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राजनीति

भारत में लोकतंत्र है या नहीं ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अमेरिका के ‘फ्रीडम हाउस’ और स्वीडन के ‘डेमो-इंस्टीट्यूट’ की रिर्पोटों में कहा गया है कि भारत में अब लोकतंत्र बहुत घटिया हो गया है। अब वहाँ चुनावी लोकतंत्र तो बचा हुआ है लेकिन शासन लोकतांत्रिक नहीं है। जब से मोदी सरकार बनी है, लोगों के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता में गिरावट आई […]

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देश विदेश समाज

बुर्कों पर लगाते प्रतिबंधों के असल मायने क्या है ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक यहां सवाल यही उठता है कि आखिर इस्लामी देशों ने भी बुर्के पर प्रतिबंध क्यों लगाया ? इसका तात्कालिक कारण तो यह है कि बुर्का पहनकर कई आदमी जघन्य अपराध करते हैं। वे अपनी पहचान छिपा लेते हैं और अचानक हमला बोल देते हैं। स्विट्जरलैंड ताजातरीन देश है, जिसने बुर्के पर प्रतिबंध […]

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मुद्दा

फारुख अब्दुल्ला को देशद्रोही मानना कितना उचित ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने डॉ. फारुक अब्दुल्ला के मामले में जो फैसला दिया है, वह देश में बोलने की आजादी को बुलंद करेगा। यदि किसी व्यक्ति को किसी नेता या साधारण आदमी की किसी बात पर आपत्ति हो तो वह दंड संहिता की धारा 124ए का सहारा लेकर उस पर देशद्रोह का मुकदमा […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

सिद्धांत विरोधी अवसरवादी समझौते करती कांग्रेस

डॉ. वेदप्रताप वैदिक बंगाल में अब्बास सिद्दिकी के ‘इंडियन सेक्युलर फ्रंट’, असम में बदरूद्दीन अजमल के ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड फ्रंट’ और केरल में ‘वेलफेयर पार्टी’ से कांग्रेस ने गठबंधन किसलिए किया है, इसीलिए कि जहां इन पार्टियों के उम्मीदवार न हों, वहां मुस्लिम वोट कांग्रेस को सेंत-मेंत में मिल जाएं। कांग्रेस पार्टी आजकल वैचारिक अधःपतन […]

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भारतीय संस्कृति

गौ हमारी माता है ऐसे संस्कार बच्चों को बचपन से ही देने आरंभ करने चाहिए

प्रस्तुति – वेद प्रकाश वैदिक गोरक्षा की बात सबलोग कर रहे हैं, लेकिन जबतक गोमाता के प्रति दृष्टि पशुतावाली ही रहेगी, तब तक गोमाता की रक्षा कैसे हो सकेगी? आज भी स्कूल में बच्चे को सिखाया जाता है : “काऊ मीन्स गाय”। गाय क्या है? “The cow is a useful domestic animal.” (“गाय एक उपयोगी […]

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आतंकवाद देश विदेश

इस्लामी जगत और फ्रांसीसी कानून

डॉ. वेदप्रताप वैदिक वर्तमान कानून लंबी बहस और सैंकड़ों संशोधनों के बाद पारित हुआ है। यह नये फ्रांसीसी इस्लाम की स्थापना कर रहा है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य फ्रांस के मुसलमानों को यह समझाना है कि तुम सबसे पहले फ्रांस के नागरिक हो। अफ्रीकी, अरब, तुर्क, ईरानी या मुसलमान बाद में। फ्रांस की संसद […]

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भाषा

मातृभाषा हिंदी और महाशक्ति भारत का द्वंद्व

वेदप्रताप वैदिक आम तौर पर लोगों को पता नहीं होता कि संयुक्त राष्ट्र 21 फरवरी को विश्व-मातृभाषा दिवस क्यों मनाता है। दुनिया के लगभग सभी राष्ट्रों में इस दिन मातृभाषाओं के सम्मान से जुड़े आयोजन होते हैं, लेकिन इसका श्रेय हमारे पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश को जाता है। बांग्लादेश 1971 के पहले तक पाकिस्तान का हिस्सा […]

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Uncategorised

मोदी के भाषणों में है किसानों का गुस्सा शांत करने की क्षमता

  डॉ. वेदप्रताप वैदिक  राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाबी भाषण सुनकर मेरी त्वरित प्रतिक्रिया यह हुई कि किसान—आंदोलन का संतोषजनक समाधान संभव है। जिन अफसरों और सलाहकारों ने उनका यह भाषण तैयार करवाया है, वे प्रशंसा के पात्र हैं, क्योंकि यह भाषण सरकार और किसानों के बीच फंसी गांठ को खोल सकता […]

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देश विदेश

दुनिया का यह सबसे बड़ा लोकतंत्र उन 52 देशों में सम्मिलित हो गया जो लंगड़े लोकतंत्र कहलाते हैं

डॉ. वेदप्रताप वैदिक एक अध्ययन के मुताबिक 2014 में लोकतांत्रिक पैमाने में भारत का स्थान 27वाँ था लेकिन मोदी-राज में वह फिसल कर 53वें पर आ गया है। दुनिया का यह सबसे बड़ा लोकतंत्र उन 52 देशों की भीड़ में शामिल हो गया है, जो ‘लंगड़े लोकतंत्र’ कहलाते हैं। भारत में लोकतंत्र की हालत क्या […]

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देश विदेश

म्यांमार में सेना के शासन का आगाज

डॉ. वेदप्रताप वैदिक म्यांमार में 2008 में सेना ने जो संविधान बनाया था, उसके अनुसार संसद के 25 प्रतिशत सदस्य फौजी होने अनिवार्य थे और कोई चुनी हुई लोकप्रिय सरकार भी बने तो भी उसके गृह, रक्षा और सीमा- इन तीनों मंत्रालयों का फौज के पास रखा जाना अनिवार्य था। भारत के पड़ोसी देश म्यांमार […]

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