर में रहने वाले हिन्दू समाज की पिछले सौ साल में स्पष्ट ही दो श्रेणियाँ हो गईं हैं । हिन्दुस्तान का हिन्दू समाज और हिन्दोस्तान से बाहर रहने वाला हिन्दू समाज । हिन्दोस्तान के बाहर रहने वाला हिन्दु समाज वह है जिसे भारत के यूरोपीय विदेशी शासकों ने लालच देकर एशिया और अफ़्रीका के […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

अरब की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति और भारत

अरब देश का भारत, भृगु के पुत्र शुक्राचार्य तथा उनके पोत्र और्व से ऐतिहासिक संबंध प्रमाणित है, यहाँ तक कि “हिस्ट्री ऑफ पर्शिया” के लेखक साइक्स का मत है कि अरब का नाम और्व के ही नाम पर पड़ा, जो विकृत होकर “अरब” हो गया। भारत के उत्तर-पश्चिम में इलावर्त था, जहाँ दैत्य और दानव […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

जम्मू कश्मीर में हिन्दुओं के अस्तित्व का यक्ष प्रश्न-9

गतांक से आगे….. शिमला  समझौते की भावना के अनुसार कश्मीर के उस क्षेत्र पर पाक के नियंत्रण को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया गया जो उसने 1948 में कबालियों के माध्यम से कब्जे में कर लिया था। इस समझौते से भारत का वह प्रतिवेदन भी निरस्त हो जाता है जो उसने संयुक्त राष्ट्र संघ […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

शिक्षक अपने सामथ्र्य को पहचानें

किसी भी देश के लिए जितना शिक्षक महत्वपूर्ण होता है उतना और कोई नहीं। सभी प्रकार के दायित्वों में आरंभिक नींव है तो वह शिक्षक ही है। शिक्षक अपने आप में ऎसा विराट शब्द है जिसे आत्मसात करना मामूली नहीं है। फिर जो इसका अर्थ समझ लेते हैंउनके लिए दुनिया के सारे काम-काज गौण हो […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

शिक्षा के बाजारीकरण से लुप्त हो रहा गुरू-शिष्य प्रेम

निर्भय कुमार कर्ण शिक्षक और छात्र के बीच प्रथम दृष्टतया अनुशासनात्मक संबंध होता है। शिक्षण व्यवस्था में शिक्षक और छात्र दोनों की अहम भूमिका है। दोनों आपस में एक गति और लय से आगे बढ़े, तभी विकास संभव है।देखा जाए तो जब तक अनुशासन परस्पर कायमरहता है तब तक शिक्षक और छात्र के बीच का […]

Exit mobile version