आतंकवाद से निपटने में इजराइल का उदाहरण ले भारत : बाबा नंद किशोर मिश्र

नई दिल्ली (सत्यजीत कुमार)  अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र ने कहा है कि आतंकवाद से निपटने में इजराइल का उदाहरण भारत को लेना चाहिए । ज्ञात रहे कि केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर 1998 में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री के मारे जाने की खबर आ रही है। इन हमलों को आतंकी संगठन अलकायदा ने अंजाम दिया था। हमलों के 22 साल बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने ईरान की राजधानी तेहरान में छिपे अलकायदा के नंबर दो सरगना अबू मोहम्‍मद अल मस्‍त्री (58) को मार ग‍िराया। हमले में अलकायदा सरगना ओसामा बिना लादेन की बहू भी मारी गई।
अमेरिकी दूतावास पर अलकायदा के आतंकी हमले में 224 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। इस हमले का मास्टरमाइंड अबू मोहम्मद को माना जाता है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अलकायदा के दूसरे नंबर के नेता अबू मोहम्‍मद ऊर्फ अब्‍दुल्‍ला अहमद अब्‍दुल्‍ला को उसकी बेटी के साथ गत 7 अगस्‍त को तेहरान की सड़कों पर गोली मार दिया गया।
अबू मोहम्मद पर था पर था 1 करोड़ डॉलर का इनाम
जानकारी के मुताबिक इस हमले को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के सीक्रेट दस्‍ते ने अंजाम दिया है। अफ्रीकी देश केन्‍या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर 9 अगस्‍त 1998 को हुए भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे। अबू मोहम्मद पर एफबीआई की ओर से एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया गया था।
न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने कहा कि अबू मोहम्‍मद की हत्‍या अभी तक सीक्रेट थी। रोचक बात यह थी कि ईरान के सरकारी मीडिया ने इस घटना की खबर दी थी और मारे जाने वाले व्‍यक्ति का नाम हबीब दाउद और उसकी 27 साल की बेटी मरियम बताया था। ईरानी मीडिया ने कहा कि हबीब दाउद लेबनान का इतिहास का प्रोफेसर था। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने कहा कि दाउद नाम का कोई व्‍यक्ति मौजूद नहीं था और इस फर्जी नाम का इस्‍तेमाल ईरान की खुफिया एजेंसी के अधिकारी करते थे। ईरान के एजेंटों ने उसे शरण दे रखी थी।
मरियम का निकाह लादेन के बेटे हमजा से हुआ था
बताया जा रहा है कि अलकायदा सरगना गत 7 अगस्‍त को अपनी कार से रात को 9 बजे जा रहा था। इस दौरान दो लोगों ने कार रुकवाई और अबू मोहम्‍मद और उसकी बेटी मरियम को गोली मार दी। मरियम की शादी ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन से हुई थी। हमजा पहले ही मारा जा चुका है। सीक्रेट दस्ते ने साइलेंसर लगी बंदूक का इस्‍तेमाल किया जिससे किसी को हमले का अहसास नहीं हुआ। अभी तक इस हमले की किसी भी देश ने जिम्‍मेदारी नहीं ली है। अलकायदा ने भी अभी अबू मोहम्‍मद की मौत का ऐलान नहीं किया है।
हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि जब तक आतंकवादियों के साथ इसी प्रकार का व्यवहार नहीं किया जाएगा तब तक भारत भी आतंकवाद से ग्रसित रहेगा । इसलिए समय आ गया है जब आतंकवादियों को ढूंढ ढूंढ कर इजराइल की तर्ज पर समाप्त किया जाए।

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