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विशेष संपादकीय

मैं आया हूं उन राजद्रोही चरणों पर फूल चढ़ाने

मैं आया हूं उन राजद्रोही चरणों पर फूल चढ़ाने आज भारतवर्ष अपना 71वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस पावन अवसर पर अपने नाम-अनाम स्वतंत्रता सेनानियों को पूरा देश नमन कर रहा है। ‘उगता भारत’ अपने इन नाम-अनाम स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए उनके विषय में कवियों की कविताओं के माध्यम से अपने श्रद्घासुमन […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

जब भारतवर्ष में मात्र 26 वर्ष में ही हो गये थे 20 स्वतंत्रता आंदोलन

आर्यधर्म की विशेषताएं जिस आर्य (हिन्दू) धर्म की रक्षार्थ लड़े गये लंबे स्वातंत्र्य समर की कहानी हम लिख रहे हैं उसके विषय में स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने अपनी पुस्तक ‘हिन्दू नाम की प्राचीनता और विशेषताएं’ के पृष्ठ भाग पर लिखा है कि-‘‘यह धर्म (अपने मूल स्वरूप में) जनतंत्रवादी है- अधिनायकवादी नही, बुद्घिवादी है-पैगंबरवादी नही, […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

भारतवर्ष में गुरुकुल कैसे खत्म हो गये…?

वेदवसु आर्य 1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकोले’ ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत के शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Litnar और दूसरा […]

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अन्य कविता

भारतवर्ष एक न्यारा देश

भारतवर्ष है देश हमारा, कर रहा विश्व प्रकाशित हमारा।हिमगिरि जहॉ का श्ीाश मुकुट है, जंगल सारे हरे विकट है।।शेर चीता अरू दुर्लभ प्राणी, जंगल में करते मनमानी।नही यहॉ उन्हे कोई डर है, भारत न्यारा देश अमर है।। गंगा जैसी नदियॉ बहती, बनो निडर यह सब को कहती।भारत की है न्यारी शान, झंडा तिरंगा इसकी आन।।शेर, […]

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