सरदार बल्लभ भाई पटेल भारतीय स्वातंत्र्य समर के कोहेनूर हैं। यदि उन्हें भारतीय स्वतन्त्रता समर से निकाल दिया जाये तो भारत की स्वतन्त्रता का ‘ताज’ आभाहीन हो जायेगा। सरदार जी के नाम से प्रसिद्ध और इतिहास में ‘लौहपुरुष’ की ख्याति प्राप्त इस महापुरुष की एक बात सभी ने मुक्तकण्ठ से सराही है कि ये स्पष्टवादी […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
इतिहास में कोई भी घटना अपने समकालीन इतिहास को अवश्य प्रभावित करती है । यदि उस घटना के समकालीन घटना चक्र पर दृष्टिपात किया जाए तो पता चलता है कि एक घटना दूसरी को और दूसरी घटना तीसरी को प्रभावित करके चली जाती है । इससे एक घटना का प्रभाव बहुत आगे तक भी पड़ना […]
भारत के संबंध में मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्तियां बड़ी सार्थक हैं :— ” गौतम वशिष्ट समान मुनिवर ज्ञान दायक थे यहां , मनु याज्ञवल्क्य समान उत्तम विधि विधायक थे यहां । वाल्मीकि वेद व्यास से गुणगान गायक थे यहां , पृथु , पुरु ,भरत , रघु से अलौकिक लोकनायक थे यहां।। ” हमारे महान […]
आज के दिन ही दी गई थी 1940 में फांसी आज ही के दिन 1974 में ब्रिटेन ने सौंपे थे उनकी अस्थियों के अवशेष दुखद है कि आज तक भी नहीं मिला इतिहास में उचित सम्मान पंजाब के ऐतिहासिक नगर अमृतसर का जलियांवाला (जलियां नामक एक माली का) बाग भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता आंदोलन का […]
मित्रो ! भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के अनेकों ऐसे महान नक्षत्र हैं जिन्होंने अपनी दिव्य आभा से भारत के तत्कालीन नभमंडल को अपनी तेजोमयी ज्योति से ज्योतित कर अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान भी दिया । ऐसा ही एक नाम है जतिंद्रनाथ दास का, जिन्हें उनके साथी क्रांतिकारी ‘जतिन दा’ कहकर पुकारते थें। हमारे इस क्रंतिकारी नेता […]
आज आर्य जगत के एक महान शिक्षाशास्त्री महात्मा हंसराज जी के सुपुत्र बलराज भल्ला का जन्म दिवस है । बलराज भल्ला एक ऐसे क्रांतिकारी हैं जिनका नाम इतिहास से पूर्णतया गायब कर दिया गया है । 10 जुलाई 1888 को गुजरान्वाला पंजाब में जन्मे बलराज भल्ला को 1919 में वायसराय की गाड़ी पर बम फेंकने […]
” हम युद्ध नहीं करेंगे ” – ऐसी जिनकी घोषणा को उनसे वह कौन डरेगा ? — सावरकर मित्रो ! सावरकर जी नेहरू सरकार की ढुलमुल विदेश नीति के विरोधी थे । नेहरू सरकार पड़ोसी देशों से अपने भूभाग की सुरक्षा करने में निरंतर असफल हो रही थी। पहले टूटा फूटा हिंदुस्तान लेकर 15 अगस्त […]
मित्रो ! आज 29 जून है । आज सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की जयंती है । आज ही के दिन 1901 में इस मां भारती के महान सपूत का जन्म बंगाल (अब बांग्लादेश) के पबना जिले में माता वसंतकुमारी और पिता क्षिति मोहन लाहिड़ी के घर हुआ था । इनके पिताजी व बड़े भाई […]
जन डोले जीवन डोले और डोला सब संसार रे जब बजी वेद की बांसुरिया रे 1. परमेश्वर की अनुकम्पा से एक तपस्वी आया। जिसने जनता को नवयुग का नव संदेश सुनाया हो प्यारे नव संदेश सुनाया रे…. जब…. 2. जनता जागी निद्रा त्यगी सुमिर-सुमिर ओंकार रे…. जब बजी वेद की… सब पाखण्डी कुरीतियों से उडक़र […]
स्वामी दयानन्द जन्मजात दार्शनिक थे, इस कारण नहीं कि वे प्रारम्भ से मूडी या उदासमुख थे, अपितु इस कारण कि भावी दार्शनिक की भांति बाल्यकाल से उनकी आत्मा में जीवन की जटिल समस्याओं का हल खोजने की ललक थी। इस प्रयोजन से उनके जीवन की दो घटनायें प्रस्तुत की जा रही हैं जो भविष्य में […]