Categories
धर्म-अध्यात्म

वेद और धर्म की रक्षा के लिए संगठन और शुद्धि आवश्यक है

ओ३म् =========== अपनी रक्षा करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म व कर्तव्य है। यह रक्षा न केवल शत्रुओं से अपितु आदि-व्याधि वा रोगों से भी की जाती है। अपने चरित्र की रक्षा भी सद्नियमों के पालन से की जाती है। वेद व धर्म को खतरा किससे है? इसका उत्तर है कि जो वेद को नहीं मानते, […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

पर्चे बांटकर लोगों को भड़काने की कोशिश : मुसलमानों हमें आज कर्बला का किरदार निभाना होगा – – – – नहीं तो मिट जाएगा 25 करोड़ मुसलमानों का नाम

गाजियाबाद । देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ कर अफरा-तफरी और अराजकता फैलाने वाले तत्व किस कदर सक्रिय हैं ? – इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब लोग पर्चे बांटकर भी देश के लोगों को लड़ाने की हरकतों पर उतर आए हैं । नागरिकता संशोधन अधिनियम एनआरसी को लेकर पहले […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

भारत में 62% लोग सी ए ए के समर्थन में , असम के 68 परसेंट लोग विरोध में : सर्वे

नई दिल्ली । देशवासियों के लिए यह संतोष का विषय है कि जहां राजनीतिक दल नागरिकता संशोधन अधिनियम को गलत बताकर लोगों को बरगलाने और देश के माहौल को बिगाड़ने में लगे हैं वही देश का जन सामान्य सरकार के इस निर्णय के साथ खड़ा है । एक सर्वेक्षण से इस तथ्य का पता चला […]

Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

देश की राजनीति का दोगला और देशद्रोही चरित्र

सत्ता स्वार्थों की राजनीति की देश में इस समय तूती बोल रही है । नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर राजनीतिक दलों ने देश में आग लगा रखी है । सत्ता की प्राप्ति के लिए उतावले कुछ विपक्षी दल बिना इस बात की परवाह किए इस कार्य को करते चले जा रहे हैं कि इसका परिणाम […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

हमने ऋषि दयानंद के उपकारों को जाना नहीं और न उनसे उऋण होने का प्रयत्न किया है

ओ३म् ============= महाभारत युद्ध के बाद देश का सर्वविध पतन व पराभव हुआ। इसका मूल कारण अविद्या था। महाभारत के बाद हमारे देश के पण्डित, ज्ञानी वा ब्राह्मण वर्ग ने वेद और विद्या के ग्रन्थों का अध्ययन-अध्यापन प्रायः छोड़ दिया था जिस कारण से देश के सभी लोग अविद्यायुक्त होकर असंगठित हो गये और ईश्वर […]

Categories
भारतीय संस्कृति

वैदिक राजधर्म व्यवस्था और देश के अध्यक्ष राजा के उत्तम गुणों व आचरण

-मनमोहन कुमार आर्य वेद संसार के सबसे पुराने धर्म ग्रन्थ हैं। वेद के विषय में ऋषि दयानन्द के विचार हैं कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सृष्टि के आरम्भ से ही महाभारत और उसके भी बाद आर्य राजा पृथिवीराज चौहान तक भारत में आर्य राजा हुए हैं। वेदों की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष […]

Categories
आज का चिंतन

भारत की इतिहास परंपरा में उपनिषदों का योगदान

भारत की राष्ट्रीय चेतना को आर्ष ग्रंथों ने बहुत अधिक प्रभावित किया है । बहुत दीर्घकाल तक भारतीय संस्कृति की प्रेरणा के स्रोत बने इन ग्रंथों ने भारत के राष्ट्रीय मानस को ,राष्ट्रीय चेतना को , राष्ट्रीय परिवेश को और राष्ट्रीय इतिहास को इतना अधिक प्रभावित किया है कि इनके बिना भारतीयता के उद्बोधक इन […]

Categories
कविता

शरद पूर्णिमा की रात को

✍ *शरद पूर्णिमा* की रात को *रश्मि* बिखरते चांद को जब मैंने अठखेलियाँ करते देखा तब नयन खो गये नयन में अपने चन्द्र अयन में पता ही नहीं चला कब भोर हो गयी चहक शोर हो गयी आश्विन का दीवानापन हँसते हँसते विदा हो गया कार्तिक को सौंप भार संदेश बीज बो गया जा रहा […]

Categories
कविता

जीवन अबूझ पहेली

यह जीवन है अबुझ पहेली हँस-हँस कर सुलझाना । भटक चुके हैं कई बटोही तुम भी भटक न जाना ।। पीड़ा की क्रीड़ा को समझो तभी समझ में आएगा । बिन समझे जो कदम बढ़ाया वह निश्चय पछतायेगा।। बिन सोचे समझे प्रियवर मत तम में तीर चलाना । यह जीवन है————- जग का हर व्यवहार […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

नागरिकता संशोधन अधिनियम और कॉन्ग्रेस का पाप

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर भारत और विशेष रूप से असम उबल रहा है, तरह – तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं, अफवाहों का बाज़ार गर्म है I कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी दल, एआईयूडीएफ आदि दल आंदोलन की आग में अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेंक रहे हैं I असम के अराजक तत्व भी इसमें कूद […]

Exit mobile version