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भारतीय संस्कृति

संसार में वेदों की अप्रवृत्ति होने के कारण अनेकों अविद्या युक्त मत उत्पन्न हुए

ओ३म् =============== संसार में वर्तमान समय में सहस्राधिक अवैदिक मत प्रचलित हैं जिनकी प्रवृत्ति व प्रचलन पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद हुआ है। सभी मतों का आधार चार प्रमुख मत हैं जो पुराण, जैन मत के ग्रन्थों, बाईबल तथा कुरान आदि ग्रन्थों के आधार पर प्रचलित हुए हैं। महाभारत युद्ध से […]

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आज का चिंतन

वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्य स्वरूप में विश्वास से जीवन की सफलता

ओ३म् =========== मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और असत्य मार्ग […]

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आज का चिंतन

वेदों को अपना लेने से विश्व की सब समस्याओं का समाधान संभव

ओ३म् =============== हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा सकता। […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदों को अपना लेने से विश्व की सब समस्याओं का समाधान

ओ३म् =============== हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा सकता। […]

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आज का चिंतन

जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय सद व्यवहार और आचरण में है

ओ३म् =================== हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग करते हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि पशु व पक्षियों आदि के पास […]

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आज का चिंतन

क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी बना रहेगा ?

ओ३म् =============== हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का साधन […]

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आज का चिंतन

परमात्मा की उपासना से मनुष्य को क्या लाभ प्राप्त होता है?

ओ३म् ============= मनुष्य कोई भी काम करता है तो वह उसमें प्रायः अपनी हानि व लाभ को अवश्य देखता है। यदि किसी काम में उसे लाभ नहीं दिखता तो वह उसे करना उचित नहीं समझता। ईश्वर की उपासना भी इस कारण से ही नहीं की जाती कि लोगों को ईश्वर का सत्यस्वरूप व उपासना से […]

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आज का चिंतन

वर्तमान समय में वेद और वेदेतर मत पंचों की प्रासंगिकता

ओ३म् =========== महाभारत काल के बाद संसार में अनेक ज्ञानी व अल्पज्ञानी मनुष्य हुए जिन्होंने समय समय पर देश, काल, परिस्थिति एवं अपनी योग्यतानुसार अनेक मतों का प्रचलन किया। समय के साथ उनके द्वारा चलाये गये मत पल्लवित व पोषित होते रहे और आज अनेक अवैदिक मतों का संसार पर प्रभाव व प्रधानता है। महाभारतकाल […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर हमारे माता-पिता और आचार्य भी है

ओ३म् =========== ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनादि, अनन्त, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय एवं सृष्टिकर्ता है। वह जीवात्माओं के जन्म-जन्मान्तर के कर्मों के अनुसार न्याय करते हुए उन्हें भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म देकर उनको सुख व दुःख रूपी भोग व फल प्रदान करता है। संसार में असंख्य प्राणी […]

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आज का चिंतन

हमें अपना जीवन व सुख दुख सृष्टिकर्ता ईश्वर से ही मिलते हैं

ओ३म् =========== हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारा जन्म हमारे माता-पिता की देन होता है। माता-पिता को हमें जन्म देने व पालन करने में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं। यदि हमारे माता-पिता यह सब न करते तो हमारा न जन्म होता और यदि जन्म होता भी तो हम स्वस्थ, बुद्धिमान व ज्ञानवान न बनते। हमारे माता-पिता […]

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