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पर्यावरण राजनीति संपादकीय

संतति निरोध की मूर्खतापूर्ण नीतियां अपनाने का षडय़ंत्र भाग-2

अन्नोत्पादन से कितने ही जीवों की हत्या हलादि से होती है। वनों का संकुचन होता है। फलत: पर्यावरण का संकट आ खड़ा होता है। इसलिए प्राकृतिक और स्वाभाविक रूप से जो कुछ हमें मिल रहा है वही हमारा स्वाभाविक भोजन है। अत: अन्न  से रोटी बनाना और उसे भोजन में ग्रहण करना तो एक बनावट […]

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अन्य

पर्यावरण के लिए बुरा है गौमांस सेवन: विशेषज्ञ

नयी दिल्ली। गौमांस खाने के मुद्दे ने इन दिनों देश को आंदोलित कर रखा है जहां लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। धार्मिक रूप से गौमांस सेवन वर्जित होना इस मुद्दे का एक आयाम हो सकता है लेकिन गौमांस सेवन के खिलाफ एक और बेहद मजबूत पहलू […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

पर्यावरण को लेकर भारत की सराहनीय पहल

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्बन उत्सर्जन को लेकर युरोपियन देशों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह से फटकार लगाना शुरू किया है, उससे अब साफ झलकने लगा है कि दुनिया में भारत आज स्वस्थ वैश्विक पर्यावरण को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित है। भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को 22 अप्रैल पृथ्वी दिवस […]

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विविधा

पर्यावरण

शैलेन्द्र चौहान पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टाकहोम (स्वीडन) में सन् 1972 में 05 से 16 जून तक विश्व भर के देशों का पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया। इसे स्टाकहोम कान्फ्रेंस के नाम से […]

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