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बिखरे मोती

बिखरे मोती भाग-53

दिव्यता से सौम्यता मिलै, ये साथ चले श्रंगारगतांक से आगे….सजा सके तो मन सजा,तन का क्या श्रंगार।दिव्यता से सौम्यता मिलै,ये साथ चले श्रंगार ।। 628 ।। भावार्थ यह है कि अधिकांशत: लोग इस नश्वर शरीर को ही सजाने में लगे रहते हैं जबकि उनका मन छह विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईष्र्या तथा […]

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