क्यों करना चाहिए हमें भारतीय होने पर गर्व ? आइए, जानते हैं इतिहास के इन तथ्यों से

🕉️🕉️🕉️🙏✍️🙏🕉️🕉️🕉️। चलिए *हजारो साल* पुराना इतिहास पढ़ते हैं।

*सम्राट शांतनु* ने विवाह किया एक *मछवारे की पुत्री सत्यवती* से।उनका बेटा ही राजा बने इसलिए भीष्म ने विवाह न करके,आजीवन संतानहीन रहने की *भीष्म प्रतिज्ञा* की।

सत्यवती के बेटे बाद में क्षत्रिय बन गए, जिनके लिए *भीष्म आजीवन अविवाहित रहे, क्या उनका शोषण होता होगा..???*

महाभारत लिखने वाले *वेद व्यास भी मछवारे थे*, पर महर्षि बन गए, गुरुकुल चलाते थे वो।

*विदुर, जिन्हें महा पंडित कहा जाता है वो एक दासी के पुत्र थे*, हस्तिनापुर के *महामंत्री* बने, उनकी लिखी हुई *विदुर नीति, राजनीति का एक महाग्रन्थ है।*

*भीम ने वनवासी हिडिम्बा* से विवाह किया।

*श्रीकृष्ण दूध का व्यवसाय* करने वालों के परिवार से थे,

उनके भाई *बलराम खेती करते थे*, हमेशा *हल* साथ रखते थे।

*यादव क्षत्रिय* रहे हैं, कई प्रान्तों पर शासन किया और *श्रीकृषण* सबके पूजनीय हैं, *गीता* जैसा ग्रन्थ विश्व को दिया।

*राम के साथ वनवासी निषादराज गुरुकुल में पढ़ते थे*।

उनके पुत्र *लव कुश महर्षि वाल्मीकि के गुरुकुल* में पढ़े जो *वन के वासी थे।

तो ये हो गयी *वैदिक काल* की बात, स्पष्ट है कोई किसी का शोषण नहीं करता था,सबको *शिक्षा का अधिकार* था, कोई भी *पद* तक पहुंच सकता था अपनी *योग्यता* के अनुसार।

*वर्ण सिर्फ काम के आधार पर थे वो बदले जा सकते थे*, जिसको आज *इकोनॉमिक्स में डिवीज़न ऑफ़ लेबर* कहते हैं वो ही।

प्राचीन भारत की बात करें, तो भारत के सबसे बड़े जनपद मगध पर जिस *नन्द वंश का राज रहा वो जाति से नाई थे* ।

नन्द वंश की शुरुवात *महापद्मनंद* ने की थी जो की राजा नाई थे। बाद में वो *राजा बन गए फिर उनके बेटे भी, *बाद में सभी क्षत्रिय ही कहलाये*।

उसके बाद *मौर्य वंश* का पूरे देश पर राज हुआ, जिसकी शुरुआत *चन्द्रगुप्त से हुई,जो कि एक मोर पालने वाले परिवार से थे* और एक *ब्राह्मण चाणक्य ने* उन्हें पूरे देश का *सम्राट* बनाया । *506 साल* देश पर *मौर्यों का राज रहा।*

फिर *गुप्त वंश* का राज हुआ, जो कि *घोड़े का अस्तबल चलाते थे* और *घोड़ों का व्यापार* करते थे।140 साल देश पर गुप्ताओं का राज रहा।

केवल *पुष्यमित्र शुंग* के 36 साल के राज को छोड़ कर *92% समय प्राचीन काल में देश में शासन उन्ही का रहा, जिन्हें आज दलित पिछड़ा कहते हैं तो शोषण कहां से हो गया*..??? यहां भी कोई *शोषण* वाली बात नहीं है।

फिर शुरू होता है *मध्यकालीन भारत का समय जो सन 1100- 1750 तक है,* इस दौरान अधिकतर समय, अधिकतर जगह *मुस्लिम शासन रहा।*

अंत में *मराठों* का उदय हुआ, *बाजी राव पेशवा* जो कि ब्राह्मण थे, ने *गाय चराने वाले गायकवाड़* को गुजरात का राजा बनाया, *चरवाहा जाति के होलकर* को *मालवा का राजा* बनाया।

*अहिल्या बाई होलकर* खुद बहुत बड़ी शिवभक्त थी। ढेरों *मंदिर गुरुकुल उन्होंने बनवाये*।

*मीरा बाई जो कि राजपूत थी, उनके गुरु एक चर्मकार रविदास थे* और *रविदास के गुरु ब्राह्मण रामानंद* थे|।

यहां भी *शोषण वाली* बात कहीं नहीं है।

*मुग़ल काल से देश में गंदगी शुरू हो गई* और यहां से *पर्दा प्रथा, गुलाम प्रथा, बाल विवाह* जैसी चीजें शुरू होती हैं।

*1800-1947 तक अंग्रेजो के शासन* रहा और यहीं से *जातिवाद* शुरू हुआ । जो उन्होंने *फूट डालो और राज करो* की नीति के तहत किया।

अंग्रेज अधिकारी *निकोलस डार्क की किताब “कास्ट ऑफ़ माइंड”* में मिल जाएगा कि कैसे अंग्रेजों ने *जातिवाद, छुआछूत को बढ़ाया* और कैसे *स्वार्थी* भारतीय नेताओं ने अपने स्वार्थ में इसका *राजनीतिकरण* किया।

इन हजारों सालों के इतिहास में *देश में कई विदेशी आये* जिन्होंने भारत की सामाजिक स्थिति पर किताबें लिखी हैं, जैसे कि *मेगास्थनीज* ने इंडिका लिखी, *फाहियान*, *ह्यू सांग* और *अलबरूनी* जैसे कई। किसी ने भी नहीं लिखा की *यहां किसी का शोषण होता था।*

*योगी आदित्यनाथ* जो ब्राह्मण नहीं हैं, *गोरखपुर मंदिर के महंत हैं, पिछड़ी जाति की *उमा भारती* महा मंडलेश्वर रही हैं। जन्म आधारित जातीय व्यवस्था *हिन्दुओ को कमजोर* करने के लिए लाई गई थी।

इसलिए *भारतीय होने पर गर्व करें* और;। *घृणा, द्वेष और भेदभाव के षड्यंत्र* से खुद भी बचें और औरों को भी बचाएं ।

सोशल मीडिया से साभार

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