पंकज जायसवाल 85 देशों में दस लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ते हैं। 2024 तक, हमारे छात्रों के प्रति वर्ष अनुमानित $80 बिलियन खर्च करने की उम्मीद है। इतने सारे छात्र विदेश क्यों जा रहे हैं? प्रतिबिंबित करना आवश्यक है। आइए पहले हम भारत में चिकित्सा शिक्षा की जांच करें। पिछले सात वर्षों में देश […]
श्रेणी: शिक्षा/रोजगार
आर्यसमाज और भारतीय शिक्षा पद्धति लेखक – डॉ० भवानीलाल भारतीय अजमेर स्त्रोत – सुधारक (गुरुकुल झज्जर का मासिक पत्र) जुलाई 1976 प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा लाला लाजपतराय ने अपनी पुस्तक ‘ दुःखी भारत ‘ ( Unhappy India ) में यह बताया है कि अंग्रेजों के भारत में आगमन से पूर्व भारत में एक व्यवस्थित शिक्षा […]
– ललित गर्ग- विश्व शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष दुनिया के लगभग एक सौ देशों में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य विश्वभर के शिक्षकों द्वारा विश्व के लगभग दो अरब पचास करोड़ बच्चों के जीवन निर्माण मंे दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान पर विचार-विमर्श करना है। इस दिवस को […]
लेखक :- डॉ सत्यकेतु विद्यालंकार प्रस्तुति :- अमित सिवाहा शुरू में गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ गुरुकुल काँगड़ी की अन्यतम शाखा न होकर उसका एक अंग या विभाग था । पर बाद में उसने शाखा गुरुकुल का रूप प्राप्त कर लिया , और उसमें पृथक् व स्वतन्त्र रूप से शिक्षा का प्रारम्भ किया गया , यद्यपि उसमें काँगड़ी […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। यह आरक्षण एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस और एमडीएस आदि सभी कक्षाओं में मिलेगा। आरक्षण का यह प्रावधान सरकारी मेडिकल काॅलेजों पर लागू होगा। […]
उगता भारत ब्यूरो निजी और सरकारी स्कूलों के बीच की खाई इस महामारी के दौर में और गहराई से महसूस की गई। जहां निजी स्कूलों के पास बेहतर सुविधाएं, उपकरण और संसाधनों के अलावा अनुभवी और प्रशिक्षित टीचर हैं वहीं सरकारी स्कूलों में हालात 21वीं सदी के दो दशक बाद भी नहीं सुधर पाए हैं। […]
ललित गर्ग भारत सुपर पावर बनने के अपने सपने को साकार कर सकता है। इस महान उद्देश्य को पाने की दिशा में विज्ञान, तकनीक और अकादमिक क्षेत्रों में नवाचार और अनुसंधान करने के अभियान को तीव्रता प्रदान करने के साथ मातृभाषा में शिक्षण को प्राथमिकता देनी होगी। सशक्त भारत-निर्माण एवं प्रभावी शिक्षा के लिए मातृभाषा […]
ओ३म् ============ आदरणीय धर्म प्रेमी आर्य श्रेष्ठ सज्जनों! आप सभी जानते हैं कि करोना काल में परिस्थितियां अनुकूल नहीं है। दान के माध्यम से चलने वाली हमारी संस्थाएं आर्थिक रूप से दानदाताओं पर ही निर्भर हैं। ‘‘मातृ छाया सेवा आश्रम व मैत्रेयी कन्या गुरुकुल’’ इस क्षेत्र का एकमात्र निःशुल्क वैदिक कन्या गुरुकुल है। इस कन्या […]
श्रीश देवपुजारी समाज में एक भ्रम फैलाया गया है कि संस्कृत पढऩे से छात्र अर्थार्जन नहीं कर सकता। उसे केवल शिक्षक बनना पड़ता है या पुरोहित। इस प्रकार की धारणा रखनेवालों से मेरा प्रश्न है कि जो संस्कृतेतर छात्र बीए, बीकॉम और बीएससी होते है उनके लिए कौन-सी नौकरी बाट जोह रही है? हमारे देश […]
( बिना परीक्षा कॉलेजों और स्कूलों की बड़ी कक्षाओं के छात्रों को ‘कोरोना सर्टिफिकेट’ देना कोई बेहतर कदम नहीं है। कोरोना काल में वर्चुअल कक्षाओं ने इंटरनेट को भी शिक्षा की महत्वपूर्ण कड़ी बना दिया है लेकिन हमने ये भी जाना कि देश में एक बड़े वर्ग के पास न तो स्मार्ट फोन है और […]