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तत्वज्ञान से ही मोक्ष की प्राप्ति :: आचार्य सुरेश जोशी , बाराबंकी

महरौनी (ललितपुर)। महर्षि दयानंद सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में विगत 2 वर्षों से वैदिक धर्म के मर्म को युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से प्रतिदिन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित आर्यों का महाकुंभ में दिनांक 5 नवंबर 2022,शनिवार को “ज्ञान के चार प्रकार “विषय पर मुख्य वक्ता आर्य जगत् के मूर्धन्य वैदिक विद्वान आचार्य सुरेश जोशी बाराबंकी ने कहा कि ज्ञान चार प्रकार के होते हैं जिनमें मिथ्या ज्ञान, संशयात्मक ज्ञान, पदार्थ ज्ञान और तत्वज्ञान हैं।इनमें प्रारम्भिक तीन ज्ञान अविद्या अन्धकार में फंसाने वाले हैं।सत्य – असत्य में अन्तर बताने में अक्षम हैं।ये ज्ञान मनुष्यों में भ्रम फैलाते हैं। इसलिए हमें मुख्य रूप से तत्व ज्ञान की प्राप्ति करनी चाहिए। तत्वज्ञान के अंतर्गत तीन अनादि पदार्थ आते हैं- ईश्वर ,जीव और प्रकृति ।इन तीनों अनादि सत्ता को सही-सही जानने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती हैऔर इसके लिए वेदों को पढ़ना चाहिए।
अन्य वक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आचार्य आनन्द पुरुषार्थी होशंगाबाद,प्रसिद्ध वैदिक विद्वान् प्रो.डा.व्यास नन्दन शास्त्री वैदिक बिहार, प्रो. डॉ. निष्ठा विद्यालंकार लखनऊ ,प्रो. डॉ. वेद प्रकाश शर्मा बरेली, डॉ. कपिल देव शर्मा दिल्ली, प्रधान प्रेम सचदेवा दिल्ली, आर्या चन्द्रकान्ता “क्रांति “हरियाणा, युद्धवीर सिंह हरियाणा, भोगी प्रसाद म्यांमार, देवी कुमार सिंह दुबई, परमानंद सोनी भोपाल, चंद्रशेखर शर्मा, जयपुर, शिक्षका अनुपमा सिंह, शिक्षिका सुमनलता सेन आर्या, सुरेश कुमार गर्ग गाजियाबाद, अवधेश प्रताप सिंह बैंस, विमलेश कुमार सिंह आदि सैकड़ों आर्य जन आर्यों का महाकुंभ से जुड़कर लाभ उठा रहे हैं।
कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध भजनोपदेशका रुक्मिणी जोशी बाराबंकी, कमला हंस, दया आर्या हरियाणा, संतोष सचान, अदिति आर्या के सुमधुर भजनों से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हुए और झूम रहे।
कार्यक्रम का संचालन मंत्री आर्य रत्न शिक्षक लखनलाल आर्य तथा प्रधान मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ ने सबके प्रति आभार जताया।

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