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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भाई दयालाजी, भाई सतीदास और गुरू तेगबहादुर के बलिदान

वैदिक धर्म की महानता मूलत: इस्लाम हिंदू विरोधी है। वह संसार में केवल इस्लाम की सत्ता चाहता है। औरंगजेब इसी इस्लामिक सोच को व्यावहारिक रूप देना चाहता था इसीलिए वह गुरू तेगबहादुर को मुसलमान बनाकर इस्लाम को सार्वभौमिक धर्म बना देना चाहता था। यह अलग बात है कि कोई भी मत या संप्रदाय सार्वभौमिक नही […]

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राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

भारत का सैन्य विज्ञान और हाइफा के बलिदानी

भारत की सेना का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है और इसका कारण यह है कि भारत ही विश्व का वह प्राचीनतम और पहला देश है जिसने जीवन को उन्नति में ढालने के लिए सर्वप्रथम सैन्य विज्ञान की उत्कृष्टतम खोज की। शेष विश्व तो यह आज तक भी समझ नहीं पाया कि सैन्य विज्ञान क्या होता है? […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

ऐतिहासिक भवनों एवं किलों की उपेक्षा-2

इस धर्मनिरपेक्षता की रक्षार्थ यदि इन्हें हमारी वीर राजपूत जाति की क्षत्राणियों के हजारों बलिदानों को भुलाना पड़े, उनके जौहर को विस्मृति के गड्ढे में डालना पड़े और उन्हें अधम कहना पड़े तो ये लोग ऐसा भी कर सकते हैं। यह अलाउद्दीन के उस प्रयास को जो उसने महारानी पदमिनी को बलात् अपने कब्जे में […]

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गौ और गोवंश

गोवंश और गोभक्तों के महान बलिदान का विवरण,भाग-2

दिनेश चंद्र त्यागी गतांक से आगे…. मालेर कोटला का महाबलिदान पंजाब के मालेर कोटला में चलाये जा रहे बूचड़खाने को ध्वस्त करने 140 नामधारी सिख गोभक्त 15 जनवरी 1872 को वहां पहुंच गये जो अपने लक्ष्य में सफल रहे। इनमें से 80 सिख वीरों को बिना मुकदमा चलाये तोपों से 14 से 17 जनवरी  1872 […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गोवंश और गोभक्तों के महान बलिदान का विवरण

दिनेश चंद्र त्यागी स्वतंत्र भारत के इतिहास में 7 नवंबर 1966 वह अविस्मरणीय दिवस है जिस दिन राजधानी दिल्ली में सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति के तत्वाधान में गोवंश हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर संसद के सामने अभूतपूर्व विराट प्रदर्शन के लिए 10 लाख  गोभक्तों का जनसमुद्र उमड़ पड़ा था। इतना विराट […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

रानी पद्मिनी और उनकी हजारों वीरांगना सहेलियों का बलिदान

गोरा-बादल और रानी पद्मिनी हमारे नायक मेवाड़ की भूमि का कण-कण गोरा बादल और रानी पद्मिनी की वीरता का गुणगान आज लगभग सात सौ वर्ष पश्चात भी कर रहा है। वास्तव में इतिहास के नायक वही लोग हुआ करते हैं जिनके बलिदानों को और महान कार्यों को आने वाली पीढिय़ां स्वभावत: स्मरण रखें और बिना […]

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