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नवसशयेष्टि क्या क्यों कैसे ?
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धर्म-अध्यात्म
सृष्टि में मनुष्य और अन्य प्राणियों का जन्म क्यों होता आ रहा है ?
ओ३म् ========= हम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में...
वेद और पाप निवारण
वेदों में पाप निवारण के विषय में ईश्वर से सबसे अधिक प्रार्थना निष्पापता अर्थात कभी पाप न करने की गई हैं। पाप निवारण की...
अघमर्षण मंत्रों की भावना के अनुरूप आचरण से पापों से रक्षा संभव
ओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य पूर्वजन्मों के कर्मों का भोग एवं शुभकर्मों को करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति करना है। यह ज्ञान...
वेद ही क्यों ?
पं० क्षितिश कुमार वेदालंकार इस प्रश्न को उपस्थित करने वाले दो प्रकार के वर्ग हैं। एक वर्ग को हम आस्तिक या धार्मिक लोगों का...
क्या है शिव ,शिवलिंग और भस्मासुर का वैज्ञानिक और वैदिक सत्य ?
मूढ जो होते हैं वह गूढ़ को न समझ कर रूढ़ की बात करते हैं। ऐसे लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान विद्वान ,...
जीवन में कर्म की प्रधानता
-पण्डित गंगाप्रसाद उपाध्याय कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतँ समा:। एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे।। (यजुर्वेद अध्याय ४०, मन्त्र २) अन्वय :- इह कर्माणि कुर्वन् एव...