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आवश्यकता है पत्रकारिता को पहचानने की

राकेश आर्य (बागपत) एक समय था जब हम किसी समाचार के लिए कहते थे कि अमुक बात समाचार पत्र में आई है, अत: इस पर शक करने की कोई गुंजाइश नहीं है, परंतु समय के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में भी गिरावट आई है और यहां भी कुछ पेशेवर लोग घुस आये हैं। ‘पत्रकारिता दिवस’ […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से राजनीति विशेष संपादकीय

नकारात्मक व ओच्छी मानसिकता की पत्रकारिता

खोजी पत्रकारिता और लोकतंत्र का चोली दामन का साथ है। पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती। क्योंकि लोकतंत्र विचारों को निर्बाध रूप से बहने देकर उनसे नवीन आविष्कारों को जन्म देकर लोगों के वैचारिक और बौद्घिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक शासन प्रणाली का नाम है। नवीन आविष्कारों से […]

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महत्वपूर्ण लेख

पत्रकारिता का धर्म

गत सप्ताह सीनियर पत्रकार वेदप्रताप वैदिक एपिसोड पर बवाल मचा रहा। भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष जंग कर रहे ‘देश के दुश्मन’ और पाकिस्तान के लाडले हाफिज सईद का उन्होंने इंटरव्यू किया, इस बात को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। वैदिक पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग हो रही है। इस मांग के राजनीतिक पहलुओं पर […]

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