Categories
महत्वपूर्ण लेख

यूपी का माहौल बिगाड़ने की हो रही है कोशिश

मृत्युंजय दीक्षित

कुछ अन्य आपराधिक घटनाओं का संज्ञान लेना आवश्यक है क्योंकि इनसे पता चल रहा है कि प्रदेश के शहर-शहर में नफरत का जहर घोला जा रहा है। कुशीनगर, उन्नाव, बदांयू, जालौन और मुरादाबाद आदि जिलों में हुई घटनाएं और इन घटनाओं का पैटर्न बहुत ही चिंताजनक है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पवान हैं। वे स्वयं कानून व्यवस्था की छोटी से छोटी घटना पर पैनी दृष्टि रखते हैं और यही कारण है कि आज प्रदेश के जमनमानस में सुरक्षा का भाव जाग्रत हुआ है। प्रदेश की बेटियों में मनोबल ऊंचा हुआ है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट घोषणा कर रखी है कि यदि कोई शोहदा या अराजक तत्व किसी बहन-बेटी की सुरक्षा में सेंधमारी का प्रयास करेगा तो अगले चौराहे पर यमराज ही दिखलायी पड़ेंगे। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का प्रभाव भी दिखाई पड़ रहा है।

महिला सुरक्षा की चिंता करने के कारण भगवा धारी महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता मुस्लिम महिलाओं के बीच भी तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मन में अशांति होना स्वाभाविक है। सपा, बसपा, कांग्रेस व अन्य सभी छोटी पार्टियों के मन में यह भय है कि अगर 5 से 10 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं व मतदाता का वोट अगर भाजपा को चला गया तो उनका तो अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और भाजपा उप्र की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब हो जाएगी।

यही कारण है कि अब इन दलों ने भाजपा के खिलाफ जनमानस को भड़काने के लिए प्रदेश के वातावरण को अशांत करने के उपक्रम प्रारम्भ कर दिए हैं। हालात इतने अधिक बिगड़ गये हैं कि जब संसद के नये भवन का उदघाटन होने जा रहा था उस समय सपा के एक मुस्लिम सांसद ने बयान दिया कि नये संसद भवन में नमाज पढ़ने के लिए व्यवस्था की जाए। फिर संसद का सत्र समाप्त हो जाने के बाद भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी और बसपा सांसद दानिश का प्रकरण प्रकट हो जाता है और सभी विरोधी दल आंख मूंदकर केवल और केवल दानिश के समर्थन में ही बयानबाजी करते हैं जबकि दानिश ने पहले प्रधानमंत्री को अपशब्द कहकर विधूड़ी को उकसाया था। सच तो ये है कि बसपा के मुस्लिम सांसद दानिश के पक्ष में सहानुभुति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ वातावरण बनाना चाहते हैं।

यहां पर कुछ अन्य आपराधिक घटनाओं का संज्ञान लेना आवश्यक है क्योंकि इनसे पता चल रहा है कि प्रदेश के शहर-शहर में नफरत का जहर घोला जा रहा है। कुशीनगर, उन्नाव, बदांयू, जालौन और मुरादाबाद आदि जिलों में हुई घटनाएं और इन घटनाओं का पैटर्न बहुत ही चिंताजनक है। उन्नाव में बाबा बोधेश्वर महादेव में सुबह पूजा कर रहे भक्तों पर एक मुस्लिम युवक जावेद ने अचानक डंडे से हमला कर दिया। हमले में सेवा निवृत्त कानूनगो सामेत तीन भक्त गंभीर रूप से घायल हो गये जबकि नौ अन्य लोगों को भी चोटें आईं जिन्हें इलाज के बाद छुट्टी मिल गयी। आरोपी जावेद को वहां उपस्थित भीड़ की सहायता से पुलिस ने पकड़ लिया और कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद जेल भेज दिया है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव होना स्वाभाविक था किंतु पुलिस व जनता की सतर्कता के कारण स्थिति संभल गई। सदा की तरह एक पक्ष के लोग जावेद को मानसिक रोगी बता रहे हैं किंतु जिस प्रकार से घटना को अंजाम दिया गया है उससे स्पष्ट है कि इस घटना व युवक के पीछे कोई न कोई षड्यंत्र तो अवश्य है, बिना किसी संरक्षण के यह अकेला युवक इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने में कैसे सफल हो गया यह जांच का भी विषय है और पुलिस प्रशासन इसमें जुटा है।

बदायूं में जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान शेखूपुर गांव का वातावरण खराब करने का प्रयास किया गया। मुस्लिम युवकों ने शिव मंदिर के पास पहुंचते ही ”सिर तन से जुदा” नारे लगाने प्रारम्भ कर दिये। जुलूस निकल जाने के बाद पुलिस ने कार्यवाही प्रारम्भ की और दो मुस्लिम युवकों शालू व ताजदार सहित 15 अन्य के विरुद्ध सांप्रदायिक वातावरण खराब करने व सामाजिक शत्रुता बढ़ाने की प्राथमिकी लिखी गई। इस घटना का वीडियो भी प्रसारित किया गया। जालौन और फतेहपुर में अराजक तत्वों ने तिरंगे में चक्र की जगह कुरान की आयतें लिखे झंडे को फहरा दिया। यह भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया जिसके आधार पर पुलिस ने तिरंगा बरामद कर वीडियो के आधार पर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। फतेहपुर के बिंदकी में शहर काजी मोहम्मद रजा कादरी सहित 50 लोगों के खिलाफ राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करके चार संदिग्ध युवको में से तीन को हिरासत में लिया है। वहीं मुरादाबाद जिले में पिता-पुत्र ने अपने घर की छत पर पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया और किसी ने उस घर के झंडे सहित वीडियो बनाकर पुलिस को दे दिया जिसके आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए घर पर जाकर झंडा उतारा और पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

निःसंदेह प्रदेश में यह सभी घटनाएं सुनियोजित षड्यंत्र के तहत ही करवायी जा रही हैं और इसमें भी स्वार्थी राजनीति का तड़का लगा हुआ है। वहीं प्रदेश में लाख प्रयासों के बावजूद भी धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं। श्री रामजन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन की तिथि जैसे जैसे निकट आती जायगी वैसे वैसे ईर्ष्या व स्वार्थ की राजनीति से भरे हुए लोग इस प्रकार की घटनाओं को और तीव्रता व विकृति के साथ अंजाम दे सकते हैं। यह समय शासन प्रशासन के साथ साथ सर्व समाज के लिए भी सतर्कता का समय है क्योंकि आगामी दिनों में विजयादशमी और दीपावली जैसे प्रमुख हिंदू पर्व आ रहे हैं। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि भी एक एक दिन करके निकट आ रही है, इस अवसर पर वृहद् हिन्दू समाज वातावरण को राममय बनाने का उत्सव भी करेगा। आगामी दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण राजनैतिक गतिविधियां भी उफान पर होंगी, जिनका लाभ भी अराजक तत्व उठाना चाहेंगे।

इतना सब कुछ होने के बाद भी केंद्र व प्रदेश सरकार की अनेक योजनाओं का सर्वाधिक लाभ गरीब मुस्लिम परिवारों को मिल रहा है। तीन तलाक जैसे कानूनों के कारण मुस्लिम समाज की महिलएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी इन विषयों को लेकर मुस्लिम समाज विशेषकर मुस्लिम महिलाओं में अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। कोई तार्किक कार्यक्रम पास में न होने के कारण विरोधी इसका उत्तर, प्रदेश में साम्प्रदायिक वारदातों को हवा देकर मुस्लिम तुष्टिकरण करके देना चाहते हैं और यही कारण है कि विरोधी दलों की शह पर प्रदेश में निरंतर अराजकता का वातावरण बनाने का असफल प्रयास किया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार विपक्षी दलों के सबसे बड़े मुस्लिम वोटबैंक पसमांदा समाज को साधने की रणनीति बनाई है। प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी करीब पांच करोड़ है और यह मुस्लिम समाज प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 29 पर असर डालता है। प्रदेश में भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद से पसमांदा मुस्लिम और लाभार्थियों को साधने का अभियान चला रखा है। विगत निकाय चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी ने कई सीटों पर पसमांदा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था और उनमें से अधिकांश सीटों पर सफलता भी मिली है।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version