जब सत्ता राजनीतिज्ञों के सिर चढक़र बोलती है, तो वह अच्छे-अच्छे शूरमाओं से उल्टे-सीधे काम करा जाती है। सत्ता का नशा सारे नशाओं से भयंकर होता है। बात यदि सपा की जाए तो इस पार्टी का इतिहास तो और पार्टियों से इस मामले में 21 ही रहा है।
अब एक ऐसे ही मामले में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को टेलीफोन पर धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोम प्रभा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत ठाकुर की अर्जी को मंजूर करते हुए 14 सितम्बर के दिनांकित आदेश में कहा, ‘थानाध्यक्ष हजरतगंज, लखनऊ को आदेशित किया जाता है कि वह समुचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना सुनिश्चित करें एवं कृत कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराएं।’
इसमें दो मत नही कि मुलायम सिंह यादव एक सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं और वह समय के अनुसार निर्णय लेने में भी बहुत निपुण हैं। अभी पिछले दिनों जब कांग्रेस संसद को नही चलने दे रही थी तो नेताजी ने कांग्रेस का ‘हाथ’ झटककर संसद को चलाने में मदद देकर भाजपा का ‘कमल’ खिला दिया था। परंतु उनके विषय में यह भी सच है कि वह विवादास्पद बयान भी दे जाते हैं।
अब यदि ताजा प्रकरण सच है तो नेताजी के लिए नोएडा के यादव िसंह प्रकरण जैसा दर्दनाक प्रकरण यह और जुड़ गया है।
राजनीतिज्ञों की इस देश में यह भी आदत हो गयी है कि वह नौकरशाही के डंडे से हांकना चाहते हैं। उधर नौकरशाही भी कम नही हैं, वह भी हलके राजनीतिज्ञों को बहकाने और भ्रमित करने में कोई कमी नही छोड़ती, इसका अभिप्राय है कि नौकरशाही को नियंत्रण में रखने के लिए भी मजबूत आदमी की जरूरत होती है। जिससे मजबूती दिखाते-दिखाते भी कई बार नेताओं से गलतियां हो जाती हैं।
परिस्थितियां चाहे जो हों यदि न्यायालय ने अब संज्ञान लिया है तो एक बात तो स्पष्ट हो ही गयी है, कि आने वाले दिन नेताजी के लिए अच्छे नही रहने वाले। सब लोग मोदी पर ‘अच्छे दिन’ न आने के ताने मारते हैं, पर समय की विडंबना देखिए कि ‘अच्छे दिन’ का ताना मारने वाले लोगों के ही ‘अच्छे दिन’ हाथ से निकले जा रहे हैं।
–देवेन्द्रसिंह आर्य