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बिखरे मोती

आनंद लोक को ले चले, बिरला मिलता नेक

बिखरे मोती-भाग 189 गतांक से आगे…. ”जीना है तो दिव्यता में जीओ।” ”आत्मा की आवाज सुनो और आगे बढ़ो।” आत्मा की आवाज परमात्मा की आवाज होती है। आत्मा की बात को मानना भगवान की बात को मानना है। इस संदर्भ में भगवान राम ‘रामचरितमानस’ के उत्तरकाण्ड पृष्ठ 843 पर कहते हैं- सोइ सेवक प्रियतम मम […]

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