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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

संविधान को नीलाम करने वाली कांग्रेस और उसकी राजनीति

कांग्रेस ने तो संविधान भी नीलाम कर दिया !!
कुछ लोग इस बात को सिर्फ एक मुहावरा और झूठ मानेंगे , लेकिन यह सौप्रतिशत सत्य है , और जिन लोगों को भारतीय लोकतंत्र और देश पर प्रेम है वह जरूर कहेंगे कि संविधान को नीलाम करने वाले या तो देशद्रोही हो सकते हैं ,या फिर ऐसे लोग होसकते है जो वर्णसंकर हों यानी जो विदेशी लुटेरों के वंशज हो , या दोगली नस्ल के हों ,जिनको देश से नहीं सिर्फ सत्ता से प्रेम होता है ,
क्योंकि देश प्रेम के बारे में हिन्दुओं और मुसलमानों के बिलकुल विपरीत विचार हैं , इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता की की भारत मूलतः हिन्दू देश है , हिन्दू भारत में कहीं बाहर से नहीं आये , और न हिन्दुओं ने कभी देश पर हमला करके उस पर कब्ज़ा किया , हिन्दू अनादि काल से ही यहाँ रहते आये हैं , इसलिए वह ही इस देश के उत्तराधिकारी और स्वामी हैं
लेकिन मुसलमान ऐसा नहीं मानते , वह खुद को उन हमलावरों के वारिस मानते हैं जिन्होंने युद्ध करके भारत के कुछ भाग कर कब्ज़ा कर लिया था ,
मुसलमान मानते हैं कि युद्ध में जीती गयी जमीन धन सम्पदा सब विजेता की मिल्कियत की होती है , इसी लिए मुसलमान खुद को भारत का नागरिक नहीं बल्कि मालिक समझते हैं , सैकड़ों साल तक इस देश में रहने के बावजूद मुसलमान खुद को श्रेष्ठ और हिन्दुओं को हींन ,मुशरिक या काफिर ही मानते हैं , यही कारन है कि हमेशा हिन्दू मुस्लिम दंगा ही होते हैं , कभी हिन्दू बौद्ध , हिन्दू जैन , या हिन्दू सिख दंगा क्यों नहीं होते ?
और जब हिन्दू देशभक्त , क्रन्तिकारी , सुभाष , भगत सिंह , दयानन्द , सावरकर देश को अंग्रेजी शासन से मुक्त करने का कार्य कर रहे थे मुसलमान खिलाफत मूवमेंट चला रहे थे , और सोच रहे थे कि जब अंगरेज भारत छोड़ कर जायेंगे तो जाते जाते देश की बागडोर दिल्ली के आखरी बादशाह को सौप देंगे , लेकिन जब ऐसा होता हुआ नहीं लगा तो मुसलमानों ने भारत के टुकड़े करके अपने लिए अलग देश की मांग रख दी ,और जिन्ना ने उस देश का नाम पाकिस्तान रखा
जिन्ना ने गाँधी से सामने तर्क दिया कि हम मुसललमान हिन्दुओं के साथ कभी नहीं रह सकते क्योंकि हमारी तहजीब , जुबान , खानपान , अकीदत , और मजहब हिन्दुओं से बिलकुल अलग है , यहाँ तक हमारा खुदा भी अलग है , एक बार को गाँधी ने जिन्ना की बात ठुकरा दी थी ,लेकिन गयासुद्दीन गाजी के वंशज नेहरू ने गाँधी को देश के विभाजन के लिए पटा लिया . आखिर 14 अगस्त 1947 को देश को तोड़ कर पाकिस्तान बना दिया गया , और उसे इस्लामी राज्य घोषित कर दिया गया
चूँकि इस्लाम के आधार पर पाकिस्तान अलग हो हो गया तो बाकि भारत अपने आप ही उसी दिन हिन्दू राज्य हो गया , और पूरे विश्व ने इस सत्य को मान लिया था शायद , इसी लिए तत्कालीन नेताओं ने भारत को हिन्दू राज्य घोषित करने की जरुरत नहीं समझी , क्योंकि सारी दुनिया इस बात को मान चुकी थी
1-संविधान की जरूरत क्यों पड़ी ?
आजादी से पहले भारत के ब्रिटिश शासित भाग पर इंडिया एक्ट (IndiaAct ) लागू था जो सन 1930 में बना था , अंगरेज उसी के अनुसार राज्य चलाते थे , लेकिन बाकी भाग में अनेकों देसी रियासतें थी जो अपनी मर्जी के मुताबिक अपना राज्य चलाती थी , और जब सब देसी रियासतों को सरदार पटेल ने भारत में विलय करा दिया तो , एक ऐसे कानून यानी संविधान की जरुरत हुई जो पूरे भारत पर लागू हो , और जिसके अनुसार शासन व्यवस्था चलाई जा सके , और बाबा साहब अम्बेडकर ने इस जिम्मेदारी बीड़ा उठाया , इसके लिए उन्होंने बड़े बड़े देशों के संविधानों का अध्यन किया , बरसों की मेहनत के बाद भारत के संविधान का मसौदा तैयार कर लिया ,चूँकि पाकिस्तान बन जाने के बाद मुसलमान भारत को दारुल हरब यानि काफिरों का देश कहने लगे थे , इसलिए बाबा साहब ने सोचा कि भारत का संविधान ऐसा होना चाहिए जिसमे प्राचीन हिन्दू संस्कृति , की झलक स्पष्ट दिखाई दे , इसके लिए बाबा साहब ने बंगाल के प्रसिद्ध चित्रकार ” नंदलाल बसु ( 1883-1966 ) को ऐसे चित्र बनाने को कहा , हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णित प्रसंग , हिन्दू महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बंधित हो , और जिनको संविधान में शामिल किया जा सके , नंदलाल ने बाबा साहब को करीब तीन हजार चित्र दिखाए , जिनमे कुल 32 चित्र बाबा साहब ने पसंद किये , जो संविधान के प्रथम संस्करण में छापे गए और संविधान की मूल प्रति हीलियम गैस से भरे एक बक्से में पार्लियामेंट के ग्रंथागार में सुरक्षित रखा दी गयी , जो 13-दिसंबर 2012 तक वहीँ रखी थी , लेकिन उसकी प्रतियाँ बहुत कम छपी थीं
2-संविधान की विशेषता
यह विश्व के एकमात्र ऐसा संविधान था जिसमे हर अध्याय के प्रारम्भ में किसी न किसी हिन्दू अवतार , महापुरुष , का चित्र है , यह संविधान हाथ से बने कागज पर भगवा अक्षरों से छपा था , सबसे पहले अशोक चिन्ह के नीचे ” उपनिषद् के वाक्य का अंश है ” सत्यमेव जयते ” पूरा वाक्य है ” सत्यमेव जयते , नानृतं विद्यते पंथा अयनाय ” अर्थात सत्य की विजय होती है , और असत्य को भागने अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं मिलता , इस संविधान में राम लक्ष्मण सीता , गीता का उपदेश देते हुए कृष्ण , हनुमान , बुद्ध , महावीर , राणा प्रताप , शिवाजी , गुरु गोविंंद सिंह , रानी लक्ष्मी बाई , सुभाष चंद्र बोस , और अंत में कांग्रेस के बाप गाँधी का भी चित्र है
कुछ नमूने दिए जा रहे हैं
1 -राम लक्षमण
https://www.wdl.org/en/item/2672/view/1/19/
2 -कृष्ण गीता उपदेश
https://www.wdl.org/en/item/2672/view/1/41/
3 – हनुमान लंका दहन
https://www.wdl.org/en/item/2672/view/1/211/
संविधान के सभी चित्र देख कर मूर्ख से मुर्ख व्यक्ति भी समझ लेगा कि यह हिन्दू संविधान है , और यही बात दोगले हिन्दू विरोधी कांग्रेसियों के सीने में खंजर की तरह चुभ रही थी ,
3-कांग्रेस ने संविधान को नीलाम क्यों किया
जब देश भक्त कांग्रेसी मर गए तो कांग्रेस में हिन्दू विरोधी नेहरू गाँधी खानदान हावी हो गया , पहले तो नेहरू ने धारा 370 शामिल करके हमेशा के लिए समस्या कड़ी कर दी , फिर उसकी बेटी मैमुना बेगम उर्फ़ इंदिरा ने संविधान में सेकुलर सब्द जोड़ दिया , फिर उसके लौंडे ने शाहबानो मामले में मुल्लों को खुश करके संविधान में संशोधन कर दिया , आखिर में जब 2012 में सोनिया का चमचा मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बना तो उसने लोकसभा के ग्रंथागार में राखी हुई संविधान की वह मूल प्रति 31 लाख में इंगलैंड में नीलाम कर दी , यह खबर लन्दन के अखबार में छपी थी ,
1st edition of Constitution sold for Rs 35 lakhs

Ashis Ray | TNN | Dec 13, 2012, 04.27 AM IST

LONDON: A copy of a first edition of the Indian Constitution signed by the first president of India Rajendra Prasad was auctioned by Sotheby’s in London on Wednesday for nearly £40,000. It was bought by a private collector and would by today’s exchange rate go for about 35 lakhs.A spokesman for the auctioneer would not reveal the name of the seller. “He has asked to remain anonymous,” he said. The asking price for the item was £5,000. In the event, it went for eight times this expectation.
The 1950 limited edition publication in English and Devnagari and printed on stiff Whatman paper is not only authenticated by Prasad’s signature, but also signed by Jawahar Lal Nehru, the then prime minister of India. It has a gilt stamp of the state emblem of India on the upper cover and gilt lettering on the spine.

सोनिया को डर था की अगर मोदी प्रधान मंत्री बनेगा तो वह असली संविधान की प्रतियां लोगों में बाँट देगा , और उसके आधार पर देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देगा , और उसका पिल्ला देश से भागने पर विवश होगा .
हिन्दुओ सावधान अगर सोनिया कुपुत्र देश का प्रधान मंत्री बन गया तो देश को नीलाम करके इटली भाग जायेगा

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