देवेन्द्रराज सुथार जालोर, राजस्थान राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. जिसके तहत पाठ्य पुस्तकों का दो-तिहाई वजन कम किया गया है. अब बच्चों को वर्तमान पुस्तकों के एक तिहाई भार के रूप में अलग-अलग पुस्तकों के स्थान पर एक ही […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी एक तरफ एम पी कैडर के आई ए एस नियाज़ खान जैसे कुछ प्रबुद्ध अधिकारी ब्राह्मण के आई क्यू की प्रशंसा कर रहे है । ब्रह्मण की सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की सराहना कर रहे हैं,वही देश में बहुत बड़ा वर्ग ब्राह्मण के गुणों को नजरंदाज करते हुए […]
सेकुलर रोग से ग्रस्त कुछ वामपंथी और कांग्रेसी विचार रखने वाले इतिहासकारों ने हुमायूँ के बेटे मुग़ल बादशाह अकबर को एक धर्मनिरपेक्ष और हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक बता दिया है , और उसे “अकबर आजम -اكبرِ اعظم ” ( akabar the greate ) की उपाधि दे डाली है ,लेकिन अकबर न तो […]
उमेश चतुर्वेदी विश्व हिंदी सम्मेलन तो हो गया मगर इससे हिंदी को क्या हासिल हुआ? विश्व हिंदी सम्मेलन के 48 साल की यात्रा कम नहीं होती। फिजी के नादी में हुए 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के मौके पर देश में यह सवाल जरूर उठा कि जिस उद्देश्य से यह सम्मेलन शुरू हुआ, क्या उसे वह […]
डॉ डी के गर्ग भाग-१ ये लेख 10 भाग में है , पूरे विषय को सामने लाने का प्रयास किया है। आप अपनी प्रतिक्रिया दे और और अपने विचार से भी अवगत कराये विषय को प्रारंभ करने से पहले ये बता देना उचित होगा की शिव को लेकर अनेकों भ्रांतियां है जिनको समझना जरुरी है। […]
आशीष राय विश्व के कई देशों ने मातृभाषाओं में कार्य करके अपने को विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। इजराइल के वैज्ञानिकों ने हिब्रू भाषा में शोध करके सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार प्राप्त किये हैं। जापान, जर्मनी सहित तमाम देश अपनी मातृभाषा में ही कार्य करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। 15 […]
रूबी सरकार भोपाल, मप्र भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने और अन्य कार्यों के लिए पानी जुटाने का जिम्मा घर की महिला सदस्यों पर है, जबकि उसका इस्तेमाल पुरुष भी करते हैं. पानी चाहे जितनी दूर से लाना पड़े, 7 महीने की गर्भवती, हो या बीमार महिला, चाहे किशोरियों की स्कूल छूट जाए फिर भी […]
ललित सरदाना संस्थापक, सरदाना इंटरनेशनल स्कूल उतार-चढ़ाव से पार पाना ही असली जीवन हर इंसान के जीवन में अच्छा और बुरा दोनों समय आता है। लेकिन जीवन का मोल तब है, जब अच्छे समय में इंसान बहुत अधिक खुश न हो और बुरे समय में निराश न हो। जिसने यह जान लिया कि समय का […]
नहीं तो मातृभाषा को मृत भाषा बनने से कोई नहीं रोक सकता. 1- अफ्रिका महाद्वीप – 46 पिछडे देश 21 देश फ्रांसीसी में सीखते हैं। 18 देश अंग्रेज़ी में सीखते हैं।, 5 देश पुर्तगाली में सीखते हैं।, 2 देश स्पेनिश में सीखते हैं।, उन देशों के लिए ये सारी परदेशी भाषाएँ हैं। उनपर शासन करने […]
-प्रियांशु सेठ (वाराणसी) प्रसिद्ध योगगुरु बाबा रामदेव ने बयान दिया कि “ज्योतिष विद्या ने क्यों नहीं कोरोना काल के बारे में पहले जानकारी दी। सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं। ज्योतिषी काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं। बैठे-बैठे ही किस्मत बनाते हैं। किसी ज्योतिष ने यह नहीं बताया कि कोरोना आने […]